Doordarshan 64 Years: अब 64 बरस का हुआ दूरदर्शन, सैंकड़ों चैनल्स की भीड़ में भी कायम है विशिष्ट पहचान

प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म-टीवी समीक्षक

देश में दूरदर्शन के रूप में टेलीविज़न की शुरुआत,15 सितंबर 1959 को एक छोटे से रूप में हुई थी। सन 1971 तक तो दूरदर्शन समाचार और कृषि दर्शन तक ही अपनी पहचान बना सका। लेकिन 1972 के बाद चित्रहार,रविवार की फिल्म और फूल खिले हैं गुलशन गुलशन कार्यक्रम ने इसकी लोकप्रियता बढ़ा दी।

सन 1976 में यह आकाशवाणी से अलग हो स्वतंत्र हुआ तो इस पर विज्ञापन प्रसारित होने भी शुरू हो गए। दूरदर्शन की इसके बाद से अब तक की यात्रा से मैं भी लगातार किसी ना किसी रूप में जुड़ा हूँ। मुझे खुशी है कि 1980 के दशक में मैंने ही सबसे पहले देश में टीवी पर नियमित पत्रकारिता की नींव रखी।

हालांकि तब लोग मुझसे कहते थे कि क्या देश में दूरदर्शन इतना लोकप्रिय हो सकेगा कि आपने टीवी पर नियमित पत्रकारिता शुरू कर दी है। मैंने पूरे विश्वास से कहा-बिल्कुल। मेरी यह बात तब ही सच होने लगी जब 7 जुलाई 1984 को देश में राष्ट्रीय प्रसारण में पहला सोप ओपेरा ‘हम लोग’ शुरू हुआ। तो ‘हम लोग’ ने लोकप्रियता के कई नए आयाम अपने नाम कर लिए।

उसके बाद 1985 में टीवी पर हुई सीरियल क्रान्ति और 1987 में ‘रामायण’ के प्रसारण ने दूरदर्शन की तस्वीर ही बदल दी। दूरदर्शन पर प्रसारित बुनियाद, महाभारत, कथा सागर, एक कहानी, कहाँ गए वो लोग, वागले की दुनिया, यह जो है ज़िंदगी, उड़ान, मालगुडी डेज, करम चंद और फौजी जैसे कितने ही सीरियल आज भी नहीं भूलते।

दूरदर्शन के सीरियल की लोकप्रियता का आलम यह रहा कि इसके कई कलाकार फिल्म स्टार बन गए। शाहरुख खान, भाग्यश्री और उर्मिला मतोंडकर जैसे कितने ही फिल्म स्टार दूरदर्शन की ही देन हैं।

कभी एक चैनल से शुरू हुए दूरदर्शन के आज 7 राष्ट्रीय और 35 उपग्रह चैनल हैं। तो राज्यों में 28 क्षेत्रीय चैनल हैं। वहीं देश भर में दूरदर्शन के 66 केंद्र और 55 ट्रांसमीटर हो गए हैं।

कोरोना काल में जब दूरदर्शन ने ‘रामायण’ का पुनर्प्रसारण किया तो टीआरपी में विश्व इतिहास रच दिया। हालांकि अब नए सीरियल के मामले में निजी उपग्रह चैनल दूरदर्शन से अधिक लोकप्रिय हैं। लेकिन समाचार, कार्यक्रमों की विश्वसनीयता और देश विदेश के सबसे बड़े समारोह की कवरेज में आज भी दूरदर्शन का कोई सानी नहीं है।

हाल ही में दूरदर्शन ने G-20 सम्मेलन की जिस व्यापक और भव्य ढंग से कवरेज की, उसे देख अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी दंग रह गया। इससे पहले भी लगभग पिछले 10 महीनों से G-20 के देश भर के 60 शहरों में हुए 200 से अधिक कार्यक्रमों की, दूरदर्शन ने शानदार कवरेज करके अपनी योग्यता और उपयोगिता को नया शिखर दे दिया है।

इधर डीडी न्यूज़ का डिबेट शो ‘दो टूक’ और महिलाओं की गौरव गाथा का कार्यक्रम ‘तेजस्विनी’ अपने कंटेन्ट और अशोक श्रीवास्तव एवं ममता चोपड़ा की शानदार प्रस्तुति के कारण सर्वाधिक लोकप्रिय बने हुए हैं। देखा जाए तो अशोक श्रीवास्तव और ममता चोपड़ा डीडी न्यूज़ का ब्रांड फेस बन गए हैं।

यही कारण है कि सैंकड़ों चैनल्स की भीड़ में भी दूरदर्शन की अपनी विशिष्ट पहचान कायम है।

 

 

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