Odisha Train Accident: बालासोर रेल दुर्घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने किया खुलासा, कहा पता चला मूल कारण, जिम्‍मेदार लोगों की भी कर ली गई पहचान

रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा है कि ओडिसा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना के मूल कारण का पता लग गया है और इसके लिए जिम्‍मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है। दुर्घटना स्‍थल पर मीडिया से बातचीत में उन्‍होंने बताया कि प्रारम्भिक जांच के आधार पर तथ्‍यों का जल्‍द ही खुलासा किया जाएगा। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि बाहानगा स्‍टेशन के पास कोरोमंडल एक्‍सप्रेस, बंगलूरू-हावडा सुपरफास्‍ट एक्‍सप्रेस, एक मालगाड़ी की दुर्घटना इलेक्ट्रिोनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली में खराबी के कारण हुई।

रेल मंत्री ने बताया कि दुर्घटना स्‍थल पर रेल यातायात बहाल करने का काम युद्ध स्‍तर पर चल रहा है और बुधवार तक रेल मार्ग पर आवाजाही फिर शुरू होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने रेल मंत्री से बातचीत की और दुर्घटना के बाद यातायात बहाल करने के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ बहनागा रेल दुर्घटनास्थल का दौरा किया और वहां रेल यातायात को बहाल करने के लिए जारी मरम्‍मत कार्यों का जायजा लिया। दुर्घटना स्थल पर मीडिया से बातचीत में रेल मंत्री ने कहा कि रेल पटरी की मरम्‍मत का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है, इस मार्ग पर रेलगाडियों की आवाजाही बुधवार तक शुरू होने की उम्मीद है। शुरूआती निष्कर्षों के आधार पर, रेल मंत्री ने यह भी बताया कि इंटरलॉकिंग सिस्टम में खराबी के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस, बंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और बहनागा स्टेशन के पास एक मालगाड़ी के बीच दुर्घटना हुई।

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त अब रेलगाडी के पटरी से उतरने की उच्च स्तरीय जांच कर रहे हैं और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी। रेलवे सूत्रों ने कहा कि पटरी से पलटे सभी 21 डिब्बों को रेल पटरी से हटा दिया गया है। इसके अलावा, दुर्घटनास्थल के आसपास बिखरे पहिए और अन्य कलपुर्जों को साफ किया जा रहा है। सात से अधिक पोकलेन मशीनें, दो दुर्घटना राहत ट्रेनें, चार सड़क रेलवे वाहनों और सुरक्षा क्रेन तैनात हैं।

इसके साथ ही, एक हजार से अधिक कर्मचारी रेल मार्ग पर सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, रेलवे ने तीन विशेष ट्रेनों को तैनात किया है, एक भद्रक से चेन्नई के लिये और दो ट्रेने हावड़ा से बालेश्‍वर के बीच। जरूरत पड़ने पर शवों को ले जाने के लिए ट्रेनों में एक पार्सल वैन जोडी जाएगी और रास्ते में सभी प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी।

रेलवे और प्रधानमंत्री राहत कोष द्वारा अनुग्रह राशि की घोषणा के अलावा, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज बालेश्‍वर रेल दुर्घटना में मारे गए प्रत्‍येक व्‍यक्ति के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों के लिए एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की।

ओडिसा के मुख्य सचिव प्रदीप जैना से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रेल दुर्घटना में दो सौ 75 यात्रियों की मौत हुई है और कुल एक हजार एक सौ 75 घायल यात्रियों को ओडिसा के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से सात सौ 93 घायलों को अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस बीच, ओडिसा सरकार ने रेल दुर्घटना में मारे गए एक सौ 60 अज्ञात और लावारिस शवों को भुबनेश्वर के विभिन्न शवगृहों में स्थानांतरित कर दिया है।

राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने मीडिया को बताया कि 78 शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अभी भी लगभग एक सौ 87 शवों की पहचान करनी है। उन्होंने कहा कि दस अन्य शवों की पहचान कर ली गई है और शव को जल्द ही उनके परिवार के सदस्‍यों को सौंप दिया जाएगा। ओडिशा सरकार ने आज विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे घायल यात्रियों की सूची तीन वेबसाइटों srcodisha.nic.in, bmc.gov.in और osdma.org पर अपलोड कर दी है। मृतक यात्रियों की पहचान के लिए नाम की सूची के साथ तस्वीरें भी वेबसाइटों पर अपलोड की गई हैं। चूंकि तस्‍वीरें विचलित कर सकती हैं। इसलिए परिजनों को पहचान सुनिश्चित करने के लिए विवेक का इस्‍तेमाल करने की सलाह दी गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आज ओडिसा में दुर्घटनाग्रस्‍त तीन रेलगाडियों के घायल यात्रियों को दी जा रही चिकित्सा सहायता का जायजा लिया। सबसे पहले, उन्होंने भुबनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का दौरा किया। वह कुछ देर बाद कटक में एस.सी.बी. मेडिकल कॉलेज जाएंगे।

दक्षिण-पूर्व रेलवे की एक आंतरिक निरीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस को चेन्नई की ओर जाने वाली मुख्य लाइन पर जाने का संकेत मिला था, लेकिन यह गलती से लूप लाइन की ओर मुड़ गई। लूप लाइन में जाना मानवीय इंटरफेस की वजह से हो सकता है। रेलवे अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में कहा गया है कि ऐसा या तो त्रुटि या लापरवाही के कारण हुआ होगा।  शुक्रवार की शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस, बंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और उड़ीसा में बहनागा स्टेशन के पास एक मालगाड़ी की दुर्घटना, पिछले दो दशकों में भारत की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं में से एक है।

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