पूरी दुनिया में दिख रहा है पीएम मोदी का जादू

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) यूं तो जब भी विदेश यात्राओं पर जाते हैं, कुछ ना कुछ ऐसा होता ही है जिससे भारत का गौरव बढ़ता है। मोदी की बातें, उनकी लोकप्रियता, उनकी उपलब्धियां विश्व में सुर्खियां बनती रहती हैं। लेकिन इस बार पीएम मोदी (PM Modi) की 3 देशों की 6 दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी (Modi) को जो सम्मान मिला, उससे विश्व में भारत (India) का गौरव नए शिखर पर पहुँच गया है। उनके इस सम्मान की मिसाल तो सदा दी ही जाएँगी। साथ ही मोदी की इस यात्रा की गूंज भी बरसों, बरसों तक रहेगी।

नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की यह 19 से 24 मई की 6 दिवसीय विदेश यात्रा हालांकि 3 देशों जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया तक ही सीमित थी। लेकिन मोदी को इस दौरान सभी जगह जो अभूतपूर्व अद्दभुत सम्मान मिला,उससे दुनिया भर में यह स्पष्ट संदेश गया कि मोदी विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता तो हैं ही। सर्वाधिक प्रतिष्ठित नेता भी हैं। इससे यह भी संकेत मिल गए कि विश्व अब भारत को विश्व गुरु मानने के लिए तैयार हो चुका है।

अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी ने जहां लगभग 25 वैश्विक नेताओं से मुलाक़ात की, वहाँ उन्होंने 50 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। मोदी सबसे पहले 19 मई को जापान गए। यहाँ 21 मई तक तीन दिन रहकर मोदी ने जी-7 (G7) समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में तो भाग लिया ही। साथ ही क्वाड  सम्मेलन का आयोजन भी जापान के हिरोशिमा में करने से ये दोनों शिखर सम्मेलन जापान में हो गए।

जहां मोदी की जापान के पीएम फुमियो किशिदा (Fumio Kishida), अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden), ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak), ऑस्ट्रेलिया पीएम एंथनी अल्बानीज़ (Anthony Albanese) और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) के साथ मुलाक़ात अधिक चर्चा में रही। पीएम मोदी (PM Modi) ने यहाँ ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य और उर्वरक आदि पर विश्व के सम्मुख वर्तमान चुनौतियों पर अपने विचार रखे।

उधर क्वाड (चतुर्पक्षीय सुरक्षा संवाद) शिखर सम्मेलन में जिसमें भारत, जापान ,अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया चार सदस्य हैं। वहाँ भी मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, उच्च गुणवत्ता के बुनियादी ढांचे, उभरती प्रोद्धयोकियों , समुद्री क्षेत्र में जागरूकता के साथ हिन्द प्रशांत क्षेत्र आदि के मुद्दों पर अपनी बात रखी। फिर हिरोशिमा पहुँचकर युद्द की विनाशलीला और त्रासदी से दूर रहकर शांति का संदेश भी दिया।

ये सम्मेलन और चर्चाओं का दौर जारी था ही कि अमेरिकी राष्ट्रपति और ऑस्ट्रेलिया पीएम ने अपनी अपनी बातों से सम्मेलन का रुख नरेन्द्र मोदी की अपार लोकप्रियता और मान्यता की ओर मोड़ दिया। विश्व की शिखर शक्ति के रूप में प्रचलित अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने जब स्वयं मोदी के पास पहुँचकर कहा कि आप इतने लोकप्रिय हैं कि आपका ऑटोग्राफ लेना पड़ेगा।

असल में मोदी जून में अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं। बाइडेन ने इस पर अपनी टिप्पणी करते हुए मोदी से कहा कि अमेरिका में आप इतने लोकप्रिय हैं कि आपकी इस यात्रा में हर कोई आपसे मिलना चाहता है। ये मैं मज़ाक में नहीं कह रहा, आप चाहें तो मेरी टीम से पूछ सकते हैं। आप जब भी अमेरिका आते हैं तो हमारे ऊपर बड़ा दबाव रहता है। हमारे पास देश के बड़े बड़े लोगों यहाँ तक हॉलीवुड के बड़े बड़े एक्टर्स और मेरे रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं। सभी आपसे मिलने और आपके लिए आयोजित डिनर में आने के लिए उत्सुक हैं। लेकिन मेरे पास अब उस दिन के सभी पास खत्म हो गए हैं।

बाइडेन की यह बात आग की तरह फैल गयी कि बाइडेन हमारे देश के पीएम का ऑटोग्राफ लेना चाहते हैं। इस सबसे सभी सच्चे भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा उठ गया। जो अमेरिका बरसों से भारत को अपने सामने कुछ नहीं समझता था। जिसके राष्ट्रपतियों के सामने हमारे नेहरू से मनमोहन सिंह तक कुछ पीएम ठीक से खड़े भी नहीं हो पाते थे। अब उसी देश का सर्वोच्च  व्यक्ति हमारे पीएम मोदी को यह कहकर ऐसा सम्मान दे गया कि जो अमेरिका ने पहले किसी को नहीं दिया था।

