लाल किले में सुभाषचन्द्र बोस पर साहित्य अकादेमी की 170 पुस्तकों की भी प्रदर्शनी, पीएम मोदी ने किया अवलोकन

नई दिल्ली। नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की 127 वीं जयंती के अवसर पर लाल किले में नेताजी पर आयोजित विशेष प्रदर्शनी का पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार शाम उद्दघाटन किया।

पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) के अवसर पर 23 से 31 जनवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में साहित्य अकादेमी (Sahitya Akademi) ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित लगभग 170 पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन किया है।

पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ ही उन पुस्तकों के प्रमुख अंश के 24 पैनल भी बनाए गए हैं, जिन्हें सुरुचिपूर्ण ढंग से प्रदर्शित किया गया है।

23 जनवरी को साहित्य अकादेमी (Sahitya Akademi) के सचिव के. श्रीनिवासराव (K Sreenivasarao) ने प्रधानमंत्री को इन पैनलों एवं पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन कराया। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) भी इस मौके पर मौजूद थीं।

इन पैनल में सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) के जीवन के विभिन्न पड़ावों जैसे उनकी शिक्षा-दीक्षा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रवेश, सशस्त्र क्रांति की वकालत, कांग्रेस अध्यक्ष बनने, गाँधी और नेहरू से उनके मतभेद, आजाद हिंद फौज के निर्माण और अंग्रेजों से युद्ध आदि के बारे में बताया गया है।

पैनल पर उल्लेखित पुस्तक अंश दर्शाते हैं कि सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) एक महान देशभक्त, विद्वान, संघर्षशील नेता, दार्शनिक एवं अध्यात्म में गहरी रुचि लेने वाले महान व्यक्तित्व थे।

31 जनवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में चित्र एवं पुरालेख प्रदर्शनी, चित्रकला एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी एवं ए आर, वी आर प्रदर्शनी भी लगाई गई है।

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