Happy Birthday Santosh Anand: आज 85 साल के हो गए गीतकार संतोष आनंद, जन्म दिन पर कह दी यह बड़ी बात

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक

एक प्यार का नगमा है, पुरबा सुहानी आई रे, ज़िंदगी की न टूटे लड़ी, ये गलियाँ ये चौबारा, और नहीं बस और नहीं, मेघा रे मेघा, तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है, चना ज़ोर गरम और ये आन तिरंगा है, जैसे कई सदाबहार गीतों के रचयिता संतोष आनंद (Santosh Anand) आज 85 बरस के हो गए हैं।

अपना 85 वां जन्म दिन वह दिल्ली में परिवार के साथ सादगी से मना रहे हैं। आज सुबह सुबह मैंने उन्हें उनके जन्म दिन की बधाई दी तो वह काफी प्रसन्न हुए। संतोष जी (Santosh Anand) बोले-‘’आज आपका सबसे पहले फोन आया, आपने याद किया बहुत अच्छा लगा, सब आप ही का है। लेकिन आप जानते हैं, मैं तो अब जन्म दिन मनाता नहीं। हमारी गुड़िया मनाती है, तो साथ बैठ जाते हैं। जब से लड़का चला गया, बहू चली गयी। तब से यह जीवन काटता है। लेकिन क्या करें जीवन है तो जीना है।‘’

संतोष आनंद के साथ प्रदीप सरदाना

मुझे खुशी है कि मैं संतोष आनंद (Santosh Anand) और उनके गीतों और काव्य की यात्रा को पिछले 40 बरसों से करीब से देख रहा हूँ। आज भी उनसे वही पुराने मधुर संबंध हैं। मैंने उन्हें लाल किले के ऐतिहासिक कवि सम्मेलनों में भी सुना और अन्य कई कवि सम्मेलनों में भी। टेलीविज़न-रेडियो पर हम दोनों ने कुछेक कार्यक्रम भी साथ किए। पार्टी समारोह में भी उनसे मुलाक़ात होती रही है। फिर मैंने उनका वह दौर भी देखा जब फिल्मों में उनके नाम का सिक्का चलता था। मनोज कुमार और राज कपूर जैसे फ़िल्मकार तो संतोष आनंद की प्रतिभा के कायल थे।

बेशक आज फिल्मों में उनके गीत नहीं आ रहे हैं। लेकिन उनके 40-50 साल पहले आए कई गीत आज भी काफी लोकप्रिय हैं। उन्हें 1975 में फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ के गीत–मैं न भूलूँगा और 1983 में ‘प्रेम रोग’ के गीत – मोहब्बत है क्या चीज़, के लिए दो बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है।

‘इंडियन आइडल’ के मंच पर आए तो सभी को रुला दिया

तीन बरस पहले लगभग इन्हीं दिनों में वह बरसों बाद तब यकायक सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्हें सोनी चैनल (Sony Channel) ने अपने ‘इंडियन आइडल’ (Indian Idol) शो में आमंत्रित किया था। वह 21 फरवरी 2021 की बात है जब संतोष आनंद ‘इंडियन आइडल’ (Indian Idol) में मंच पर आए तो उनकी बातों-जज़्बातों ने सभी को रुला दिया। लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल (Lakshmikant Pyarelal) स्पेशल इस एपिसोड में स्वयं संगीतकार प्यारेलाल भी अपनी पत्नी के साथ मौजूद थे।

शो की जज और प्रसिद्द गायिका नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) तो संतोष आनंद (Santosh Anand) की बातें सुन इतनी भाव विभोर हो गयी कि अपने आँसू भी नहीं रोक पायी।

मां मनाती थीं मेरा जन्म दिन धूम धाम से, अब मैं नहीं मनाता- संतोष आनंद

अपने जन्म दिन को लेकर वह बताते हैं-‘’मेरा जब 5 मार्च 1939 को सुबह 5 बजे उत्तर प्रदेश के सिकंदराबाद में जन्म हुआ, तब उस दिन होली-दुल्हेण्डी का दिन था। सभी रंग से सराबोर थे। मेरी माँ मेरी वर्षगांठ को बहुत धूम धाम से मनाती थीं। लेकिन उनके बाद से मैं वर्षगांठ नहीं मनाता। बस बच्चों के कहने पर केक काट लेता हूँ।‘’

अपने पिछले जन्म दिन पर ‘इंडियन आइडल’ (Indian Idol) के कारण जब उनका नाम फिर से सभी की जुबां पर था तो मैंने उनसे पूछा था- आप बरसों बाद पहले जैसी लोकप्रियता पाकर कैसा महसूस कर रहे हैं ? तब उन्होंने कहा था-‘’शब्द नहीं हैं मेरे पास। ‘इंडियन आइडल’ (Indian Idol) ने मुझे पहले से भी ज्यादा लोकप्रियता दिला दी। मुझे लगा जैसे बरसों का इकट्ठा हुआ प्यार फव्वारे जैसा फूट कर एक साथ बरस गया हो।‘’

‘’मेरा गीत है-कुछ पाकर खोना है…मैंने भी अपने जीवन में बहुत कुछ पाया फिर जितना पाया उससे ज्यादा खोया भी। लेकिन मेरा जोश कभी ठंडा नहीं हुआ। मैं छोटे बच्चों से लेकर अपनी उम्र से भी बड़ों का प्यार, सम्मान पाकर अभिभूत हूँ। चाहूँगा मेरी आखिरी सांस तक सभी का ये प्यार मेरे साथ बना रहे।‘’

संतोष आनंद (Santosh Anand) अब तक करीब 25 फिल्मों में 110 गीत लिख चुके हैं। यूं इन्होंने कल्याणजी आनंदजी और अनु मालिक जैसे संगीतकारों के साथ भी काम किया। लेकिन इनके अधिकतर गीत लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल के संगीत निर्देशन में हैं।

संतोष आनंद (Santosh Anand) के लिए एक अच्छी बात यह भी है कि इनके गीतों को लता मंगेशकर, आशा भोसले, मुकेश, रफी, किशोर कुमार, महेंद्र कपूर के साथ कविता कृष्णामूर्ती, अलका याज्ञनिक, सुरेश वाडेकर, अनुराधा पौडवाल, साधना सरगम और उदित नारायण तक कई जाने माने गायक अपने सुर दे चुके हैं।

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के लिए तो इनके दिल में हर वक्त बहुत सम्मान रहा है। पिछले दिनों जब लता मंगेशकर का निधन हुआ तो यह इतने गमगीन हुए कि इनके आँसू थम नहीं रहे थे। संतोष आनंद (Santosh Anand) के सर्वाधिक लोकप्रिय गीत ‘एक प्यार का नगमा है’ और ‘ये गलियाँ ये चौबारा’ सहित इनके और भी कई गीतों को लता मंगेशकर ने अपने स्वर दिये हैं।

हम संतोष जी (Santosh Anand) के जन्म दिन पर कामना करते हैं। वह स्वस्थ रहें, दीर्घ आयु हों और आगे भी उनके अच्छे अच्छे गीत सुनने को मिलते रहें।

यह भी पढ़ें- Happy Birthday Anandji: 39 सिल्वर जुबली और 17 गोल्डन जुबली फिल्मों के संगीतकार आनंद जी हुए 91 साल के

Related Articles

Back to top button