क्या पाकिस्तान को दी इस गलती की सजा

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अब तक पाकिस्तान आधारित या पाकिस्तान से संबंधित करीब 150 आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के नाम काली सूची में डाले जा चुके हैं, जिसमें नवीनतम नाम लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की का है, जिसे सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति ने आतंकवादी घोषित किया है। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के नेता अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन ने इस बार रोक हटाने का फैसला किया। चीन के इस कदम के पीछे की वजह को लेकर चर्चा का बाजार तेज है। ऐसे में आपको बताते हैं कि क्या चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान को उसके गलती की सजा दी है।
पाकिस्तान के दूतावास की तरफ से बड़ी गलती हुई थी। चीन के गोंतू शहर स्थित पाकिस्तानी कांस्लेट की तरफ से ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट में पाकिस्तानी कांस्लेट ने कहा कि वो चीन के साथ उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार के मुद्दे पर बात करेगा। पाकिस्तान की सरकार को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी। 24 घंटे तक ये ट्वीट अपना काम करता रहा। बाद में जब पाकिस्तान की सरकार को इस ट्वीट के बारे में पता चला तो हड़कंप मच गया। तुरंत इस ट्वीट को डिलीट करवाया गया। बाद में पाकिस्तान की तरफ से बयान दिया गया कि चीन में उसके कांउस्लेट का ट्विटर एकाउंट हैक हो गया था। बहरहाल पाकिस्तान ने ट्वीट तो डिलीट करवा दिया लेकिन उसका असर अब देखने को मिला है। चीन ने पाकिस्तान को इसकी सजा दे दी है। चीन ने पहली बार ऐसा कदम उठाया जिसकी उम्मीद पाकिस्तान भी नहीं कर रहा था।

पाकिस्तान को पुचकारने के लिए चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से डिप्लोमेटिक बयान भी सामने आ गया। जिसे सुनकर आतंक का आका पाकिस्तान फौरी तौर पर खुश तो जरूर हो सकता है। चीन के विदेश मंत्री वांग वेनबिन ने खुद अपने देश के इस कदम का बचान किया। उन्होंने बीजिंग में कहा कि आतंकियों को सूचीबद्ध करना वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने के अनुकूल है।

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