NSD: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के ‘ग्रीष्मकालीन नाट्य समारोह’ में 7 प्रसिद्द नाटकों का मंचन

दिल्ली, कृतार्थ सरदाना। देश का सुप्रसिद्द और प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय’ (National School of Drama) ओड़ीसा के बाद अब दिल्ली में भी अपना ‘ग्रीष्मकालीन नाट्य समारोह’ आयोजित करने जा रहा है। यह 7 दिवसीय समारोह 28 जून से आरंभ होकर 4 जुलाई तक चलेगा।

समारोह में रानावि का रंगमंडल 7 सुप्रसिद्द और चर्चित नाटकों का मंचन करेगा। ये सभी नाटक रानावि के परिसर में स्थित ‘अभिनय सभागार’ में प्रतिदिन शाम 7 बजे आयोजित होंगे।

समारोह की शुरुआत 28 जून को नाटककार आसिफ आली और निर्देशक भारती शर्मा के नाटक ‘खूब लड़ी मर्दानी, सुभद्रा की जुबानी’ से होगी। जबकि 29 जून को नाट्यकार अजय शुक्ला के नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ का मंचन चितरंजन त्रिपाठी के निर्देशन में होगा। इसके बाद 30 जून को महाकवि कालीदास के प्राचीन नाटक ‘अभिज्ञानशाकुंतलम’ का मंचन प्रो’ विदुषी ऋता गांगुली के निर्देशन में है। फिर एक जुलाई को विजयदान देथा की कहानी पर बने नाटक ‘माई री मैं कासे कहूँ’ को अजय कुमार निर्देशित करेंगे। इस्माइल चुनारा के नाटक ‘लैला मजनूँ’ का मंचन राम गोपाल बजाज के निर्देशन में 2 जुलाई को होगा। ऐसे ही 3 जुलाई को महाश्वेता देवी की कहानी पर रचित नाटक ‘बायन’ का 3 जुलाई को और 4 जुलाई को धर्मवीर भारती के सुप्रसिद्द नाटक ‘अंधा युग’ का 4 जुलाई को मंचन होगा। इनमें ‘बायन’ का निर्देशन उषा गांगुली करेंगी और ‘अंधा युग’ का निर्देशन राम गोपाल बजाज।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो रमेश गौड़ बताते हैं- इस वर्ष हम ओड़ीसा में 14 दिवसीय ‘ग्रीष्मकालीन नाट्य समारोह’ का सफल आयोजन करने के बाद इसका दिल्ली चैप्टर करके उत्साहित हैं। हमारे रानावि का रंगमंडल लगातार देश के विभिन हिस्सों में विभिन नाटकों का मंचन कर पूरे देश को रंगमंच के साथ जोड़ रहा है। हमारा उद्देश्य है कि देश के दूर दराज क्षेत्रों में रह रहे लोग भी नाट्य कला में दिलचस्पी लेने के साथ रंगमंडल से अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें। जिससे रंगमंच और नाट्य प्रतिभा दोनों का विकास हो सकेगा। इधर हम रंगमंडल के नए सत्र के लिए ए और बी समूह के कलाकारों के चयन के प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहे हैं। जिसके लिए 13 जुलाई से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।

 

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