Uttarakhand Tunnel Rescue: जारी है बचाव अभियान, बाधाओं के कारण हुई देरी, 1-2 दिन में बाहर आएंगे मजदूर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में बचाव अभियान जारी है। जहां 41 मजदूर फंसे हुए हैं। नई दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने बताया कि जारी बचाव अभियान के तहत बचाव दल सुरंग के 45 मीटर अंदर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पहले कुछ बाधाओं के कारण बचाव अभियान प्रभावित हुआ, लेकिन इंजीनियरों ने इसे दूर कर लिया। अगर सब कुछ ठीक रहा तो उम्मीद है कि बचाव अभियान एक-दो दिनों में पूरा हो जाएगा।

सैयद अता हसनैन ने यह भी बताया कि भोजन, फल, पानी और दवाएं एक समर्पित पाइपलाइन के माध्यम से पहुंचाई गई हैं।

सुरंग में फंसे हुए लोगों को निकालने के बाद की गई व्यवस्था के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन ने बताया कि आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जहां सभी मजदूरों की चिकित्सा जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि कुल 41 एंबुलेंस तैयार रखी गई हैं और जो लोग गंभीर हालत में पाए जाएंगे उन्हें बेहतर इलाज के लिए हवाई मार्ग से उत्तराखंड के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश ले जाया जाएगा। इसके अलावा अन्य मजदूरों को सड़क मार्ग से अस्पताल भेजा जा सकता है।

उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। श्रमिकों के जल्द ही बाहर निकलने की उम्मीद है। इस बीच, शासकीय कार्य और बचाव अभियान के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से मातली में अस्थाई रूप से मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बनाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार से ही उत्तरकाशी में हैं और लगातार राहत और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को सुरंग में स्थापित ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से अंदर फंसे श्रमिकों से बात भी की।

गौरतलब है कि 12 नवम्बर को सिल्क्यारा सुरंग में भूस्खलन होने के कारण ये 41 श्रमिक सुरंग के भीतर फंसे हैं।

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