अभी बाइडेन की यह बात सुर्खियां बटोर ही रही थी कि ऑस्ट्रेलिया (Australia) के पीएम एंथनी ने भी मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा को लेकर बड़ा बयान दे दिया। मोदी ने 23 मई को ऑस्ट्रेलिया जाना था। इस पर एंथनी ने कहा- उनके स्वागत के लिए हमारा 20 हज़ार क्षमता वाला इंडोर स्टेडियम छोटा पड़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति के भांति उन्होंने भी कहा हर कोई उनके स्वागत कार्यक्रम में आना चाह रहा है। लेकिन हम सभी को खुश नहीं कर सकते।

इन दो बातों के बाद सोने पर सुहागा तो तब हुआ जब मोदी जापान के बाद 22 मई को पापुआ न्यू गिनी गए। जहां पोर्ट मोरेस्बी में मोदी का स्वागत करने के लिए वहाँ के पीएम जेम्स मारापे मौजूद थे। दोनों नेता गर्मजोशी से मिले। लेकिन तब सभी की आँखें खुली रह गईं,जब जेम्स ने सभी परंपराओं को दरकिनार करते हुए अचानक मोदी के पैर छू लिए। ऐसा आधुनिक विश्व इतिहास में कहीं नहीं मिलता जब एक देश के पीएम ने दूसरे देश के पीएम ने सार्वजनिक रूप से स्वागत के दौरान पैर छूए हों। ऐसा भारत के साथ हुआ, हमारे पीएम मोदी के साथ हुआ तो यह सभी को चौंकाने वाला अद्धभुत नज़ारा था। जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। हालांकि यह कहते हुए अच्छा नहीं लगता लेकिन यह सच है कि हमारे देश के कुछ पुराने पीएम अमेरिका, चीन जैसी शक्तिशाली देशों के प्रमुख के सामने इतने झुके झुके और घबराए, गिड़गिड़ाए से रहते थे कि देशवासियों का सिर शर्म से झुक जाता था। लेकिन अब मोदी के सम्मान में जो कुछ जेम्स मारापे ने किया उससे दुनिया के सामने भारत का सिर गर्व से उठ गया। जेम्स ने तो यह तक भी कहा कि मेरे लिए तो मोदी मेरे गुरु हैं। वह विश्व गुरु हैं।

पापुआ न्यू गिनी में यह किसी भारतीय पीएम की पहली यात्रा थी। जहां मोदी ने एफआईपीआईसी के तीसरे शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। जिसमें 14 देशों के नेता शामिल थे। यहाँ पापुआ न्यू गिनी ने तो मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। वहाँ फ़िजी के पीएम सिती वेनी  राबुका ने भी मोदी को फ़िजी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया।

मोदी के इस तरह के सम्मान से देश के करोड़ों लोग गदगद थे। लेकिन यह देख कांग्रेस और विपक्ष के कई बड़े नेताओं के सीने पर साँप लोट गया। कर्नाटक की जीत पर जश्न मनाते और 2024 में पीएम बनने का सपना देखने वाले कई नेताओं का सपना पल भर में टूट गया।

हालांकि विपक्ष नहीं जानता था कि अभी तो ऑस्ट्रेलिया यात्रा में एक और बड़ा धमाल होने वाला है। पीएम मोदी जब 23 मई को ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े इंडोर स्टेडियम कुडोस बैंक एरीना में मोदी का भव्य स्वागत किया गया तो वहाँ का नज़ारा देखते ही बनता था। लेकिन जब वहाँ के पीएम अल्बानीज़ ने ‘मोदी इज़ बॉस’ कहा तो वहाँ ही नहीं दुनिया भर में बैठे भारतीयों की तालियाँ बज़ उठीं। उधर ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी के एक उपनगर का नाम ‘मिनी इंडिया’ रखकर भारत को एक और सम्मान दिया।

यह देख 2006 का वह नज़ारा भी सामने आ गया, जब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पोंटिंग और अन्य खिलाड़ियों ने आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी लेते हुए भारत में, बीसीसीआई के अध्यक्ष शरद पवार को मंच पर धक्का देते हुए उन्हें पीछे कर दिया था। आज वही ऑस्ट्रेलिया मोदी के सम्मान में पलक पांवड़े बिछा रहा था। मोदी ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अपने देश का एक एक करके जिस तरह गुणगान किया वह भी अद्धभुत था।

विश्व में भारत को यह सम्मान यूं ही नहीं मिल रहे। अपने शासन के 9 साल के कार्यकाल में मोदी ने देश-दुनिया के लिए जो किया है। उसे दुनिया ने खुली आँखों से देखा है।

 

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