‘सबका साथ, सबका विकास’ सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि यह ‘मोदी की गारंटी’ है, संसद में बोले पीएम मोदी

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए बुधवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के साहसिक और बड़े नीतिगत फैसलों के कारण भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन-यूपीए की सरकार के दौरान देश पांच कमजोर अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल था। उन्‍होंने बल देकर कहा कि उस सरकार का चरित्र ही कमजोर नीतियों का था जबकि पिछले दस वर्षों में हमारी सरकार के महत्‍वपूर्ण और स्‍पष्‍ट फैसलों को हमेशा याद किया जाएगा।

पीएम मोदी ने विभ‍िन्‍न क्षेत्रों में उठाए गए सरकार के महत्‍वपूर्ण कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में स्‍कूलों और उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों में छात्रों का नामांकन बढ़ा है और स्‍कूल छोड़ने वालों की संख्‍या घटी है। उन्‍होंने कहा कि उच्‍च शिक्षा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्‍य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की संख्‍या बढ़ी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संख्‍या कम होने की बात बेबुनियाद है क्‍योंकि वर्ष-2014 में जहां इनकी संख्‍या 234 थी वहीं बढ़कर 254 हो चुकी है। पीएम मोदी ने कहा कि आज अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां रिकॉर्ड रिटर्न दे रही हैं और निवेशक उन पर भरोसा दिखा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में विकसित भारत के सपने को पुराने परिप्रेक्ष्य के साथ साकार नहीं किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि यह मोदी की गारंटी है। श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद के महत्व पर जोर दिया है और राज्यों को तेजी से प्रगति के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री के जवाब से असंतुष्‍ट कांग्रेस, डीएमके और वामदलों सहित विपक्षी पार्टियों ने सदन से वॉकआउट किया। सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए संशोधनों को अस्वीकार करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

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