आतिशी और शैली ओबेरॉय एक महीने तक शिक्षक के रूप में काम करें- प्रवीण शंकर कपूर

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि दिल्ली के लोगों ने देखा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार के आम आदमी पार्टी के दावे कितने खोखले हैं, लेकिन अब वही नौटंकी एमसीडी स्कूलों में भी दोहराई जा रही है।

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम के 11 सितंबर के हालिया आदेश जिसके माध्यम से आप शासित एमसीडी ने फंड आवंटित किया है।

नगर निगम स्कूल विद्यार्थियों को परीक्षा सामग्री, असाइनमेंट, टीएलएम आदि प्रदान करने के साथ-साथ साप्ताहिक सहपाठ्यचर्या गतिविधियों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रति वर्ष 50 रुपये प्रति छात्र की दर से 816655 विद्यार्थियों के लिए 40832750 आवंटित हुऐ हैं।

श्री कपूर ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में कई एमसीडी स्कूल शिक्षकों ने हमारे नेताओं से मुलाकात कर रुपये के इस मामूली आवंटन पर आश्चर्य व्यक्त किया है और मांग की कि यह वास्तव में प्रति बच्चा 50 रुपये प्रति माह होना चाहिए।

शिक्षकों ने हमें अवगत कराया है कि पहले 2019-20 तक ये खर्च स्कूल पेटी एक्सपेंसेस हेड और बॉयज फंड से किए जाते थे, लेकिन कोविड के दौरान जब स्कूल लगभग 15 महीने तक बंद रहे तो एमसीडी ने बॉयज फंड आवंटित नहीं किया, लेकिन इससे शिक्षकों को कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि स्कूली शिक्षा नही हो रही थी।

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि शिक्षकों को हमेशा से उम्मीद थी कि दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी और मेयर शैली ओबेरॉय उचित फंड आवंटित करेंगी। स्कूली शिक्षा खर्चों को पूरा करने के लिए कम से कम 600 रुपये प्रति वर्ष चाहियें लेकिन आप नेताओं ने शिक्षकों को निराश किया है।

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि आतिशी और शैली ओबेरॉय ने बमुश्किल 4 रुपये प्रति माह आवंटित करके एमसीडी स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों के साथ एक क्रूर मजाक किया है। आवश्यक परीक्षा, टीएलएम और साप्ताहिक पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों के खर्चों को इसमे पूरा करना असंभव है।

प्रवीण शंकर ने शिक्षा मंत्री आतिशी और महापौर को चुनौती दी है कि वे एक महीने तक शिक्षक के रूप में काम करें और फिर बताएं कि क्या वे 4 रुपये में बच्चों के लियें स्टेशनरी, टीएलएम और परीक्षण खर्चों की बात को तो छोड़ दें केवल साप्ताहिक सहपाठ्यक्रम गतिविधियों को भी पूरा कर पाये ?

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