पदम विभूषण लेने के बाद दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला ने पीएम मोदी पर बोली यह बड़ी बात

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (Droupadi Murmu) ने गुरुवार 9 मई को विभिन्न हस्तियों को पदम पुरस्कारों (Padma Awards) से अलंकृत किया। राष्ट्रपति भवन (Rashtrpati Bhavan) में आयोजित पदम पुरस्कारों का यह दूसरा चरण था। जिसमें कुल 132 पदम विजेताओं में से 66 व्यक्तियों को सम्मानित किया। जबकि अन्य 66 हस्तियों को राष्ट्रपति 22 अप्रैल को पहले ही सम्मानित कर चुकी हैं।

इस दूसरे चरण में यूं तो कई हस्तियाँ थीं। लेकिन दिग्गज अभिनेत्री और शानदार नृत्यांगना वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) समारोह का बड़ा आकर्षण बनी रहीं। भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) की इन महान अभिनेत्री के खाते में नागिन, देवदास, मधुमती, गंगा जमुना, नया दौर, संगम, साधना और ज्वैल थीफ जैसी कालजयी फिल्में भी हैं। साथ ही भरतनाट्यम नृत्य को लोकप्रिय करने में भी इनका विशिष्ट योगदान है।

90 बरस की उम्र में भी बहुत खूबसूरत लग रही थीं वैजयंतीमाला

राष्ट्रपति भवन (Rashtrpati Bhavan) में पुरस्कार विजेताओं की आसन व्यवस्था में पहली पंक्ति की, पहली सीट वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) की ही थी। अपनी 90 बरस की उम्र में भी वह बहुत खूबसूरत लग रही थीं। पीले रंग की लाल सुनहरे रंग के बार्डर वाली सिल्क की साड़ी के परिधान में, उनके माथे पर दक्षिण भारतीय अंदाज़ में लगा लंबा लाल तिलक उन्हें और भी आकर्षित बनाए हुए था। उनके इस पुरस्कार ग्रहण के बाद अगले दिन वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) से मेरी अशोक होटल में खास मुलाक़ात हुई तो कई पुरानी बातों की यादों का सिलसिला चल निकला।

एक अच्छी अभिनेत्री और बेहतरीन नृत्यांगना ही नहीं बहुत अच्छी इंसान भी हैं वैजयंतीमाला

वैजयंतीमाला (Vyjayanthimala) एक अच्छी अभिनेत्री और बेहतरीन नृत्यांगना ही नहीं बहुत अच्छी इंसान भी हैं। मेरे उनके करीब 35 बरसों से अच्छे संबंध रहे हैं। वह हमारे पारिवारिक समारोह में भी आती रही हैं। हालांकि इस बार उनसे एक अंतराल के बाद मुलाक़ात हुई। लेकिन तब भी वह आत्मीयता और गर्मजोशी से मिलीं। उनसे मिलना परिवार के सदस्य की तरह मिलना ही रहा। मुलाक़ात के दौरान मेरा परिवार साथ था तो उनके पुत्र शुचि भी। शुचि अपनी माँ का जितने अच्छे से ध्यान रखते हैं और हर पल जैसे उनकी चिंता रखते हैं वह सब देख अच्छा लगता है।

राष्ट्रपति जी और मोदी जी दोनों ही विनम्र और बहुत अच्छे इंसान हैं

उधर वैजयंतीमाला जी (Vyjayanthimala) जीवन में इतनी लोकप्रियता और इतनी प्रतिष्ठा पाने के बाद भी धरातल से जुड़ी हैं। अहंकार उनमें दूर दूर तक नहीं है। मैंने उनसे पूछा कि राष्ट्रपति से पदम विभूषण (Padma Vibhushan) जैसा बड़ा सम्मान पाकर कैसा लगा? इस पर वह बताती हैं-‘’मैं पदम विभूषण (Padma Vibhushan) पाकर बहुत खुश हूँ। मैंने इसे बेहद नम्रता और आभार से स्वीकार किया है। मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानती हूँ कि 90 की उम्र में, मैं स्वयं दिल्ली आकर यह पुरस्कार ग्रहण कर सकी। यह सब भगवान की कृपा से ही संभव हो पाया। इस पुरस्कार के लिए मैं भगवान की तो आभारी हूँ ही, साथ ही भारत सरकार और पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की भी। पिछले कुछ महीनों में मुझे चेन्नई में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी (Droupadi Murmu) और पीएम नरेन्द्र मोदी जी (PM Narendra Modi) से भी मिलने का खूबसूरत मौके मिले। राष्ट्रपति जी और मोदी जी दोनों ही विनम्र और बहुत अच्छे इंसान हैं।‘’

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