Tata Mumbai Marathon: पिता सुनील दत्त की विरासत को आगे बढ़ा रही है प्रिया दत्त, बोलीं यह सिर्फ दौड़ नहीं बल्कि एकता और ताकत का प्रतीक है

मुंबई को सपनों के शहर के साथ-साथ अपने उद्देश्य-संचालित पहलों के लिए भी जाना जाता ऐसे में सुनील (Sunil Dutt) और नर्गिस दत्त (Nargis Dutt) की बेटी प्रिया दत्त (Priya Dutt) टाटा मुंबई मैराथन (Tata Mumbai Marathon) में सशक्तिकरण की विरासत को कायम रख रही हैं। टाटा मुंबई मैराथन (Tata Mumbai Marathon) ने 2005 में अपना पहला कदम सिर्फ एक दौड़ के रूप में नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति के रूप में उठाया था।

प्रिया दत्त (Priya Dutt) ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने मैराथन के माध्यम से विकलांग लोगों को सशक्त बनाने के अपने दिवंगत पिता के दृष्टिकोण पर जोर दिया, जो वर्षों से एकता, ताकत और सहानुभूति के प्रतीक के रूप में विकसित हुआ है।

प्रिया दत्त (Priya Dutt) ने इंस्टाग्राम पर गहरे संबंध और 19 वर्षों तक मैराथन जारी रखने के उद्देश्य पर एक नोट शेअर कर अपने कैप्शन में लिखा, “”टाटा मुंबई मैराथन (Tata Mumbai Marathon) में मेरा हर कदम मुझे मेरे पिता के सपने से जोड़ता है। उन्होंने विकलांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए इसे समर्पित करते हुए 2005 में इस दौड़ की शुरुआत की। यह सिर्फ एक दौड़ नहीं है, यह एकता और ताकत का प्रतीक है। एनडीएफ के साथ मिलकर, हम सपनों को हकीकत में बदल रहे हैं, रास्ते में आने वाली बाधाओं को तोड़ रहे हैं। यह मैराथन एक दौड़ से कहीं अधिक है, यह परिवर्तन की यात्रा है और मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सम्मानित महसूस कर रहीं हूं। साथ मिलकर, हम अधिक समावेशी और लचीले भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।”

प्रिया दत्त अपने पिता की विरासत को कई मायनों में आगे बढ़ा रही हैं, जबकि मैराथन बदलाव को अपनाने और प्रत्येक व्यक्ति में क्षमता को पहचानने, शहर और इसके लोगों पर एक स्थायी छाप छोड़ने का एक मंच है, नरगिस दत्त फाउंडेशन का उद्देश्य है सुनिश्चित करें कि चिकित्सा उपचार की सामर्थ्य की कमी के कारण विकलांग व्यक्तियों की जान न जाए और कोई भी बच्चा पैसो की कमी के कारण अच्छी शिक्षा से वंचित न रहे।

इन वर्षों में, प्रिया दत्त ने बेजुबानों की आवाज़ बनकर, लोगों का समर्थन करके और बिना किसी भेदभाव के उनका इलाज करके अपने माता-पिता की विरासत को आगे बढ़ाया है।

टाटा मुंबई मैराथन (Tata Mumbai Marathon) और नर्गिस दत्त फाउंडेशन (Nargis Dutt Foundation) जैसी पहल, सेवा करने के लिए मंच के रूप में काम करती हैं, चाहे वह समावेशिता को बढ़ावा देना हो या कैंसर रोगियों का समर्थन करना हो।

अपने पिता के सपने को आगे बढ़ाते हुए, प्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि मैराथन एकता, ताकत और एक ऐसी दुनिया बनाने के सामूहिक दृढ़ संकल्प का उत्सव है जहां सभी को सफल होने का समान मौका मिले।

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