Patna Shukla Review: ‘पटना शुक्ला’ में रवीना टंडन ने फिर दिखाया अभिनय का जौहर

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

यह देख अच्छा लग रहा है कि पिछले कुछ समय से रवीना टंडन (Raveena Tandon) फिर से अभिनय की दुनिया में सक्रिय हैं। पिछले दिनों वह अपनी ‘कर्मा कॉलिंग’ (Karmma Calling) के लिए चर्चा में रहीं और अब फिल्म ‘पटना शुक्ला’ (Patna Shukla) के लिए वह सुर्खियों में हैं। अच्छी बात यह भी है कि रवीना (Raveena Tandon) अपनी 51 की उम्र में भी बेहद खूबसूरत और कमसिन लगती हैं।

पटना शुक्ला फिल्म की कहानी क्या है ?

रवीना टंडन (Raveena Tandon) की ‘पटना शुक्ला’ (Patna Shukla) हाल ही में डिज्नी हॉट स्टार (Disney + Hotstar) पर प्रदर्शित हुई है। जिसमें रवीना (Raveena Tandon) एक ऐसी महिला तन्वी शुक्ला की भूमिका में हैं जो एक अच्छी बेटी, अच्छी पत्नी और अच्छी माँ होने के साथ अच्छी कुक भी हैं।

यूं तन्वी शुक्ला वकील भी हैं। लेकिन पटना में एक महिला वकील होने के कारण उनकी वकालत को कोई गंभीरता से नहीं लेता। उनके बनाए खाने की तारीफ तो दोस्त, रिश्तेदार ही नहीं जज भी करते हैं। लेकिन उन्हें अदालत में बड़े और अहम मुकदमे नहीं मिलते। पर एक दिन एक लड़की उनके पास अपना ऐसा केस लेकर आती है, जो तन्वी शुक्ला को मशहूर करके पटना शुक्ला (Patna Shukla) बना देता है।

कैसी है फिल्म ?

परीक्षाओं में धांधली पर केन्द्रित यह फिल्म दर्शाती है कि एक माफिया के चलते कितने ही होनहार विद्यार्थी फेल हो जाते हैं और रोल नंबर के घोटाले में नालायक विद्यार्थियों को प्रथम श्रेणी से पास कर दिया जाता है। एक वकील और गृहणी के किरदार में रवीना (Raveena Tandon) ने अपने अभिनय के अच्छे रंग छोड़े हैं।

उधर यह अभिनेता सतीश कौशिक (Satish Kaushik) की भी यह अंतिम फिल्म के रूप में याद की जाएगी। जिसमें सतीश (Satish Kaushik) एक जज के रोल में हैं। राजू खेर (Raju Kher) , मानव विज (Manav Vij), दया शंकर पांडे (Daya Shankar Pandey) और अनुष्का कौशिक (Anushka Kaushik) अन्य प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

फिल्म का विषय भी अच्छा है। लेकिन लेखक-निर्देशक विवेक बुड़ाकोटी (Vivek Budakoti) काफी कुछ अच्छा करते करते मात खा गए। फिल्म की कहानी कुछ जगह इतनी धीमी और लचर हो जाती है कि फिल्म अपना आकर्षण ही नहीं खोती, निराश भी करती है। अन्यथा यह एक अच्छी फिल्म है।

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