अरुण जेटली को रोज याद करते हैं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, बड़े दिल के नेता के साथ GST का मुख्य सूत्रधार भी बताया

अरुण जेटली एक बड़े दिल वाले नेता थे जिन्होंने हमेशा दूसरों के विचारों का सम्मान किया और उन्हें जगह दी। जब वह विपक्ष के नेता थे, उन्होंने सरकार को हमेशा आश्वस्त किया कि एक तर्कसंगत सोच के साथ, आपकी बात की सराहना की जाएगी। उन्हें आज हम राजनीतिक शासन की क्षति के रूप में याद करते हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार 26 अप्रैल को नई दिल्ली में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पहली अरुण जेटली मेमोरियल डिबेट के पुरस्कार समारोह में यह टिप्पणी की।

अरुण जेटली के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के रूप में वह उन्हें हर रोज याद करते हैं।

पूर्व वित्त मंत्री की बुद्धिमत्ता, विनम्रता और दूरदर्शिता की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनको वस्तु एवं सेवा कर (GST) जैसी दूरदर्शी पहलों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

उपराष्ट्रपति ने अरुण जेटली को जीएसटी का मुख्य सूत्रधार बताते हुए कहा कि उन्होंने इस कठिन कार्य को बड़ी सूझबूझ और धैर्य के साथ पूरा किया। उन्होंने कहा, “उन्होंने एक तंत्र बनाया कि निर्णय केवल सर्वसम्मति से लिया जाएगा और उनके समय में एक भी असहमति नहीं थी।”

अरुण जेटली को सेंट्रल हॉल का सबसे चमकीला सितारा बताते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि उन्होंने स्वर्गीय अरुण जेटली को कभी क्रोध या पीड़ा में नहीं देखा। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री की वाद-विवाद की विशेषता का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि एसआरसीसी (SRCC) द्वारा अपने सबसे शानदार पूर्व छात्रों में से एक के नाम पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का नाम देना एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है। उपराष्ट्रपति ने कॉलेज में वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए।

इस अवसर पर स्वर्गीय अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली, एसआरसीसी के प्रशासनिक निकाय के चेयरमैन अजय एस. श्रीराम, दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. योगेश सिंह, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की प्राचार्या प्रो. सिमरित कौर, के साथ छात्र-छात्राएं और अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

 

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