Shankar Mahadevan: ग्रेमी अवार्ड मिलने पर बोले शंकर महादेवन, भारतीय संगीत के प्रति दुनिया का प्रेम और सम्मान बढ़ रहा है

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

बेहद प्रतिभाशाली गायक और संगीतकार शंकर महादेवन (Shankar Mahadevan) ग्रेमी अवार्ड (Grammy Award) पाकर काफी खुश हैं। गत 4 फरवरी को अमेरिका (America) के लॉस एंजेल्स (Los Angeles) में 66 वें ग्रेमी अवार्ड्स (66th Annual Grammy Awards) का आयोजन हुआ। दुनिया के इस सबसे बड़े संगीत पुरस्कार समारोह में भारतीय संगीत की भी वैश्विक मंच पर गूंज रही।

समारोह में सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम श्रेणी में शक्ति बैंड (Shakti Band) के एल्बम –‘दिस मूमेंट’ (This Moment) को ग्रेमी अवार्ड (Grammy Award) देने की घोषणा हुई तो भारतीयों के चेहरे खिल गए।

‘दिस मूमेंट’ (This Moment) के लिए जाकिर हुसैन, शंकर महादेवन, गणेश राजगोपालन और सेल्वागणेश विनायकराम, चार भारतीयों सहित इस बैंड के संस्थापक सदस्य और ब्रिटिश गिटार वादक जॉन मेकलॉघलिन को ग्रेमी अवार्ड (Grammy Award) से सम्मानित किया गया।

इस एल्बम के अलावा बांसुरी वादक राकेश चौरसिया (Rakesh Chaurasia) और ज़ाकिर हुसैन (Zakir Husaain) को दो-दो ग्रेमी अवार्ड्स और भी मिले। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने भी इन भारतीय कलाकारों को बधाई दी।

इस मौके पर शंकर महादेवन (Shankar Mahadevan) को व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर बधाई तो मैंने तभी दे दी थी। लेकिन उनके भारत लौटने पर मैंने उनसे खास बातचीत भी की। मैंने उनसे पूछा क्या आपको इस पुरस्कार की कोई उम्मीद थी? साथ ही इस पुरस्कार को अपने और देश के लिए किस तरह देखते हैं?

जवाब में शंकर (Shankar Mahadevan) बताते हैं-‘’उम्मीद तो रहती है। ऑस्कर (Oscar Award) और ग्रेमी (Grammy Award) जीतना एक सपना होता है। लेकिन ग्रेमी मिलेगा या नहीं इस पर कुछ कह नहीं सकते। क्योंकि ग्रेमी में लाखों प्रविष्टियाँ आती हैं। यह सिर्फ भारत से नहीं अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, यूएई पूरी दुनिया से। मेरे लिए खुशी की बात यह है कि हमने अपने शास्त्रीय संगीत को विश्व के सबसे बड़े मंच पर प्रस्तुत किया और उसके लिए पुरस्कार जीता भी। जीता तभी जब दुनिया के लोगों ने इसे पसंद किया।”

शंकर महादेवन (Shankar Mahadevan) आगे कहते हैं “यह शक्ति बैंड (Shakti Band) 50 साल पुराना बैंड है। फ्यूजन म्यूजिक (Fusion Music) का तो यह संस्थापक है। हालांकि मैं इससे 25 साल पहले जुड़ा। इसलिए अब इसके लिए ग्रेमी (Grammy Award) मिलना हमारे लिए प्रतिष्ठा की बात है। यूं मैं कहूँगा यह तो शुरुआत है, आगे चलकर और बहुत काम करना है। इस पुरस्कार के बाद भारतीय संगीत और उसके बाज़ार के लिए विश्व के नए द्वार खुल गए हैं। इससे अब अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ कई बड़े मंचीय सहयोग और कार्यक्रम हो सकेंगे। दूसरा भारतीय संगीत के प्रति जो दुनिया का प्रेम था वह अब और भी बढ़ गया है।‘’

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