पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल को दी 15,000 करोड़ रुपये की बड़ी सौगात, बोले विकसित राज्य बनाने की दिशा में यह है एक और कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कृष्णानगर में 15,000 करोड़ रुपये की विविध विकास योजनाओं की झलकियां और फिल्में बनाईं। आज के ये विकास राक्षस बिजली, रेल और सड़क जैसे क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर स्थित रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन चरण II (2×660 मोशन) का शिलान्‍यास किया। दामोदर वैली कॉर्पोरेशन यह कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट विशाल कुशल सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग करता है। नया प्लांट देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम होगा।

प्रधानमंत्री ने मलेशिया थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट 7 और 8 के फ्ल्यू गैस डिसल्फर प्लांट (एफजीडी) सिस्टम का उद्घाटन किया। लगभग 650 रुपये की लागत से विकसित एफजीडी सिस्टम फ़्लू गैसों से पाइपलाइनों को हटा दिया गया और क्लीन फ़्लू गैस का उत्पादन करोड़ों में किया गया और जिप्सम का निर्माण किया गया, जिसका उपयोग उद्योग में किया जा सकता है।

पीएम मोदी ने एनएच-12(100 किमी) के फरक्का रायगंज खंड के चार लेन सड़क परियोजना का भी उद्घाटन किया। लगभग 1986 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को विकसित किया गया, जिसमें ट्रैफिक की भीड़भाड़ को कम करना, औद्योगिक सुधार योजना और उत्तर बंगाल और सुदूर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना शामिल है।

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में 940 करोड़ रुपये से अधिक की चार रेल रेल राष्ट्रों को समर्पित कीं, जिसमें दामो-मोहिशिला रेल लाइन के दूसरे चरण की परियोजना शामिल है; होटलहाट और मुरारी के बीच तीसरी लाइन; बाजारसौ-अजीमगंज रेल लाइन का परिवर्तन और अजीमगंज-मुर्शिदाबाद को जोड़ने वाली नई लाइन शामिल है। ये रेलवे ढांचागत संरचना में सुधार कंसोलिडेट, मालडिजेट की सुविधा में योगदान और क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक विकास में योगदान शामिल हैं।

इस अवसर पर अपने उद्यम में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पश्चिम बंगाल को विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक और कदम है। उन्होंने कम्फर्टबाग में शुक्रवार के कार्यक्रमों को याद किया जहां उन्होंने रेलवे, बंदरगाह और शेयर बाजार में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विविध विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और समापन किया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, “और आज एक बार मुझे करीब 15 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों के ठेकेदार और समर्थकों का सौभाग्य मिला है। बिजली, सड़क, रेल की सबसे अच्छी संभावनाएं बंगाल के मेरे भाई-बहनों के जीवन को भी आसान बनाएंगी।” उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से पश्चिम बंगाल के विकास को गति मिलेगी और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर भी उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री ने आज के विकास के लिए देशवासियों को बधाई दी।

विकास की प्रक्रिया में बिजली के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पश्चिम बंगाल को बिजली की अपनी झील में आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दामोदर घाटी निगम स्थित कोयला आधारित थर्मल पावर परियोजना के तहत, पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर, रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन चरण II (2×660 इकाइयां) राज्य में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य की ऊर्जा संबंधी एसोसिएटेड जरूरतों को पूरा करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देना जरूरी है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत से विकसित मेक्सिको थर्मल पावर स्टेशन की यूनिट 7 और 8 की फ़्लू गैस डिसल्फर स्कीम (एफजीडी) प्रणाली पर्यावरण एसोसिएटेड एसोसिएशन के प्रति भारत के लेबल का प्रतीक है।

पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल देश के लिए ‘ईस्ट डोर’ के रूप में काम करता है और यहां पूर्व के अवसरों के लिए बादल छाए रहते हैं। इसलिए, सरकारी रोडवेज, रेलवे, एयरमार्ग और जलमार्ग के आधुनिक उद्यमों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एनएच-12 (100 किमी) के फरक्का-रायगंज खंड को चार लेन की जिस सड़क परियोजना का उद्घाटन किया गया था, उसका बजट लगभग 2000 करोड़ रुपये था और इससे यात्रा का समय आधा हो गया था। इसके आस-पास के शहरों में इलेक्ट्रॉनिक कनेक्टिविटी की आवश्यकता होगी और क्षेत्र में आर्थिक सहयोग की आवश्यकता होगी और इसके साथ-साथ किसानों को भी मदद मिलेगी।

नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि रेस्तरां के दृष्टिकोण से रेल पश्चिम बंगाल के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा है। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि पिछली बस्ती ने राज्य की विरासत और संपत्ति को सही ढंग से आगे नहीं बढ़ाया, जिससे राज्य को पीछे छोड़ दिया गया। प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में पश्चिम बंगाल की रेल अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में सरकार के प्रयास पर प्रकाश डाला और पहले के थोक दोगुने से भी अधिक रुपये खर्च करने का उल्लेख किया। उन्होंने आज के अवसरों को चार रेल स्टेशनों के आधुनिकीकरण और विकास के लिए समर्पित किया है, जो बंगाल के संकल्पों को विकसित करने में मदद करते हैं। उन्होंने नागरिकों को शुभकामनाएँ देते हुए अपनी बात ख़त्म की।

इसमें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस और सेंट्रल पैटन, पोर्ट ट्रांसपोर्ट और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर और अन्य पदधारी व्यक्ति भी उपस्थित थे।

 

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