G20 संस्कृति कार्यसमूह की दूसरी बैठक आज ओडिशा के भुवनेश्वर में हुई शुरू, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी और अर्जुन राम मेघवाल समेत विदेशी प्रतिनिधि मंडल पहुँचे भुवनेश्वर

दिल्ली। संस्कृति कार्य समूह की दूसरी बैठक 14 से 17 मई तक भुवनेश्वर (Bhubaneswar), ओडिशा (Odisha) में आयोजित की जा रही है। इस बैठक में G20 के सदस्य देशों, अतिथि राष्ट्रों और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। बैठक ठोस, कार्रवाई उन्मुख सिफारिशों की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने के क्रम में संस्कृति क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करती है।

दूसरी सीडब्ल्यूजी बैठक को मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित संस्कृति कार्य समूह की पहली बैठक से दिशा और गति मिलेगी। पहली बैठक के बाद पिछले दो महीनों में वैश्विक विषयगत वेबिनार आयोजित किए गए थे, जिनका संचालन विशेषज्ञों द्वारा किया गया था।

संस्कृति कार्य समूह की बैठकें, मुख्य रूप से भारत (India) की जी20 (G20) अध्यक्षता में संस्कृति ट्रैक के तहत व्यक्त 4 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। 4 प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं: सांस्कृतिक संपदा का संरक्षण और पुनर्स्थापन; सतत भविष्य के लिए सजीव विरासत का उपयोग; सांस्कृतिक व रचनात्मक उद्योगों तथा रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना।

पद्म श्री पुरस्कार विजेता सुदर्शन पटनायक द्वारा 14 मई को, ओडिशा के पुरी बीच पर एक उत्कृष्ट रेत कला प्रदर्शनी बनाई जा रही है। प्रदर्शनी का विषय है – ‘संस्कृति सभी को एकसूत्र से जोड़ती है।“ इसका उद्घाटन केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा केन्द्रीय संस्कृति और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे। आज दोनों मंत्री के साथ विदेशी प्रतिनिधि मंडल के सदस्य भी भुवनेश्वर पहुँच चुके हैं।

भारत का जी20 संस्कृति कार्य समूह का “संस्कृति सभी को एकसूत्र से जोड़ती है” एक अभियान है, जो विविध संस्कृतियों और समुदायों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर आधारित बहुपक्षवाद में भारत के अटूट विश्वास को रेखांकित करता है। ‘संस्कृति सभी को एकसूत्र से जोड़ती है’ का विषय यह मानता है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समझ को अपनाकर, हम सीमाओं के पार जा सकते हैं, संबंधों को बढ़ावा दे सकते हैं तथा व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों के बीच सार्थक संवाद को प्रेरित कर सकते हैं।

प्रतिनिधियों की यात्रा के दौरान, उनके सांस्कृतिक अनुभवों के लिए विभिन्न कार्यक्रम तैयार किये गए हैं। इनमें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, कोणार्क सूर्य मंदिर तथा उदयगिरि गुफाओं जैसे विरासत स्थलों की यात्रा शामिल है। प्रतिनिधियों को ओडिशा राज्य के स्थानीय नृत्य जैसे आदिवासी (सिंगारी), संबलपुरी, ओडिसी और गोटीपुआ नृत्य के विशेष प्रदर्शन का भी अनुभव प्राप्त होगा।

जी20 संस्कृति कार्य समूह की दूसरी बैठक के एक भाग के रूप में, ओडिशा के भुवनेश्वर में कला भूमि – ओडिशा शिल्प संग्रहालय में ‘सस्टेन: द क्राफ्ट इडिओम’ नामक एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी का विषय संस्कृति कार्य समूह द्वारा उल्लिखित दूसरी प्राथमिकता – ‘सतत भविष्य के लिए जीवित विरासत का उपयोग’ पर केंद्रित है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik), केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी, केन्द्रीय संस्कृति और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 15 मई को प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। प्रदर्शनी 16 से 22 मई, 2023 तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी।

संस्कृति कार्य समूह गहन विचार-विमर्श की एक समावेशी प्रक्रिया के माध्यम से जी20 के सदस्य देशों, अतिथि राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ काम कर रहा है। इन विचार-विमर्शों का उद्देश्य; सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करना एवं सतत विकास के लिए ठोस सिफारिशों और सर्वोत्तम तौर-तरीकों को और विकसित करना है।

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