ज्ञानवापी पर अदालत का आया बड़ा फैसला, व्यास तहखाने में हिन्दू पक्ष को मिला पूजा-पाठ का अधिकार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है।

उन्होंने बताया कि जज ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं। यादव ने बताया कि पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा।

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के समक्ष बैठे नंदी महाराज के सामने लगी बैरीकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला जाएगा। यादव ने बताया कि अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली गयी थी। हिन्दू पक्ष का कहना था कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया था। अब वहां फिर से हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलना चाहिए। इस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जतायी थी।

फैसले से मायूसी, चुनौती देंगे- पर्सनल लॉ बोर्ड

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘इस फैसले से मायूसी जरूर है लेकिन अभी ऊपरी अदालतों का रास्ता खुला है। जाहिर है कि हमारे वकील इस फैसले को चुनौती देंगे।’ उन्होंने कहा, ‘ज्ञानवापी का मामला अयोध्या के मसले से अलग था। अभी लम्बा रास्ता तय करना है।’

 

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