राज्यसभा में उप-सभापतियों के पैनल में पहली बार चार महिला सांसद मनोनीत होने से रचा नया इतिहास

  • प्रदीप सरदाना

     वरिष्ठ पत्रकार 

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने, राज्यसभा के उप-सभापतियों के पैनल में 4 महिला सांसदों को मनोनीत कर एक नया इतिहास लिख दिया है। राज्यसभा के इतिहास में यह पहला मौका है जब राज्यसभा के उप सभा पतियों के पैनल में महिलाओं को 50 प्रतिशत स्थान दिया गया है।

मानसून सत्र से पहले पुनर्गठित पैनल में कुल आठ नाम हैं, जिसमें से आधी महिलाएं हैं। इससे पहले कभी उप-सभापतियों के पैनल में महिला सदस्यों को समान प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।

बड़ी बात यह भी है कि पैनल में मनोनीत की गई सभी महिला सदस्य पहली बार सांसद चुनी गई हैं। इनमें एस फांगनोन कोन्याक नागालैंड से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी गई पहली महिला हैं। अन्य तीन महिला सांसदों में पीटी उषा, डॉ फ़ौजिया खान और सुलता  देव के नाम हैं। जबकि पुरुष सदस्यों में वी विजयसाई रेड्डी, घनश्याम तिवारी, डॉ. एल. हनुमंथैया और सुखेंदु शेखर रे को भी उप-सभापतियों के पैनल में मनोनीत किया गया है।

इन महिला सांसदों में पीटी उषा देश की सुप्रसिद्द एथलीट रही हैं। वह जुलाई 2022 में राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत हुईं थीं। वह युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के सलहकार समिति की सदस्य होने के साथ एथिक्स और रक्षा समिति की भी सदस्य हैं।

जबकि भाजपा की एस फांगनोन कोन्याक अप्रैल 2022 में राज्यसभा सदस्य बनी थीं। वह नागालैंड से राज्यसभा के लिए चुनी गयी पहली महिला सांसद हैं। तो संसद या राज्य विधान सभा के लिए वह इस क्षेत्र से चुनी दूसरी महिला हैं। वह पर्यटन, परिवहन और संस्कृति समिति की तो सदस्य हैं ही। साथ ही महिला सशक्तिकरण  और पूर्वोतर क्षेत्र विकास मंत्रालय की सलहकार समिति में भी हैं।

बीजू जनता दल की सुलता देव जुलाई 2022 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं थीं। वह उद्योग तथा महिला और विकास मंत्रालय समिति की सदस्य हैं। यूं वह पत्रकारिता एवं जनसंचार में  पोस्ट ग्रेजुएट हैं।

उधर डॉ फ़ौजिया खान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से अप्रैल 2020 में सांसद बनीं थीं। वह महिला सशक्तिकरण समिति, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण समिति, विधि और न्याय मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य हैं।

इधर अब राज्यसभा में एक नया बदलाव यह आया है कि अब सभापति इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट  के माध्यम से सदन का पूरा कामकाज डिजिटल रूप में  कर सकेंगे।

 

 

 

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