अयोध्या के वैभव को पुनर्प्रतिस्थापित करने में जुटी मोदी-योगी सरकार, 178 प्रॉजेक्ट पर 30 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर रही है सरकार

लखनऊ, कपिल देव सिंह। सप्तपुरियों में से एक अयोध्यापुरी की कीर्ति,उसकी महिमा का वर्णन वेद-पुराणों सहित अनेक धार्मिक ग्रंथों में है। अयोध्या को पृथ्वी की अमरावती भी कहा जाता था। इस वैभवशाली नगर को साकेतपुरी भी कहा जाता था। हिंदू मान्यता है कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या की रचना स्वयं देवताओं ने की थी और यहीं से महाराज मनु ने पृथ्वी पर मनुष्यों की दुनिया का सृजन किया था।

हालांकि अरब और मुगल आक्रांताओं और ब्रिटिश सरकार के गुलामी काल खंड को मिलाकर लगभग हजार वर्ष में इस महान नगर अयोध्या की कीर्ति धूमिल पड़ गई थी। जिसे  पुनर्प्रतिस्थापित करने के लिए अब मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार तेजी से काम कर रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अवधपुरी अयोध्या के चतुर्दिक विकास के लिए आठ परिकल्पनाओं के आधार पर कार्य हो रहे हैं। जिससे एक बार फिर साकेतपुरी को समस्‍त ऐश्‍वर्यपूर्ण नगरी बनाने का सपना साकार होने लगा है।

वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार और सन 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही अयोध्या के चहुंमुखी विकास का खाका खींचकर मिशन मोड में कार्य शुरू हुआ। एक के बाद एक लगभग 30.5 हजार करोड़ की 178 विकास परियोजनाओं के जरिए अयोध्या को विश्वस्तरीय नगर के रूप में विकसित करने का संकल्प अब सिद्धि तक पहुंचने जा रहा है।

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले दिन से ही अवधपुरी के वैभव को पुनर्प्रतिस्थापित करने के लिए जिन आठ परिकल्पनाओं को ही आधार बनाकर कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये थे, वह मूर्तरूप होने लगा है।

भगवान विष्णु के चक्र पर स्थित अयोध्या की आठ परिकल्पनाएं

भगवान विष्णु के चक्र पर स्थित साकेतपुरी को सांस्कृतिक अयोध्या, सक्षम अयोध्या, आधुनिक अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, भावात्मक अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या और आयुष्मान अयोध्या के रूप में धरातल पर उतारने का कार्य योगी सरकार तेजी के साथ आगे बढ़ा रही है।

1 सांस्कृतिक अयोध्या : इस परिकल्पना के अंतर्गत अवधपुरी का विकास भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित किया जाना है। मठ, मंदिरों, आश्रमों,सरोवरों और कुंडों को भव्य रूप प्रदान करना हो या वैभवशाली नगर द्वारों का निर्माण, इसके अलावा मंदिर संग्रहालय जैसे तमाम कार्य इसी परिकल्पना के आधार पर किये जा रहे हैं।

2 सक्षम अयोध्या : इस परिकल्पना के अंतर्गत अयोध्या को पूरी तरह से आत्मनिर्भर नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहां रोजी-रोजगार, पर्यटन, धर्म और सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा।

3 आधुनिक अयोध्या : आजादी के 70 साल बाद तक अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने वाली इस पवित्र नगरी को आज हर प्रकार की आधुनिक सुविधाओं वाला नगर बनाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी, सेफ सिटी, सोलर सिटी, ग्रीन फील्ड टाउनशिप जैसे तमाम योजनाएं इसी विचार के परिणाम स्वरूप आकार ले रही हैं।

4 सुगम्य अयोध्या : चाहे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण हो, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो या फिर पुण्य सलिला सरयू नदी को इनलैंड वाटरवे से जोड़ने का कार्य, योगी सरकार अयोध्या तक राम भक्तों की पहुंच को हर प्रकार से सुगम्य बना रही है। इसके अलावा विभिन्न सड़क मार्गों/पथों के जरिए भी इस पुण्यदायिनी नगरी अयोध्या तक देश विदेश के आस्थावान पर्यटक आसानी से पहुंच सकेंगे।

5 सुरम्य अयोध्या : अयोध्या के विभिन्न कुंडों, तालाबों और प्राचीन सरोवरों के सौंदर्यीकरण की बात हो या पुराने उद्यानों का कायाकल्प और नये उद्यानों का निर्माण कार्य। या फिर हेरिटेज लाइटों के जरिए शहर को तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाकर सुंदर स्वरूप प्रदान करना हो। सड़कों को फ्लैड लाइटिंग से जगमग करना और इन जैसी तमाम योजनाओं के जरिए अवधपुरी को मनमोहक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है।

6 भावात्मक अयोध्या : प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि और लीला स्थली से पूरी दुनिया के श्रद्धालु सनातनियों का भावनात्मक जुड़ाव है। ऐसे में अवधपुरी के कण कण से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से जुड़ने का भाव परिलक्षित होना चाहिए। इसे देखते हुए अयोध्या नगर की दीवारों, सड़क के किनारों, चौराहों को सांस्कृतिक रूप से सुसज्जित किया जा रहा है।

7 स्वच्छ अयोध्या : स्मार्ट सिटी के रूप में स्वच्छ अयोध्या योगी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। नगर में साफ-सफाई से लेकर ड्रेनेज और सीवर सिस्टम पर अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। पर्यटन और धार्मिक आस्था के केंद्र के रूप में विकसित हो रही अयोध्या को देश की सबसे स्वच्छ नगरी बनाने का संकल्प भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही ले लिया है।

8 आयुष्मान अयोध्या : रोगियों को गुणवत्तापूर्ण और सुविधा आधारित चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए अयोध्या के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को पहले से काफी बेहतर किया गया है।यहां का राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज एम्स, देश के पांच मेडिकल कॉलेजों में से एक है जहां आपातकालीन चिकित्सीय सुविधा पर बड़े स्तर पर शोध कार्य भी हो रहा है। रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में योगी सरकार का लक्ष्य अयोध्या को आयुष्मान नगरी के रूप में विकसित करना है।

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