यमुना की सफाई के नाम पर केजरीवाल ने 6,800 करोड़ रुपये कहां खर्च किए, दिल्ली सीएम की लापरवाही पर बरसीं मीनाक्षी लेखी

नई दिल्ली, 16 जुलाई। केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति  राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में बाढ़ की स्थिति अगर आई है तो वह सिर्फ अरविंद केजरीवाल की लापरवाही का नतीजा है। केजरीवाल अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं और वह हर आपदा को राजनीति तौर पर इस्तेमाल करते हैं। भाजपा मांग करती है कि केजरीवाल की लापरवाही के कारण जो 25000 से अधिक लोग सड़कों के किनारे सोकर अपनी रात गुजारने को आज मजबूर हैं उन्हें सरकार अविलम्ब आर्थिक मदद देने की घोषणा करें। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना, विरेन्द्र बब्बर और यासिर जिलानी उपस्थित थे।

लेखी ने कोरोना के समय को याद करते हुए कहा कि दिल्ली ने देखा कि किस तरह से जब कोरोना का समय था उस वक्त अरविंद केजरीवाल ऑक्सीजन, भोजन, दवाईयां से लेकर हर जरुरत की चीजे केंद्र सरकार से मांगते दिखे थे जबकि अपनी तरफ से उन्होंने कोई व्यवस्था नहीं की थी। उन्होंने हथिनी कुंड बैराज से 1978 से अब तक यमुना में छोड़े गए पानी की पूरी डिटेल देते हुए कहा कि अब तक दिल्ली में सबसे ज्यादा 2013 (8.06 लाख क्यूसेक) और 2019 में (8.2 लाख क्यूसेक) पानी आया है लेकिन आज तक ऐसी स्थिति नहीं हुई जबकि इस बार सिर्फ 3.6 लाख क्यूसेक पानी से ही दिल्ली के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति आ गई।

मीनाक्षी लेखी ने कहा कि नदी में सिल्ट के कारण जो भराव होता है, उसके लिए उसे ड्रेनिंग का होना जरुरी है। लेकिन वह नहीं किया गया। अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में खुद इस बात को स्वीकारा है जिसमें उन्होंने लिखा था कि गोताखोर टीम ने पानी के नीचे से सिल्ट कंप्रेसर द्वारा निकाली, फिर हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा गया। जल्द ही पाँचों गेट खोल दिए जाएँगे। उन्होंने मांग की कि यमुना की सफाई पर फ्लड कंट्रोल द्वारा खर्च किए गए 6,800 करोड़ रुपये की जांच होनी चाहिए। उन्होंने अपेक्स कमिटी जो यमुना सफाई पर काम करती है, की मीटिंग पिछले दो साल से ना होने पर भी सवाल उठाए जिसका प्रमुख श्याम अरविंद केजरीवाल हैं जबकि 19 जून और 21 जून को होने वाली मीटिंग में केजरीवाल उपस्थित नहीं रहे।

लेखी कहती हैं, दिल्ली में बाढ़ आने का सबसे बड़ा कारण है डिसिल्टिंग ना होना और फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट जिस आदेश का इंतजार कर रहा था वह नहीं दिया गया। इसके साथ ही फ्लड डिपार्टमेंट का बजट भी गैर जिम्मेदाराना तरीके से प्रयोग किया जाना भी प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि 2018 में आईआईटी दिल्ली ने ड्रेनेज का प्लान बनाकर दिया लेकिन अरविंद केजरीवाल ने उस पर काम नहीं किया। 9 साल से कोई मास्टर प्लान नहीं है और पैसे खर्च कहां हुए उसकी भी जानकारी नहीं है। इसलिए दूसरो पर दोष मढ़ने से पहले अरविंद केजरीवाल अपनी जिम्मेदारी तय करें।

 

 

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