Ram Mandir Pran Pratishtha: पीएम मोदी ने 11 दिन के अनुष्ठान के दौरान किए इन 7 मंदिरों के दर्शन, अन्न का त्याग कर सिर्फ नारियल पानी पी गुजारे सभी दिन

– प्रदीप सरदाना

  वरिष्ठ पत्रकार 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के यजमान बनने पर  जिस तरह 11 दिन का कठिन अनुष्ठान किया, उससे अन्य राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए। इतनी व्यस्तताओं और दिन भर 18 से 20 घंटे बड़े बड़े काम करने के बावजूद विधिवत अनुष्ठान, नरेन्द्र मोदी जैसे तपस्वी ही कर सकते हैं।

पीएम मोदी चाहते तो बिना अनुष्ठान के भी मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कर सकते थे। या फिर वह समारोह से तीन दिन पूर्व अन्न के स्थान पर फलाहार के साथ उपवास करके भी काम चला सकते थे। लेकिन उन्होंने विधि से भी अधिक करके अपने इस अनुष्ठान से दिखा दिया कि भगवान राम के प्रति उनकी गहरी आस्था है। वह हर काम पूरी निष्ठा के साथ करते हैं। साथ ही वह राष्ट्र के साथ धर्म के लिए भी समर्पित हैं।

नरेन्द्र मोदी ने 12 जनवरी,  को नासिक के काला राम मंदिर में, 11 दिवसीय अनुष्‍ठान की शुरूआत की थी। विभिन्न नियमों के अनुसार एक नियम यह है कि इन दिनों में पहले अन्न के एक समय के भोजन के साथ उपवास रखा जा सकता है। फिर अंतिम तीन दिन अन्न  के स्थान पर फलाहार का उपवास होता है। अनुष्ठान के इन दिनों में यथा संभव भक्ति, भजन करना और ज़मीन या तख्त पर सोने का विधान है। कुछ और भी कड़े नियम हैं।

मोदी ने 11 दिन अन्न का एक दाना भी नहीं खाया

जबकि इधर पीएम पूरे 11 दिन दो समय सुबह और शाम सिर्फ़ नारियल पानी पीकर ही यह उपवास करते  रहे । इससे अपने इस उपवास और अनुष्ठान को उन्होंने और भी कठिन बना दिया। इन 11 दिनों में मोदी ने अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं किया। मोदी यूं साल में दो बार नवरात्रि में 9 दिन का उपवास रखते हैं। इस दौरान वह सिर्फ नीबू पानी पीते हैं। लेकिन यह अनुष्ठान उनके नवरात्रि उपवास से भी बड़ा हो गया।

उनके इस अनुष्ठान के सम्‍पन्‍न होने के साथ ही 22 जनवरी को अयोध्या धाम मंदिर में श्री रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्‍ठा हुई। उसके भी काफी देर बाद  मोदी ने  थोड़ा अल्पाहार ग्रहण किया।

पीएम ने अपने इस अनुष्ठान की शुरुआत 12 जनवरी को नासिक  धाम-पंचवटी से की थी। यह वह स्थान है जहां  प्रभु श्रीराम ने वनवास के दौरान महत्वपूर्ण समय बिताया था। इसके बाद मोदी लगातार दक्षिण के विभिन्न मंदिरों में भगवान के दर्शन भी करते रहे और पूजा अर्चना और भजन भी। साथ ही मंदिरों में उन्होंने सेवा कार्य कर स्वच्छता में भी श्रमदान किया। नरेन्द्र मोदी ने अनुष्ठान के इन 11 दिनों में 7 मंदिरों की यात्रा की। आइये आपको बताते हैं कि वे किन किन मंदिरों में गए।

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श्री कालाराम मंदिरनासिक

प्रधानमंत्री ने 12 जनवरी 2024 को महाराष्ट्र के नासिक स्थित काला राम मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने श्री राम कुंड पर भी दर्शन और पूजा की। रामायण का ‘युद्ध कांड’ खंड, जिसमें भगवान राम की विजयी होकर अयोध्या घर वापसी का चित्रण है, प्रधानमंत्री को मराठी भाषा में सुनाया गया। प्रधानमंत्री ने संत एकनाथ जी द्वारा मराठी में लिखी भावार्थ रामायण के श्लोक भी सुने।

वीरभद्र मंदिरलेपाक्षीआंध्र प्रदेश

पीएम मोदी ने मंगलवार, 16 जनवरी 2024 को आंध्र प्रदेश स्थित पुट्टपर्थी के लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर में दर्शन और पूजा की। प्रधानमंत्री ने तेलुगु भाषा में रंगनाथ रामायण सुनी और आंध्र प्रदेश की प्राचीन छाया कठपुतली कला थोलू बोम्मालता द्वारा चित्रित जटायु की कहानी देखी।

गुरुवयूर मंदिरत्रिशूरकेरल

प्रधानमंत्री ने केरल के गुरुवयूर मंदिर में भी दर्शन और पूजा की।

त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिरत्रिशूरकेरल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जनवरी, 2024 को केरल के त्रिप्रयार में श्री रामास्वामी के दिव्य निवास का दौरा किया। उन्होंने श्री रामस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा की। प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा और कलाकारों और बटुकों को सम्मानित भी किया।

श्री रंगनाथस्वामी मंदिरतिरुचिरापल्लीतमिलनाडु

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जनवरी 2024 के शुभ दिन, तमिलनाडु में श्री रंगनाथस्वामी के पवित्र मंदिर का दौरा किया। उन्होंने उस पवित्र स्थल पर कंब रामायण की काव्यात्मक प्रस्तुति भी सुनी, जहां प्रसिद्ध कंब रामायण के रचयिता कंबन ने पहली बार अपनी उत्कृष्ट कृति को दुनिया के सामने पेश किया था।

श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिररामेश्वरम

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा करने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु में अरुलमिगु रामनाथस्वामी के पवित्र निवास, रामेश्वरम का दौरा किया। उन्होंने भगवान को श्रद्धा और भक्ति अर्पित की, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में पूजनीय हैं। वह भजन संध्या जैसे विभिन्न कार्यक्रमों में भी शामिल हुए, जहां शाम को मंदिर परिसर में कई आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किए गए।

कोठंडारामस्वामी मंदिरधनुषकोडी

प्रधानमंत्री ने 21 जनवरी को धनुषकोडी के कोठंडारामास्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा की। धनुषकोडी के पास, प्रधानमंत्री ने अरिचल मुनाई का भी दौरा किया, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था। वहाँ की अद्धभुत अनुभूति का उल्लेख मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर समारोह के दौरान भी किया।

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