अडानी मामले पर संसद में हंगामा
अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की और कहा कि यह मुद्दा “करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डाल रहा है। अडानी बोर्ड द्वारा अपनी प्रमुख शेयर बिक्री को बंद करने के एक दिन बाद, कांग्रेस और अन्य दलों ने संयुक्त संसदीय समिति या अडानी समूह संकट की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा अडानी समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य में गिरावट के मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्ष ने नियम 267 के तहत संसद में निलंबन व्यापार नोटिस दिया है।
सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। हमने तय किया कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा LIC में है या अन्य संस्थानों में है वो कैसे बर्बाद हो रहा है। लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है जिसकी रिपोर्ट आने से कंपनी के शेयर्स गिर गए। LIC, SBI सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए। अडानी बोर्ड ने निवेशकों को किसी भी संभावित वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए 20,000 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को बंद करने का फैसला किया। हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आई है।