पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश को विश्व की पहली वैदिक घड़ी समेत 17,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की दी सौगात, बोले ‘देश की कला और कौशल के प्रचार का जिम्मा भी मोदी का है’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के भोपाल में ‘विकसित भारत, विकसित मध्य प्रदेश’ कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में लगभग 17,000 करोड़ रुपये की अनेक विकास परियोजनाओं का शिलान्‍यास और उदघाटन किया। पीएम मोदी ने उज्जैन के जंतर मंतर वेधशाला पर स्थापित की गई विश्व की पहली वैदिक घड़ी का उद्घाटन किया। यह परियोजनाएं सिंचाई, बिजली, सड़क, रेल, जलापूर्ति, कोयला और उद्योग सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करती हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में साइबर तहसील परियोजना की भी शुरुआत की।

भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में राज्यपाल मंगु भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कार्यक्रम का शुभांरभ किया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत मध्य प्रदेश के डिंडोरी में सड़क दुर्घटना में हुई लोगों की मौत पर शोक व्‍यक्‍त करते हुए की और कहा कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ”दुख की इस घड़ी में मैं मध्य प्रदेश की जनता के साथ हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य की सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों से लाखों नागरिक विकसित भारत के संकल्प के साथ इस आयोजन से जुड़े। उन्होंने हाल के दिनों में अन्य राज्यों द्वारा किए गए इसी तरह के संकल्पों को स्वीकार करते हुए कहा कि भारत तभी विकसित होगा जब राज्य विकसित होंगे।

विश्व की पहली वैदिक घड़ी का किया उद्घाटन

मध्य प्रदेश में शुक्रवार से शुरु हो रहे  9 दिवसीय विक्रमोत्सव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वर्तमान में हो रहे विकास के साथ-साथ राज्य की गौरवशाली विरासत का भी उत्‍सव है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि उज्जैन में लगाई गई वैदिक घड़ी इस बात का प्रमाण है कि सरकार विरासत और विकास को साथ लेकर चलती है।

प्रधानमंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, ”बाबा महाकाल की नगरी किसी समय दुनिया के लिए काल गणना का केंद्र थी, लेकिन इसके महत्व को भुला दिया गया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उपेक्षा को दूर करने के लिए सरकार ने दुनिया की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को उज्जैन में फिर से स्थापित किया है और जब भारत विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है तो यह उस ‘काल चक्र’ की साक्षी बनेगी।

साइबर तहसील, ग्रामीण परिवारों का समय और धन बचाएगी

पीएम मोदी ने कहा कि प्रदेश में साइबर तहसील का शुभारंभ किया जा रहा है। साइबर तहसील के माध्यम से जमीन का नामांतरण रजिस्ट्री और अन्य मामलों का समाधान डिजिटल माध्यमों से त्वरित रूप से हो जाएगा।

इससे ग्रामीण परिवारों का समय और धन दोनों बचेगा। यह समय और धन ग्रामीण परिवार कृषि और उससे जुड़े अन्य रोजगार में लगाएगा। इस तरह से उसकी आय में भी वृद्धि होगी और जीवन आसान होगा।

700 लाख मीट्रिक टन अनाज के भंडारण के लिए होगा सवा लाख करोड़ से अधिक का निवेश

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसानों की एक बड़ी समस्या अनाज के भंडारण की रही है। इस समस्या के निवारण के लिए भंडारण की सबसे बड़ी योजना पर कार्य किया जा रहा है। लगभग 700 लाख मीट्रिक टन अनाज के भंडारण के लिए सरकार सवा लाख करोड़ से भी अधिक का निवेश करेगी, जिससे किसानों को उनकी फसल का बढ़ा हुआ और सही दाम मिलेगा।

गांव को बनाएंगे आत्मनिर्भर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने पर अधिक बल दे रही है। आत्मनिर्भर गांव ही आत्मनिर्भर प्रदेश और आत्मनिर्भर देश का निर्माण करेंगे। इसके लिए देश में सहकारिता के विस्तार पर अधिक बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव में लाखों सहकारिता समितियों का गठन किया जा रहा है। खेती, पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और अन्य माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि का प्रयास किया जा रहा है।

