क्या खूब सजा है झंडेवाला मंदिर, सुरक्षा के लिए भी 170 कैमरों से निगरानी, एक बार दर्शन कर ही आइये

  • संगीता सरदाना

आज प्रातः 4 बजे की आरती के साथ दिल्ली के सुप्रसिद्द झंडेवाला मंदिर (Jhandewala Mandir) में नव संवत्सर और नवरात्रि (Navratri) महोत्सव का शुभारंभ हो गया। आज 22 मार्च से शुरू हुआ यह वासंतिक नवरात्र महोत्सव 30 मार्च तक चलेगा।

नवरात्र के इस उत्सव को मनाने के लिए दिल्ली के इस प्राचीन मंदिर को बहुत ही खूबसूरती और भव्यता के साथ सजाया गया है। मंदिर की सजावट ऐसी है कि भक्त मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। मंदिर परिसर का चप्पा चप्पा फूलों और रंगों से महक रहा है। माता मंदिर में माता रानी का स्वरूप इतना अच्छा है कि भक्त देखते ही सीस झुकाकर प्रार्थना करते हुए अपनी मनोकामना करने लगते हैं।

बद्री भगत झंडेवाला टेंपल सोसायटी के अतिरिक्त प्रबन्धक रवीन्द्र गोयल बताते हैं- ‘’इस बार भी मंदिर में चुन्नी, फूलमाला, प्रसाद या बाहर से कोई भी वस्तु मंदिर में लाना मना है। हाँ मंदिर की ओर से इस बात की व्यवस्था की गयी है कि जैसे ही भक्त माता रानी के दर्शन कर निकासी द्वार से बाहर निकलेंगे तो उन्हें माँ के भंडारे का प्रसाद दिया जाएगा। साथ ही मंदिर की सुरक्षा के भी कड़े  प्रबंध किए गए हैं। इसके लिए मंदिर परिसर और बाहर द्वार पर 170 सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे एक कंट्रोल रूम के माध्यम से मंदिर के सुरक्षा कर्मी और दिल्ली पुलिस तमाम गतिविधियों पर बारीकी से निगरानी रखेगी।‘’

मंदिर में इस दौरान दो आरतियाँ होंगी एक प्रातः 4 बजे और दूसरी सांय 7 बजे। आरती का सीधा प्रसारण मंदिर के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर भी किया जाएगा। साथ ही प्रतिदिन 4 गायक माँ के भजन प्रस्तुत कर देवी माँ का गुणगान करेंगे।

मंदिर में दर्शन के लिए रानी झांसी मार्ग, देशभन्धु गुप्ता मार्ग और वरुणालय से प्रवेश की व्यवस्था की गयी है। पार्किंग के लिए रानी झांसी मार्ग और फ्लैटिड फेक्टरी परिसर में निशुल्क व्यवस्था है। साथ ही चरण पादुका रखने के लिए भी प्रवेश द्वार पर निशुल्क प्रबंध हैं।

उधर आज नव संवतसर 2080 के मौके पर सेवा भारती और झंडेवाला मंदिर ने संयुक्त रूप से एक विशेष आयोजन रखा है। इसमें झंडेवाला मंदिर के निकट डीडीए पार्क में भक्त अपने परिवार और मित्रों सहित सूर्य देव को अर्ध्य कर, मंगल कामना कर सकते हैं। सुबह 6 से 8 बजे तक आज यहाँ विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखा गया है।

अब बस क्या सोचना ! माँ के दर्शन करने हैं तो निकल पड़िए। चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है। झंडेवाला मंदिर में, माता रानी ने दरबार लगाया है।

 

 

 

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