आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का है प्रतीक, कभी न मिटने वाला कलंक है- सचदेवा

दिल्ली। आज 25 जून आपातकाल विरोध दिवस पर दिल्ली भाजपा ने प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह का आयोजन किया जिसमें आपातकाल बंदियों का सम्मान किया गया। हर कार्यक्रम में एक वरिष्ठ आपातकाल बंदी मंचासीन रहे और उन्होंने आपातकाल से जुड़े अपने संस्मरण सम्मेलन में उपस्थित जनों के समक्ष रहे।

दिल्ली के चांदनी चैक लोकसभा क्षेत्र में आयोजित हुए कार्यक्रम में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद डॉ हर्षवर्धन एवं आपातकाल बंदी प्रो. पी के चांदला ने प्रबुद्ध नागरिकों के साथ बैठक की और आपातकाल बंदियों का सम्मान किया।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि 25 जून का यह दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन है और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने वाली कांग्रेस को तो लोकतंत्र के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। जब से यह देश आजाद हुआ तब से संविधान के खिलाफ किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया था जैसा काम इंदिरा गांधी की सरकार ने किया और एक तरह से पूरे लोकतंत्र को खत्म कर दिया। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि लोकनायक जय प्रकाश जी द्वारा भ्रष्टाचार एवं तानाशाही को खत्म करने के लिए जो कार्य किया उसमें मैं शामिल हुआ।

विजय रुपाणी ने कहा कि 1967-75 तक पूरे देश भर में 8 वर्षों तक देश में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाया गया और 12 जून को पहली बार गुजरात में गैर कांग्रेसी सरकार बनी और साथ ही इंदिरा गांधी की चुनाव को रद्द करके इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जो किया यह भी अपने आप में ऐतिहासिक है और उसी वक्त शुरु हुआ इंदिरा हटाओं देश बचाओं आंदोलन। उन्होंने कहा कि 25 जून को जब इसके खिलाफ नारेबाजी और रैलियां निकाली गई तो इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगा दी। उन्होंने कहा कि मीसा जैसे खतरनाक नियम लगाकर लोगों को जेल के अंदर डालना शुरु किया गया और इसके खिलाफ आवाज उठाने वाला कोई नहीं था और ना ही मीसा लगाने में किसी भी तरह के नियम का पालन किया गया।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दो हमारे दो स्लोगन देकर नसबंदी कराई गई। उस समय की कांग्रेस सरकार ने सभी को नसबंदी करने का टारगेट दिया और कई कुंवारों का भी नसबंदी कर दिया। उन्होंने कहा कि 1977 में जब चुनाव हुआ तो कांग्रेस की सरकार की अराजकता के कारण उसे जनता ने सत्ता से उखाड़ फेंका और फिर जनता की सरकार बनीं क्योंकि उस वक्त कार्यकर्ता टूटे नहीं थे। मैं खुद मीसा बंदी हूं और आज मोदी सरकार ने आपातकाल में बंदियों को जो सम्मान देने का काम किया है वह कोई नहीं भूलेगा।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने सभा में उपस्थित लोगों को श्री विजय रुपाणी के युवा अवस्था में आपातकाल के दौर के बारे में बताया और कहा कि विजय रुपाणी जैसे कई युवा जो उस वक्त छात्र थे और पढ़ाई कर रहे थे उन्हें भी कांग्रेस सरकार द्वारा अपनी हठधर्मिता के कारण जेल में डाल दिया गया था, यह लोकतंत्र की हत्या है और एक पार्टी सिर्फ अपनी सत्ता बचाने के लिए ऐसा करें तो शर्म आती है ऐसी पार्टी पर। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाकार विपक्ष को समाप्त करने की साजिश रची गई थी और खेद का विषय है कि जिन अनेक नेताओं ने कांग्रेस द्वारा घोषित आपातकाल की यातनाएं झेली वे आज राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने का संकल्प ले रहे हैं।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि विपक्षी नेताओं को रातों रात गिरफ्तार करके जेलों में डाल दिया गया, जिनमें जयप्रकाश नारायण (जेपी), अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस जो सिर्फ लोकतंत्र खत्म हो रहा है कि झूठे नारे लगाकर लोगों को भ्रम में डाल रही है दरअसल उसका मकसद ही था कि देश में लोकतंत्र खत्म करना। अपने सत्ता-स्वार्थ के लिए लगाया गया आपातकाल, कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक और कभी न मिटने वाला कलंक है। उन्होंने कहा कि लगभग 50 लाख लोगों की जबरन नसबंदी करवाना और मीसा के अंतर्गत एक लाख लोगों को जेल के अंदर डालना कांग्रेस की क्रुरता दर्शाता है।

सांसद डाॅ. हर्षवर्धन ने कहा कि आपातकाल का दौर जब भी याद आता है तो एक अराजक सरकार के रुप में कांग्रेस की इंदिरा सरकार की पहचान होती है। उस वक्त जे पी द्वारा किए गए आंदोलन से कई युवा प्रभावित हुए लेकिन उस वक्त कांग्रेस सरकार युवा छात्रों को भी जेल के अंदर डालने से पीछे नहीं हटी। उन्होंने कहा कि आपातकाल देश के इतिहास में कभी न भूला जाने वाला काला अध्याय है। आज हमें उनका सम्मान करना चाहिए जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और देश में लोकतंत्र की भावना को मजबूत करने के लिए काम किया।

दक्षिणी दिल्ली जिला कार्यालय में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं आपातकाल बंदी प्रदीप जैन उपस्थित रहे। रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि आपातकाल में ना केवल राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बल्कि आम नागरिकों के भी मौलिक अधिकारों का हनन किया गया था। उन्होंने कहा कि जहां राजनीतिक रुप से विरोधियों को गिरफ्तार किया गया तो वही सत्ताधारी कांग्रेस को चंदा न देने पर अनेक व्यापारियों को भी मीसा एवं फेरा जैसे खतरनाक नियमों में गिरफ्तार किया गया।

अजमल खां पार्क, करोल बाग में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और आपातकाल बंदी डॉ. नंद किशोर गर्ग उपस्थित रहे।

दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, द्वारका में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह में सांसद प्रवेश साहिब सिंह और आपातकाल बंदी मूलचंद चावला उपस्थित रहे।

सांसद गौतम गंभीर ने शाहदरा जिला एवं मयूर विहार जिला कार्यालय में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह को संबोधित किया। इनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता पवन शर्मा, आपातकाल बंदी डॉ. वेद व्यास महाजन एवं धर्मवीर शर्मा उपस्थित रहें।

सांसद  हंसराज हंस बाहरी दिल्ली जिला के कराला में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर आपातकाल बंदी श्री यशपाल आर्य उपस्थित रहे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने उत्तर पश्चिम जिला में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह को संबोधित किया। उन्होंने अपने आपातकाल के दौरान बंदी बनने के अनुभव के बारे में सबके साथ साझा किया।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने नई दिल्ली जिला कार्यालय में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन और आपातकाल बंदी सम्मान समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर आपातकाल बंदी जदीगश राजपाल उपस्थित रहे।

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