जब राज कपूर ने अपनी हीरोइन निम्मी से राखी बँधवाई

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

राज कपूर (Raj Kapoor) की छवि एक ऐसे रोमांटिक हीरो की रही है जो अपनी निजी ज़िंदगी में भी अपनी नर्गिस (Nargis) और वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) जैसी हीरोइन से खूब रोमांस करते थे। लेकिन उन्हीं राज कपूर की ज़िंदगी का एक पहलू यह भी है कि अपनी एक हीरोइन से तो उन्होंने राखी बंधवाकर, उससे बहन भाई का नाता बना लिया था। जबकि वह हीरोइन नर्गिस और वैजयंतीमाला से ही नहीं उस दौर की अन्य कई हीरोइन से भी ज्यादा खूबसूरत थी। इस हीरोइन का नाम था- निम्मी (Nimmi)।

निम्मी को आज की पीढ़ी के जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें,निम्मी हिन्दी सिनेमा की एक ऐसी अभिनेत्री रहीं जो अपनी मासूमियत, सुंदरता और दिलकश अदाओं के लिए मशहूर रहीं। निम्मी का फिल्म करियर यूं सिर्फ करीब 15 साल का रहा। उनके खाते में मुश्किल से कुल 50 फिल्में आती हैं। लेकिन आज भी असंख्य लोग उन्हें शिद्दत से याद करते हैं। जिन्होंने निम्मी का वह सुनहरा दौर देखा है उनके तो दिलों में बसती थीं निम्मी।

निम्मी की पहली फिल्म ‘बरसात’ जब 1949 में प्रदर्शित हुई उस दौर में भारतीय सिनेमा तेजी से लोकप्रियता की ओर बढ़ रहा था। राज कपूर अपने बैनर से इससे पहले ‘आग’ जैसी सुपर फ्लॉप फिल्म बना चुके थे। लेकिन उसके बाद भी वह पहले से अधिक जोश के साथ अपनी दूसरी फिल्म ‘बरसात’ की तैयारियों में जुटे थे। ‘बरसात’ के लिए वह अपने अपोजिट रेशमा के रोल लिए तो नर्गिस को फ़ाइनल कर चुके थे। लेकिन फिल्म के सहनायक प्रेम नाथ के साथ नीला के रोल के लिए वह दूसरी हीरोइन की तलाश में जुटे थे।

एक दिन राजकपूर मुंबई के सेंट्रल स्टूडियो में फ़िल्मकार महबूब खान की फिल्म ‘अंदाज़’ की शूटिंग कर रहे थे। जिसमें उनके साथ दिलीप कुमार और नर्गिस भी थे। उसी समय एक बला सी खूबसूरत और मासूम लड़की भी, नर्गिस की वालिदा जद्दन बाई के साथ बैठकर फिल्म की शूटिंग देख रही थी। शूटिंग ब्रेक हुआ तो राज कपूर जद्दन बाई को आदाब करके पैर छूने के लिए उनके पास आए तो उनकी नज़र इस शोख हसीना पर पड़ी। राज कपूर ने तभी उस लड़की से पूछा – ए लड़की तुम्हारा नाम क्या है? यह सुन वह लड़की एक दम घबरा गयी। बड़ी मुश्किल से सकुचाते हुए बोली- नवाब बानो।

नवाब बानो को देखते ही राज कपूर को लगा यही ‘बरसात’ की नीला है। चंद दिन बाद राज कपूर ने नवाब बानो को स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया। कुछ ही देर बाद नवाब ‘बरसात’ की सेकंड लीड हीरोइन बन चुकी थी। जिसे राज कपूर ने नया नाम दिया- निम्मी।

कुछ ही दिन बाद अपनी पहली ही फिल्म ‘बरसात’ से नर्गिस, राज कपूर और प्रेम नाथ के साथ निम्मी भी एक बड़ी स्टार बन चुकी थी। यूं उत्तर प्रदेश के आगरा में 18 फरवरी 1933 को जन्मी नवाब बानो का निम्मी बनने का सफर तो मुश्किल नहीं रहा। लेकिन तब सिर्फ 16 बरस की निम्मी के लिए बड़े फिल्म स्टार के साथ काम करना सहज नहीं था। राज कपूर से तो निम्मी बात बात पर डरती थीं। राज कपूर भी उस समय यूं 25 साल के ही थे। लेकिन पृथ्वीराज कपूर जैसी बड़ी हस्ती के बेटे,मशहूर हीरो और अब फिल्म के निर्माता निर्देशक होने के कारण भी राज कपूर का जलवा और रुतबा देखते ही बनता था।

राज कपूर निम्मी के इस फोबिया को जल्द ही समझ गए। शूटिंग के दौरान घबराई सी निम्मी को देख राज कपूर ने उनके हाथ में कलावे वाला लाल धागा थमाते हुए कहा कि ये लो यह मेरी कलाई पर बांध दो। निम्मी,राज कपूर की इस बात से पहले तो चौंकी लेकिन फिर उनसे बेहद प्रभावित हो गईं। निम्मी ने वह धागा राज कपूर की कलाई पर बांध दिया। उसके बाद निम्मी की झिझक तो दूर हुई ही, साथ ही तभी से दोनों के बीच बहन भाई का रिश्ता भी बन गया। निम्मी बताती थीं-“जब तक राज कपूर जिंदा रहे मैं उन्हें राखी बांधती रही।“