पीएम ने कहा कि किसानों को उनकी भूमि का स्वामित्व और स्वामित्व से जुड़ी अन्य समस्याओं के निवारण के लिए पीएम स्वामित्व योजना के जरिए स्थायी समाधान उपलब्ध कराया जा रहा है। मध्यप्रदेश, स्वामित्व योजना के तहत अच्छा कार्य कर रहा है। प्रदेश के गांवों का ड्रोन के माध्यम से शत प्रतिशत सर्वे किया जा चुका है। अभी तक 20 लाख से अधिक स्वामित्व कार्ड दिए जा चुके हैं। इन स्वामित्व कार्ड के उपयोग से निर्धन परिवार कई तरह के विवादित कार्यों से बचा रहेगा।

निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा करना मोदी का संकल्प

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रदेश में निवेश और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना मोदी का संकल्प है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में शामिल होगा। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का मध्य प्रदेश एक प्रमुख स्तंभ है। मुरैना के सीतापुर में मेगा लेजर एंड फुटवियर क्लस्टर, इंदौर में रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री पार्क, मंदसौर के इंडस्ट्रियल पार्क का विस्तार और धार इंडस्ट्रियल पार्क का नवीन निर्माण, यह सभी इसी दिशा में उठाए जा रहे प्रमुख कदम है।

पीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में खिलौने बनाने की पुरानी परंपरा रही है, लेकिन पुराने समय में हमारे बाजार और घर विदेशी खिलौनों से भरे पड़े थे। सरकार ने देश में खिलौने बनाने वाले पारंपरिक परिवारों को विश्वकर्मा योजना के तहत मदद दी, जिसके कारण भारत में खिलौनों का आयात कम हो गया।

प्रधानमंत्री ने कहा “वर्तमान में हम आयात से अधिक विदेशों में खिलौनों का निर्यात कर रहे हैं। बुधनी के खिलौने बनाने वाले साथियों के लिए यह अच्छा अवसर है। देश की कला और कौशल के प्रचार का जिम्मा भी मोदी का है। विदेशी अतिथियों को कुटीर उद्योग में बना सामान उपहार में देता हूं तो आपकी कला और कौशल का प्रचार करने का पूरा प्रयास करता हूं।“

एमपी अजब है सबसे गजब है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ी है। भारतीयों को सम्मान की नजर से देखा जाता है। भारत की इस बढ़ी हुई साख का सीधा लाभ निवेश और पर्यटन के क्षेत्र में होता है। आज अधिक से अधिक लोग भारत आना चाहते हैं। भारत आएंगे तो मध्य प्रदेश आना स्वाभाविक है, क्योंकि “एमपी अजब है सबसे गजब है।”

पीएम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ममलेश्वर, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की स्मृति में निर्माण किया जा रहे, एकात्म धाम से यह संख्या और अधिक बढ़ेगी। 2028 में सिंहस्थ कुंभ होने जा रहा है। इंदौर के इच्छापुर से ओंकारेश्वर तक चार लेन सड़क के बनने से श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधा होगी। अभी हाल में प्रदेश के 30 रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इससे कनेक्टिविटी और सशक्त होगी कनेक्टिविटी बेहतर होती है तो इसका सीधा लाभ खेती, उद्योग, पर्यटन आदि सभी क्षेत्रों में मिलता है।

आने वाले 5 वर्ष बहनों और बेटियों के अभूतपूर्व सशक्तिकरण के वर्ष

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष नारी शक्ति के उत्थान के वर्ष रहे हैं। मोदी की गारंटी थी कि माता बहनों के जीवन की हर असुविधा और हर कष्ट को दूर करने का ईमानदारी से प्रयास किया जाएगा। इन्हीं प्रयासों को जारी रखते हुए यह विश्वास है कि आने वाले 5 वर्ष हमारे बहनों और बेटियों के अभूतपूर्व सशक्तिकरण के वर्ष होंगे। आने वाले वर्षों में हर गांव में अनेक लखपति दीदी बनेंगी। गांव की बहनें नमो ड्रोन दीदियां बनाकर खेती में नई क्रांति का आधार बनेगी। बहनों की आर्थिक स्थिति में अभूतपूर्व सुधार आएगा।

प्रदेश में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई सुविधा बड़ी उपलब्धि है- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा “मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से मैं यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत करता हूँ। डबल इंजन की सरकार विकास के नए सौपान गढ़ती चली जा रही है।“

