SCO Summit 2023: पीएम मोदी ने साफ शब्दों में आतंकवाद पर कही यह बड़ी बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बताया। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के देशों से इस खतरे से एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने एस.सी.ओ. शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। एस.सी.ओ. के सदस्य देशों को ऐसे देशों की आलोचना करने से नहीं हिचकना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर दोहरा मानदंड नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के मामले में भारत की चिंताएं और उम्मीदें अधिकतर एस.सी.ओ. देशों की ही तरह हैं। अफगानिस्तान की जमीन को पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने और आतंकवादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट विवाद, तनाव और महामारी से घिरी दुनिया में सभी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में एस.सी.ओ. समूचे यूरेशिया क्षेत्र में शांति, स्मृद्धि और विकास के एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है।

पीएम ने यह भी कहा कि भारत ने एस.सी.ओ. के अध्यक्ष के तौर पर इसके बहुआयामी सहयोग को नई ऊंचाई देने के लिए सतत प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने एस.सी.ओ. में सहयोग के पांच नए स्तंभ बनाए हैं। ये स्तंभ स्टार्टअप्स और नवाचार, परंपरागत औषधि, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध विरासत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि युवा वैज्ञानिक कॉनक्लेव, लेखक कॉनक्लेव, स्टार्टअप फोरम और युवा परिषद सहित कई नए मंच एस.सी.ओ. देशों के युवाओं की प्रतिभा तैयार करने के लिए बनाए गए हैं। इन मंचों का उद्देश्य एस.सी.ओ. के युवाओं की संभावनाओं को तलाशकर उन्हें उचित अवसर प्रदान करना है। भारत एस.सी.ओ. के आधुनिकीकरण और सुधार के प्रस्तावों का समर्थन करता है।

एस.सी.ओ. परिषद के राष्ट्राध्यक्षों के 23वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। एस.सी.ओ के सभी सदस्य देश चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को इस शिखर सम्मेलन में भागीदारी करने के लिए आमंत्रित किया गया है। ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया है। एस.सी.ओ. की परम्परा के अनुसार तुर्कमेनिस्तान को भी अतिथि अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया गया है।

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