55 Years of Amitabh Bachchan: अमिताभ बच्चन के बॉलीवुड में 55 साल हुए पूरे, आज ही के दिन रखा था फिल्मी दुनिया में अपना पहला कदम

प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक

सदी के महानायक के रूप में मशहूर हुए अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को आज फ़िल्मी दुनिया में 55 बरस हो गए हैं. आज से ठीक 55 साल पहले 15 फरवरी 1969 को अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपनी पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ (Saat Hindustani) अनुबंधित करके फिल्मों में अपना पहला कदम रखा था. तब कोई नहीं जानता था कि यह पतला दुबला, लम्बा युवक आगे चलकर भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) का इतिहास बदल देगा.

भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) के करीब 110 साल के इतिहास में एक से एक कलाकार हुए हैं. लेकिन कुल मिलाकार फ़िल्म संसार में जो प्रतिष्ठा, जो लोकप्रियता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को मिली है वैसी किसी अन्य को आजतक नहीं मिल सकी है. कोई संदेह नहीं कि कई मामलों में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे सुपर स्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को भी पीछे छोड़ दिया है.

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के (Dadasaheb Phalke Award) भी प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को फाल्के सम्मान  नहीं मिल पाया.

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) 81 बरस की उम्र में जिस तरह आज भी जबरदस्त जोश के साथ सक्रिय, लोकप्रिय हैं और जिस तरह डिमांड में हैं उसका आज भी कोई सानी नहीं है. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के मामले में उनके लिए पुरानी कहावत आज भी लागू होती है कि नंबर एक से दस नंबर तक आज भी अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) है. बाकी सभी की गिनती दस के बाद शुरू होती है.

देखा जाए तो फिल्म और टीवी ही नहीं आज विज्ञापन की दुनिया में भी अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) नंबर वन हैं. जितने प्रोडक्ट के ब्रांड अम्बेसडर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) हैं उतना और कोई भी नहीं. विज्ञापन सरकारी हों या निजी सभी जगह ज्यादातर की पहली पसंद अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) रहते हैं.

मुश्किल से मिला था फिल्मों में मौका

आज जो अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सभी के चहेते और लोकप्रियता के शिखर पर बैठे हैं. उन्हें फिल्मों में काम बड़ी मुश्किल से मिला था. अमिताभ (Amitabh Bachchan) को स्कूल-कॉलेज के दौरान नाटकों में काम करते करते फिल्मों में काम करने की इच्छा भी जाग्रत हो गयी थी. लेकिन इनके माता पिता – तेजी जी और सुप्रसिद्द कवि-साहित्यकार डॉ हरिवंश राय बच्चन (Dr. Harivansh Rai Bachchan) चाहते थे कि उनका बड़ा बेटा कोई अच्छी नौकरी पाकर सेटल हो जाए.

अमिताभ (Amitabh Bachchan) ने फिल्मों में काम करने लिए डाक से अपने फोटो आदि फिल्म निर्माताओं को भिजवाये भी लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया. यहाँ तक ऑल इंडिया रेडियो (All India Radio) ने भी अमिताभ (Amitabh Bachchan) को रिजेक्ट कर दिया.

अमिताभ (Amitabh Bachchan) मन मारकर बैठ गए. लेकिन तभी इनके छोटे भाई अजिताभ बच्चन (Ajitabh Bachchan) को पता लगा कि फिल्मकार खवाजा अहमद अब्बास (Khwaja Ahmad Abbas) अपनी फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ (Saat Hindustani) के लिए नए कलाकार खोज रहे हैं तो उन्होंने बड़े भाई के कुछ फोटो उन तक पहुंचा दिए. अब्बास ने कहा फोटो नहीं इस लड़के को बुलाओ. तब अमिताभ (Amitabh Bachchan) कोलकाता की एक कम्पनी में नौकरी करते थे. अमिताभ (Amitabh Bachchan) तुरंत कोलकाता से मुंबई आ गए.

अमिताभ (Amitabh Bachchan) से मिलकर अब्बास (Khwaja Ahmad Abbas) ने उन्हें पसंद तो कर लिया लेकिन जब उन्हें पता लगा कि यह उनके दोस्त बच्चन जी का लड़का है तो उन्होंने कहा मैं पहले बच्चन जी से पूछुंगा कि वह तुम्हें फिल्मों में काम करने देने के लिए सहमत हैं या नहीं. तब फिल्मों में काम करना ज्यादा अच्छा नहीं समझा जाता था.

अब्बास (Khwaja Ahmad Abbas) ने बच्चन जी (Dr. Harivansh Rai Bachchan) को दिल्ली में तार भेजकर पूछा तो अमिताभ (Amitabh Bachchan) को लगा कि कहीं वे मना न कर दें. लेकिन बच्चन जी (Dr. Harivansh Rai Bachchan) ने तार भेजकर अब्बास को जवाब दिया कि यदि तुम समझते हो कि अमिताभ (Amitabh Bachchan) में कुछ योग्यता है तो ले लो नहीं तो वापस भेज दो. इसी के बाद अमिताभ (Amitabh Bachchan) का फिल्मों में आगमन संभव हो सका.

यूँ अमिताभ (Amitabh Bachchan) को शुरुआत में ख़ास सफलता नहीं मिली. उनकी राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के साथ आई ‘आनंद’ (Anand) फिल्म को छोड़कर उनकी करीब 10 फ़िल्में लगातार फ्लॉप होती चली गयीं.

लेकिन सन 1973 में आई ‘ज़ंजीर’(Zanjeer) फिल्म की सफलता ने उनकी किस्मत बदल दी. उसके बाद तो शोले, दीवार, अमर अकबर एंथनी, डॉन, त्रिशूल, शराबी, नमक हलाल और शक्ति जैसी कई सुपर हिट फिल्म देकर अमिताभ (Amitabh Bachchan) ने खुद को फ़िल्मी दुनिया के शहंशाह के रूप में स्थापित कर लिया.

अपनी दूसरी पारी में भी अमिताभ (Amitabh Bachchan) जिस तरह बागबान, कभी ख़ुशी कभी गम, ब्लैक, पा, पिंक, पीकू, 102 नॉट आउट, गुलाबो सिताबो, झुंड, गुडबाय और ऊंचाई जैसी शानदार फ़िल्में लगातार दे रहे हैं, उससे साफ़ है कि 55 साल बाद भी फिल्मकारों और दर्शकों दोनों में अमिताभ का जादू खूब चल रहा है.

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