90 साल की उम्र में भी बरकरार है आशा भोसले का जलवा

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

सुप्रसिद्द गायिका आशा भोसले (Asha Bhosle) हाल ही में 8 सितंबर को 90 साल की हो गईं। लेकिन इसके साथ खुशी की बड़ी बात यह भी है कि आशा भोसले (Asha Bhosle) इस उम्र में भी जिस खूबसूरती से गा रही हैं वह बेमिसाल है। इस उम्र में और कोई भी गायक-गायिका यह कमाल नहीं कर सका जो आशा ताई (Asha Tayi) ने कर दिखाया।

अपना 90 वां जन्म दिन आशा भोसले (Asha Bhosle) ने दुबई में मनाया वह भी अपने संगीत का ऐसा भव्य आयोजन करके जहां वह खुद लगातार घंटों गाती रहीं। लोग थिरकते रहे। इस उम्र में उनकी चुस्ती फुर्ती और फिटनेस देखकर दिल खुशी से झूम जाता है। विधाता ने उनकी सेहत ही नहीं उनके सुरों की ताजगी और खनक भी बरकरार रखी है।

Asha Bhosle Birthday-File Photo

आठ सितंबर 1933 को दीनानाथ मंगेशकर के संगीत खानदान में जन्मी आशा (Asha Bhosle) ने यूं दस साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। लेकिन उनकी दीदी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) फिल्म दुनिया में ऐसी चमकी की उनकी रोशनी के सामने आशा (Asha Bhosle) फीकी सी पद गईं। यह कड़वा सच है कि आशा (Asha Bhosle) की गजब की गायन प्रतिभा देख लता (Lata Mangeshkar) भी सहम गईं। दोनों बहनों में एक समय प्रतियोगिता के चक्कर में शीत युद्द भी चलता रहा। लेकिन ओपी नय्यर (OP Nayyar) जैसे संगीतकार ने 1956 में फिल्म ‘सीआईडी’ और 1957 में ‘नया दौर’ में उनसे गीत गवाकर उनके करियर को पंख लगा दिये।

नैयर (OP Nayyar) के बाद रवि (Music Director Ravi), एसडी बर्मन जयदेव (SD Burman), और फिर आरडी बर्मन (RD Burman) के संगीत में आशा ने जो इतिहास रचा वह किसी से छिपा नहीं है। ख्य्याम, एआर रहमान और अनु मालिक जैसे कितने ही और संगीतकार आशा (Asha Bhosle) की दमक को बरकरार रखे रहे। पिछले महीने ही आशा भोसले (Asha Bhosle) को दिल्ली में लाइव सुनने और उनसे रूबरू होने का सौभाग्य मिला।

विभिन्न भाषाओं में 10 हज़ार से अधिक गीत गा चुकी आशा ताई (Asha Bhosle) को दादा साहब फाल्के और पदम विभूषण जैसे बड़े सम्मान तो मिले ही। साथ ही 9 बार फिल्मफेयर पुरस्कार और दो बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी उनकी झोली में गया है।

चुरा लिया है तुमने, दम मारो दम, ये मेरा दिल, झुमका गिरा रे, पिया तू अब तो आजा, पर्दे में रहने दो, दो लफ्जों की है ये कहानी, आओ हुज़ूर तुमको, दिल चीज़ क्या है, रात बाकी, जब छाए मेरा जादू और शरारा शरारा जैसे आशा भोसले (Asha Bhosle) के कितने ही गीत जंगल में मंगल करके संगीत के स्वर्ग में ले जाते हैं।

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