बिगड़े हालात तो इस तरह छीन लिए जाएंगे पाकिस्तान के परमाणु हथियार

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आबादी के पास स्टेट बैंक में 3.7 बिलियन डॉलर से कम है। कई रिपोर्ट में यहां तक दावा किया गया है कि अगर पाकिस्तान के हालात में सुधार नहीं हुआ तो मई तक वो डिफॉल्ट कर जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान में सिविल वॉर और इसके टूटने तक के दावे कई रिपोर्ट में किए जाने लगे हैं। अगर पाकिस्तान तबाह हो गया तो इसके न्यूक्लियर बम का क्या होगा? आतंक का पनाहगाह पाकिस्तान का न्यूक्लियर बम हमेशा से दुनिया के लिए खतरा बना है। ऐसे में जिस तरह के देश के मौजूदा हालात हैं कोई भी कट्टरपंथी गुट द्वारा वहां की सत्ता पर काबिज होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। फिर परमाणु शक्ति से लैस देश में आई अस्थिरता दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है।
पाकिस्तान में ऐसा भी हो सकता है, इस संभावना को अमेरिका ने बहुत पहले ही भांप लिया था। इतना ही नहीं ऐसी नौबत आने पर क्या करना है इसकी भी पूरी तैयारी कर रखी है। अमेरिका ने पाकिस्तानके लिए एक इमरजेंसी प्लानिंग कर रखी है, जिसका नाम स्नैच एंड ग्रैब है। इसका मतलब है हथियारों को छीन कर अपने कब्जे में रख लो। 9/11 के टेरर अटैक के बाद से पाकिस्तान पर अमेरिका की पैनी निगाहें बनी हुई है। पाकिस्तान ही इकलौता इस्लामिक देश है, जो न्यूक्लियर हथियारों से लैस है। ऐसे में अगर ये गलत हाथों में चले गए तो पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं।

पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार को सुरक्षित रखने के लिए अमेरिका ने 2001 से 2007 तक 10 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं।

2004 और 2011 की घटना के बाद अमेरिका पूरी तरह से चौकस हो गया। एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा भी किया गया था कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति को लगता है कि पाकिस्तान के हथियार उसके देश या हितों के लिए खतरा हैं तो वो स्नैच एंड ग्रैब प्लान को एक्टिवेट कर देंगे।

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