प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने चेन्नई हवाई अड्डे के साथ तमिलनाडु और तेलंगाना में कई अनेक परियोजनाओं को किया शुरू

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज 8 अप्रैल को चेन्नई हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन के पहले चरण का उद्घाटन किया। इसके साथ ही हवाई अड्डे की क्षमता तीन करोड़ यात्री प्रतिवर्ष हो जाएगी। फिलहाल यह दो करोड तीस लाख यात्री प्रतिवर्ष है। दूसरा चरण पूरा होने पर हवाई अड्डे में यात्रियों की संख्या तीन करोड़ पचास लाख प्रतिवर्ष होगी। इस परियोजना की कुल लागत दो हजार 467 करोड रुपये है।

परियोजना का प्रथम चरण एक लाख 36 हजार वर्ग मीटर में फैला है। इससे हवाई अड्डे पर सुविधाओं में वृद्धि होगी। इसमें एक सौ चेक इन काउंटर, 108 आव्रजन काउंटर, 17 लिफ्ट, 17 स्वचालित सीढियां , छह बैगेज बेल्ट और अन्‍य सुविधाएं होंगी।

इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्‍यपाल आर एन रवि, मुख्‍यमंत्री एम के स्टालिन तथा केन्‍द्रीय नागर विमानन और इस्पात मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और अन्‍य गण्‍यमान्‍य व्‍यक्ति मौजूद थे।

पीएम मोदी ने शाम को चेन्‍नई से चेन्‍नई-कोयम्‍बटूर वंदे भारत एक्‍सप्रेस रेलगाडी को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा समय में कम से कम एक घंटे की कमी आएगी। नई वंदे भारत से कोयम्‍बटूर, सेलम, इरोड और तिरूपुर के आसपास के लोगों तथा कपडा उद्योग से जुडे कारोबारियों और आईटी पेशेवरों तथा छात्रों को लाभ होगा।

नरेन्‍द्र मोदी ने तिरूतुरईपुंडी और अगस्तियाम्‍पल्‍ली के बीच 37 किलोमीटर लम्‍बे नए ब्रॉडगेज रेललाइन खंड का भी उद्घाटन किया। इसे 294 करोड रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस लाइन से नागापट्टिनम जिले में और आसपास के क्षेत्रों में खाद्य और औद्योगिक नमक के मालवहन में सुविधा होगी।

प्रधानमंत्री ने तिरूतुरईपुंडी और अगस्तियाम्‍पल्‍ली के बीच डी ई एम यू रेल सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। श्री मोदी ने इस अवसर पर तांबरम और सेनगोट्टई के बीच सप्‍ताह में तीन बार चलने वाली एक्‍सप्रेस रेलसेवा की शुरूआत भी की। यह चेन्‍नई से तिरूवरुर-करइकुडी खंड के लिए पहली नियमित रेलसेवा है।

तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एम के स्‍टालिन ने राज्‍य में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्‍यक्‍त किया।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के विकास को प्राथमिकता दी गई है और रेल  बुनियादी ढांचे के लिए  छह हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। रक्षा औद्योगिक गलियारा, प्रधानमंत्री मित्र मेगा टेक्‍सटाइल पार्क, बंगलूरू-चेन्‍नई एक्‍सप्रेस वे, चेन्‍नई के निकट मल्‍टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण जैसी महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं से तमिलनाडु में रोजगार के और अवसर सृजित होंगे। उन्‍होंने कहा कि भारतमाला परियोजना से मामल्‍लपुरम से कन्‍याकुमारी पूर्वी तटवर्ती क्षेत्र तक सुधार होगा। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि तमिलनाडु के तीन महत्‍वपूर्ण शहर चेन्‍नई, कोयम्‍बटूर और मदुरई को आज शुरू की गई परियोजना से सीधा लाभ मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये उपलब्धियां केवल दो चीजों, कार्य संस्‍कृति और दृष्टिकोण से संभव हैं। नई कार्य संस्‍कृति के कारण देरी से पूरी की यात्रा सम्‍पन्‍न होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्य संस्‍कृति और परियोजनाओं का समय से पूरा होना हमारे करदाताओं द्वारा कर के रूप में दिए गए प्रत्‍येक रुपये के प्रति हमें उत्‍तरदायी बनाता है।

तेलंगाना में 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना में हैदराबाद के परेड ग्राउंड में आज 8 अप्रैल को 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। परियोजनाओं में हैदराबाद के बीबी नगर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखना शामिल है। उन्होंने रेलवे से जुड़ी अन्य विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने हैदराबाद के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से तिरुपति के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने तेलंगाना राज्य के विकास की गति को तेज करने का अवसर प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इससे पहले आज दिन में सिकंदराबाद से तिरुपति के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखा कर रवाना करने का भी स्मरण किया। यह रेलगाड़ी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हैदराबाद की आईटी सिटी को भगवान वेंकटेश्वर, तिरुपति के निवास स्थान से जोड़ेगी।

पीएम मोदी ने कहा, “सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस आस्था, आधुनिकता, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म को सफलतापूर्वक कनेक्ट करने वाली है।” प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के नागरिकों को आज की 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे और सड़क संपर्क तथा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि तेलंगाना को अलग राज्य बने करीब-करीब उतना ही समय हुआ है, जितने दिन केंद्र में एनडीए की सरकार को हुए हैं। प्रधानमंत्री तेलंगाना राज्य के गठन में योगदान देने वालों के सम्मान में नतमस्तक हुए। नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा, “तेलंगाना के विकास से संबंधित राज्य के नागरिकों के सपनों को साकार करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि तेलंगाना पिछले नौ वर्षों में भारत के विकास मॉडल का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सके।

शहरों में विकास का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने पिछले नौ वर्षों में बिछाए गए 70 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क और हैदराबाद मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमएमटीएस) के विकास में हुई प्रगति का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज 13 एमएमटीएस सेवाओं की शुरुआत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में इसके विस्तार के लिए तेलंगाना को 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे हैदराबाद, सिकंदराबाद और आसपास के जिलों में लाखों नागरिकों को लाभ होगा, साथ ही नए व्यापारिक केंद्र भी बनेंगे और राज्य में निवेश बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी और दो देशों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत उन कुछ गिने चुने देशों में से एक है, जिन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए रिकॉर्ड स्तर पर निवेश किया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में भारत में आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

पीएम ने आगे कहा कहा कि पिछले नौ वर्षों में, तेलंगाना के रेल बजट में सत्रह गुना वृद्धि हुई है और नई रेल लाइनें बिछाने, रेल लाइन के दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण सहित अन्य कार्य रिकॉर्ड समय में पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “सिकंदराबाद-महबूबनगर परियोजना का विद्युतीकरण इसका एक प्रमुख उदाहरण है”, उन्होंने कहा कि यह हैदराबाद और बैंगलोर के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। प्रधानमंत्री ने बल देकर कहा कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के अभियान का हिस्सा है।

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