प्रेस काउंसिल की जगह अब मीडिया काउंसिल के गठन की जरूरत- राम बहादुर राय, एक्रिडिशन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने पत्रकारों को किया सम्मानित

नई दिल्ली, पुनर्वास न्यूज़ डेस्क। प्रेस कांउसिल की जगह अब मीडिया कांउसिल ऑफ इंडिया के गठन की जरूरत है। आज भी गणेशशंकर विद्यार्थी जैसा माद्दा रखने वाले पत्रकार भी मौजूद हैं। लेकिन सवाल छापने या दिखाने का है। क्योंकि आज पत्रकार नहीं संस्थाएं कमजोर हो गई हैं। पत्रकारों की स्थिति आज भी दयनीय है,उनके विचारों से समाज में बदलाव तो आता है लेकिन जब बात अपनी होती है तो वो पिछड़ा हुआ नजर आता है। पत्रकारों को वर्तमान और आने वाले समय की परिकल्पना करते हुए स्वयं को विकसित करना होगा, अपनी सुख सुविधाओं के लिए मात्र सरकार पर आश्रित न होते हुए मीडिया घरानों के मालिकों के साथ मिलकर परस्पर विकास की रूपरेखा बनानी होगी।

उपरोक्त विचार वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने ‘एक्रिडिशन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन’ द्वारा आयोजित समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में  हुआ। इस समारोह में जाने माने दो पत्रकार मधुरेन्द्र सिन्हा और उमेश जोशी को उनके असाधारण कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जहां राम बहादुर राय थे। वहाँ दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री योगानंद शास्त्री और रमाकांत गोस्वामी तथा  प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमा कांत लखेरा विशिष्ट अतिथि थे।

इस मौके पर कार्यक्रम के आयोजक  ‘एक्रिडियशन जर्नलिस्ट्स एसोसियेशन’ के अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा- हमारी संस्था जहां पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्द है। वहाँ हम समय समय पर देश, समाज और पत्रकारिता से जुड़े कुछ अहम मुद्दों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन तथा योग्य पत्रकारों को सम्मानित भी करते रहते हैं।

समारोह का शुभारंभ प्रसिद्ध गायिका आख्या सिंह की सुरीली आवाज में सरस्वती वंदना से किया गया।

समारोह में योगानंद शास्त्री ने कहा, आज  पत्रकारिता के माने बदल गए, जबसे आधुनिकता पत्रकारिता में आई है, तब से और भी धार आने लगी है, लेकिन फेक न्यूज़ ने काफी कुछ कहने के लिए मजबूर किया है।

जबकि रमाकांत गोस्वामी ने कहा कि देश में लोकतंत्र को सुरक्षित बनाये रखने के लिए पत्रकारों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

उधर पीआर गुरु के डायरेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि देश में पत्रकारों पर हो रही हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सभी राज्य सरकारों पर दबाव बनाना होगा।

अपना पुरस्कार ग्रहण करने के पश्चात मधुरेंद्र सिन्हा ने कहा कि असली पत्रकारिता वह है जो कठिन परिस्थितियों में की जाती है। लोग रोशन कमरे में नहीं अंधेरे कमरे में दिया जलाते हैं, जिससे वहां उजाला हो। हमें अगर लगता है कि निराशा का माहौल है तो उठ खड़ा होना चाहिए। लेकिन सिर्फ सत्तारूढ़ दल या प्रधानमंत्री की आलोचना करना पत्रकारिता के लिए जरुरी नहीं है। आलोचना हर स्तर पर हो सकती है क्योंकि हमारी जिंदगी में काफी कुछ है जिस पर लिखा जा सकता है।

समारोह में मधुरेंद्र सिन्हा की पुस्तक ‘कर्म योद्धा जय करण’ का भी  विमोचन किया गया।

इस अवसर पर एसोसिशन के उपप्रधान अनीस-उर-रहमान, कोषाध्यक्ष जगन नेगी, सदस्य विजय शर्मा, वीरेन्द्र सैनी के अलावा वरिष्ठ पत्रकार देवसागर सिंह, अरविंद कुमार सिंह, अनिल वर्मा, एस एन सिन्हा, प्रियरंजन दास, शिव कुमार बिलग्रामी, रमेशचंद शर्मा, संदीप शर्मा, नवीन गौतम, अमित मित्तल, योगेश भट्ट, कमलजीत सिंह, राजीव गुप्ता, विवेक शुक्ला, सुनील नेगी, सुनील पाराशर, अशोक किंकर, राकेश थपलियाल, विपिन गुप्ता, प्रदीप शर्मा, अनिल सागर, सुनील तुली, श्याम शर्मा और समाजसेवी राखी अरोड़ा, भवानी, शंकर सिंह भंडारी भी उपस्थित थे।  एसोसिएशन के महासचिव कोड़ले चन्नप्पा ने सभी उपस्थित अतिथियों और पत्रकारों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर विजय शंकर चतुर्वेदी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि भारत सरकार व सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्रकारों की सुरक्षा, पेंशन, रेल यात्रा किराये में कन्सेशन, देश भर में मुफ्त बस यात्रा और  प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज की सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए।

 

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