निम्मी-राज कपूर के इस रिश्ते का सम्मान पूरा कपूर परिवार भी करता था। जब 25 मार्च 2020 को निम्मी का इंतकाल हुआ, तब ऋषि कपूर ने भी निम्मी के साथ अपने पारिवारिक रिश्तों को याद करते हुए उनके लिए जन्नत की दुआ की थी।

             ‘आन’ से पहुंची हॉलीवुड तक धूम 

निम्मी के फिल्म करियर को ध्यान से देखें तो उन्होंने अपने करियर में ‘सेकंड लीड’ के किरदार काफी निभाए। लेकिन फिल्म की दूसरी हीरोइन होने पर भी निम्मी को जो लोकप्रियता मिली वह अद्धभुत रही। ‘बरसात’ के बाद निम्मी को महबूब खान ने अपनी फिल्म ‘आन’ में दिलीप कुमार के साथ लिया। लेकिन  ‘आन’ से पहले निम्मी की वफा,जलते दीप, सज़ा, बड़ी बहू और उषा किरण के साथ वह ‘दीदार’ फिल्म भी आ गयी जिसमें उनके साथ दिलीप कुमार थे। ‘दीदार’ को भी बहुत पसंद किया गया और दिलीप कुमार और निम्मी की जोड़ी इससे चल निकली। तभी एक और फिल्म ‘दाग’ में भी दिलीप कुमार और निम्मी साथ आए तो वह भी हिट हो गयी। यहाँ बता दें कि कुछ बरस बाद दिलीप कुमार और निम्मी की एक और हिट फिल्म ‘उड़ान खटोला’ भी आई।

इधर ‘आन’ इसलिए तो अहम थी ही कि इसमें दिलीप कुमार थे, निम्मी थीं। साथ ही इसलिए भी कि ‘आन’ में एक नयी अभिनेत्री नादिरा लीड हीरोइन थी। लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि ‘आन’ देश की ऐसी पहली फिल्म थी जो टेक्निकलर फिल्म थी। जुलाई 1952 में ‘आन’ का वर्ल्ड प्रीमियर लंदन में रखा गया। निम्मी भी इसके प्रीमियर के लिए लंदन गईं थीं। वहाँ निम्मी को नादिरा से भी ज्यादा सुर्खियां मिलीं।

निम्मी ने अपने फिल्म करियर में राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे शिखर के नायकों के साथ काम किया। तो प्रेम नाथ, अशोक कुमार, गुरु दत्त, किशोर कुमार, संजीव कुमार, धर्मेन्द्र ,राजेन्द्र कुमार और सुनील दत्त जैसे और भी कई हीरो के साथ फिल्में कीं।

निम्मी की अन्य प्रमुख फिल्मों में अमर,अलिफ लैला,सोहनी महिवाल,भाई भाई, दाल में काला,चार दिल चार राहें,भँवरा,बसंत बहार,कुन्दन,पूजा के फूल,शमा, अंजली,अंगुलीमार और लव एंड गॉड भी हैं। ।

अली रजा से निकाह के बाद फिल्मों से संन्यास

इसे संयोग कहें या कुछ और कि जब निम्मी पहली बार फिल्म ‘अंदाज’ की शूटिंग देखने गयी थीं। तब जहां उनकी राज कपूर से मुलाक़ात हुई और वह उन्हें फिल्मों में लेकर आए। साथ ही ‘अंदाज़’ के सेट पर तब फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर अली रज़ा भी मौजूद थे जो आगे चलकर निम्मी की जिंदगी के हमसफर बने,उनके शौहर बने।

निम्मी ने सन 1965 में अपनी शादी के बाद फिल्मों से संन्यास ले लिया था। तभी उनकी फिल्म ‘मेरे महबूब’ प्रदर्शित हुई थी। फिल्म में राजेन्द्र कुमार और साधना थे। निम्मी फिल्म में राजेन्द्र कुमार की बड़ी बहन के रोल में थीं। सही मायने में उसके बाद निम्मी ने कोई फिल्म नहीं की। लेकिन फिल्मों से दूर रहने के बाद भी वह अपने फिल्म सर्कल के कुछ लोगों से मिलती रहती थीं। हालांकि अली रजा के 2007 में कुछ करने के बाद वह अकेली सी पड़ गयी थीं। दोनों की अपनी संतान का सुख तो नहीं मिला। पर निम्मी ने अपनी बहन के बेटे को गोद लिया हुआ था लेकिन वह भी लंदन में रहता था। इससे निम्मी अपने कुछ दो तीन खास लोगों के सहारे,अपने जुहू के पुराने घर में,अपनी जिंदगी खामोशी से जी रही थीं। लेकिन कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में ही लाजवाब अदाकारा निम्मी इस दुनिया को अलविदा कह गईं। लेकिन निम्मी की फिल्में, निम्मी की बातें यूं ही याद आती रहेंगी। ।

 

 

 

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