Kalavriksh Painting Exhibition: कॉलेज ऑफ आर्ट के शिक्षकों ने 27 साल बाद दिल्ली में लगाई अपनी कला कृतियों की प्रदर्शनी, 22 कला गुरुओं के ‘कलावृक्ष’ में कई शानदार चित्र और शिल्प

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 

ललित कला अकादेमी दिल्ली की कला दीर्घा में अक्सर कुछ अच्छी प्रदर्शनी देखने को मिल जाती हैं। इधर अब नव वर्ष में यहाँ की रबीन्द्र भवन दीर्घा में, 1 से 15 जनवरी के दौरान  आयोजित ‘कलावृक्ष’ प्रदर्शनी तो कुछ हटकर रही। एक तो इसलिए कि इस प्रदर्शनी का आयोजन दिल्ली के उस ‘कॉलेज ऑफ आर्ट’ (College of Art) ने किया है जिसने देश को एक से एक अच्छे कलाकार दिये हैं।

दूसरा यह कि इस प्रदर्शनी में जिन कलाकारों की प्रदर्शनी लगी है वे ही कला गुरु दिल्ली के ‘कॉलेज ऑफ आर्ट’ में विद्यार्थियों को शिक्षा देकर उन्हें कलाकार बनने के गुण सीखाते हैं।

प्रदर्शनी में ‘कॉलेज ऑफ आर्ट’ के कुल 25 शिक्षकों में से 22 शिक्षकों ने साथ मिलकर, एक मंच पर, स्वयं अपनी लगभग 400 कृतियों की प्रदर्शनी लगाई। इससे पहले यहाँ के शिक्षकों की ऐसी प्रदर्शनी 1997 में आयोजित हुई थी। इसलिए 27 साल बाद आयोजित शिक्षकों की यह प्रदर्शनी और भी अहम हो जाती है।

जिन शिक्षकों की कला से यहाँ की दीर्घा सजी उनमें संजीव कुमार, अमरगीत चंडोक, मीरा सर्वानन, अनुपमा कुमारी, चिररावुरी ओंकाराचारी, राज कुमार पँवार, नीता जोशी, निधि शर्मा, नेहा सिंह, रिमसी चोपड़ा, राज कुमार महाजन, अशोक निनावे, प्रदीप कुमार, रेशमा, उदीप्ति जायसवाल, सुमिता कथूरिया, संगीता कौशिक, मनोज कुमार, करुणेश कैन, अर्चना शर्मा, पुलकित जावा और कुमार जिगीशु शामिल हैं।

‘कलावृक्ष’ की इस खूबसूरत प्रदर्शनी में जहां चित्र कला में कई मनोहर कृतियाँ रहीं। वहाँ कई मूर्ति शिल्प और फोटोग्राफ़्स भी कमाल के थे। जिनमें कहीं प्रकृति के विभिन्न रंग दिखे तो कहीं आध्यात्मिक, अर्धनारीश्वर और मानव संघर्ष की भावनाओं को खूबसूरती से उकेरा गया।

‘कॉलेज ऑफ आर्ट’ के  कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर संजीव कुमार बताते हैं- ‘’कोरोना काल के कारण ऐसी प्रदर्शनियाँ सिमट कर रह गयी थीं। इसलिए अब हम शिक्षकों ने ऐसी प्रदर्शनी लगाई है जो हमारे प्रतिष्ठित ‘कॉलेज ऑफ आर्ट’ की सुनहरी छवि को दिखाने के साथ, विद्यार्थियों को भी अपने शिक्षकों की कला को दर्शा कर उन्हें प्रेरित कर सके।‘’

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