सीएम यादव ने कहा “प्रदेश में कृषि के उत्पादन क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ाते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना की सौगात भी मध्यप्रदेश को मिली है। केन-बेतवा परियोजना आखरी चरण में है, जो जल्दपूरी होगी और सिंचाई के क्षेत्र में किसानों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में नवाचार के कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं।“

कार्यक्रम से बड़ी संख्या में जुड़े नागरिक

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, सांसद वी.डी. शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, महापौर मालती राय तथा अन्य जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 230 विधानसभा क्षेत्रों से 15 लाख से अधिक लोग वर्चुअली शामिल हुए। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की विकास गाथा की लघु वीडियो फिल्म भी दिखाई गई।

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में इन परियोजनाओं का किया उदघाटन और शिलान्यास

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में 5500 करोड़ रुपये से ज्यादा की सिंचाई परियोजनाओं का शिलान्यास किया।इन परियोजनाओं में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसनिया बहुउद्देशीय परियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं से डिंडोरी, अनुपपुर और मंडला जिलों में 75,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को सिंचित किया जा सकेगा और क्षेत्र में बिजली आपूर्ति और पेयजल में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने राज्य में 800 करोड़ से अधिक की दो सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। इनमें पारसडोह सूक्ष्म सिंचाई परियोजना और औलिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना शामिल हैं। ये सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं बैतूल और खंडवा जिलों में 26,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई की जरूरतों को पूरा करेंगी।

प्रधानमंत्री ने 2200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी – जखलौन एवं धौरा – आगासोड मार्ग पर तीसरी लाइन की परियोजना; न्यू सुमावली-जोरा अलापुर रेलवे लाइन में गॉज परिवर्तन परियोजना; और पोवारखेड़ा-जुझारपुर रेल लाइन फ्लाईओवर की परियोजना शामिल हैं। ये परियोजनाएं रेल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देंगी।

राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री ने पूरे मध्य प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ रुपये की अनेक औद्योगिक परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इन परियोजनाओं में मुरैना जिले के सीतापुर में मेगा चमड़ा, जूते एवं सहायक उपकरण केंद्र; इंदौर में परिधान उद्योग के लिए प्लग एंड प्ले पार्क; औद्योगिक पार्क मंदसौर (जग्गाखेड़ी चरण-2); और धार जिले में औद्योगिक पार्क पीथमपुर का उन्नयन परियोजना शामिल हैं।

प्रधानमंत्री कोयला क्षेत्र की 1000 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं देश को समर्पित कीं। इनमें जयंत ओसीपी सीएचपी साइलो, एनसीएल सिंगरौली; और दुधिचुआ ओसीपी सीएचपी-साइलो शामिल हैं।

मध्य प्रदेश में बिजली क्षेत्र को मजबूती प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री ने पन्ना, रायसेन, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम जिलों में स्थित छह सबस्टेशनों की आधारशिला रखी। इन सबस्टेशनों से प्रदेश के ग्यारह जिलों भोपाल, पन्ना, रायसेन, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, विदिशा, सागर, दमोह, छतरपुर, हरदा और सीहोर के लोगों को लाभ मिलेगा। इस सबस्टेशनों से मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों को भी लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने अमृत 2.0 के तहत लगभग 880 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं और राज्य के कई जिलों में जलापूर्ति प्रणालियों के संवर्धन और सुदृढ़ीकरण के लिए अन्य योजनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने खरगोन में जलापूर्ति बढ़ाने की परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की।

सरकारी सेवाओं की प्रदायगी में सुधार लाने की दिशा में कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश में साइबर तहसील परियोजना संपूर्ण खसरे की बिक्री-खरीद का दाखिल खारिज (या म्‍यूटेशन)  आदि से अंत तक कागत रहित और फेसलेस ऑनलाइन निपटान और राजस्व रिकॉर्ड में सुधार सुनिश्चित करेगी। यह परियोजना, जो राज्य के सभी 55 जिलों में लागू की गई है, पूरे मध्‍य प्रदेश के लिए एक एकल राजस्व न्यायालय भी प्रदान करेगी। इसमें आवेदक को अंतिम आदेश की प्रमाणित प्रति भेजने के लिए ईमेल/व्हाट्सएप का भी उपयोग किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने अन्य परियोजनाओं के अलावा मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं का शुभारंभ मध्य प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सामाजिक आर्थिक विकास और जीवन में सुगमता को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के विजन को रेखांकित करता है।

 

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