भारत में बड़े स्तर पर हो रही है विदेशी फिल्मों की शूटिंग, अनुराग ठाकुर ने संसद में दी जानकारी

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को संसद को सूचित किया कि इस वर्ष नवंबर 2023 तक 35 विदेशी फिल्म परियोजनाओं को भारत में फिल्म निर्माण की अनुमति दी गई है। उन्होंने एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए यह भी कहा कि वर्ष 2022 के लिए स्वीकृत फिल्मों की संख्या 28 और वर्ष 2021 के लिए स्वीकृत फिल्मों की संख्या 11 थी।

अनुराग ठाकुर ने ऑडियो-विजुअल सह-निर्माण संधि के तहत फिल्मों के सह-निर्माण के लिए और भारत में विदेशी फिल्मों के निर्माण के लिए प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में भी संसद को जानकारी दी जो कि 01 अप्रैल 2022 से प्रभावी है और जिसका उद्देश्य भारत को अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के निर्माण के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाना और इसके साथ ही रोजगार सृजित करना और भारत में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ाना है।

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे बताया कि ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाएं आकर्षित करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा इस प्रोत्साहन योजना को बढ़ाया और सरल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि 20 नवंबर 2023 को घोषित संशोधित प्रोत्साहन योजना के अनुसार, विदेशी फिल्म निर्माण की सभी पात्र परियोजनाएं और ऑडियो विजुअल सह-निर्माण संधि के तहत बनाई जा रही सब फिल्में, भारत में किए गए योग्य खर्च पर 30% का नकद प्रोत्साहन ले सकती हैं। विदेशी फिल्मों की लाइव शूटिंग के दौरान 15% या अधिक भारतीय क्रू को रोजगार देने पर 5% बोनस लिया जा सकता है।

इसके अलावा विदेशी फिल्म की शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन के लिए ऐसी फिल्म अतिरिक्त 5% का दावा कर सकती है जिसमें भारतीय संस्कृति, प्रतिभा और पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भारतीय कन्टेंट हो।

अनुराग ठाकुर ने संसद को बताया कि बड़े बजट की अंतर्राष्ट्रीय फिल्म परियोजनाओं को आकर्षित करने के लिए इस प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा को पहले के 2.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये कर दिया गया है, वहीं प्रोत्साहन का अधिकतम प्रतिशत 35% से बजाय बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।

गौरतलब है कि फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) ने विदेशी फिल्म निर्माताओं के लिए एक ऑनलाइन सिंगल विंडो सुविधा एवं मंजूरी तंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से नवंबर 2018 में अपने वेब पोर्टल www.ffo.gov.in की शुरुआत की।

एफएफओ वेब पोर्टल को उसके बाद से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पोर्टल और रेल मंत्रालय के साथ एकीकृत किया गया है ताकि फिल्म निर्माताओं को उनके अधिकार क्षेत्र के आने वाले भारत के विभिन्न ऐतिहासिक एवं प्रतिष्ठित स्थलों पर शूटिंग करने में समर्थ बनाया जा सके।

फिल्मांकन की अनुमति देने और अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में फिल्मांकन में आसानी सुनिश्चित करने हेतु केन्द्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों व केन्द्र- शासित प्रदेशों में भी नोडल अधिकारियों का एक सामंजस्यपूर्ण इकोसिस्टम स्थापित किया गया है।

भारत में फिल्म बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं, कलाकारों और फिल्म निर्माण दल से जुड़े अन्य सदस्यों के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए वैध एक से अधिक बार प्रवेश की सुविधा के साथ फिल्म वीजा की शुरूआत की गई है।

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