पाकिस्तान से 7 गुणा ज्यादा हुआ भारत का रक्षा बजट

नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रक्षा बजट को लगभग 13 प्रतिशत बढ़ाकर 5.93 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जबकि 2022-23 में यह 5.25 लाख करोड़ रुपये था। । रक्षा बजट में वृद्धि ऐसे समय में की गई थी जब भारत के कुछ करीबी रणनीतिक भागीदारों अमेरिका से लेकर जापान और ऑस्ट्रेलिया तक में तेजी से अस्थिर वैश्विक स्थिति के कारण आवंटन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है। रक्षा बजट में पिछले कई बजटों की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। सरकार हिमालय क्षेत्र में बढ़ते चीनी आक्रमण के कारण सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर अधिक ध्यान दिया गया था।
रक्षा बजट में 13 % की वृद्धि

वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित राशि 13 प्रतिशत बढ़ाकर 5.94 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है। पिछले साल यह राशि 5.25 लाख करोड़ रुपये थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया जिसमें सशस्त्र बलों के लिहाज से पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। इनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल है। वित्त वर्ष 2022-23 में, इस क्षेत्र के लिहाज से पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार व्यय 1.50 लाख करोड़ रुपये था।

कितना है पाकिस्तान का रक्षा बजट

पड़ोसी देश पाकिस्तान जो आए दिन भारत के खिलाफ साजिशें रचता रहता है औऱ एलओसी पर घुसपैठ की फिराक में लगा रहता है। पाकिस्तान के रक्षा बजट की बात करें तो 2021 में पाकिस्तान का डिफेंस बजट 11.3 अरब डॉलर था। वहीं भारत के रक्षा बजट के लिए 2021 में 76.6 अरब डॉलर आवंटित किया गया था। पाकिस्तान की आर्थिक तंगी का असर उसकी सेना पर भी देखने को मिल रहा है। पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के खर्च में भारी कटौती की गई है। वहीं भारत अब सेना पर पाकिस्‍तान से 7 गुना ज्‍यादा खर्च कर रहा है।

तीन गुणा चीन का रक्षा बजट

चीन के रक्षा क्षेत्र में खर्चे की बात करें तो विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2021 में चीन का सेना पर खर्चा 293.35 अरब डॉलर था।

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