Chandrayaan 3 की हुई सफल लॉन्चिंग, 40 दिन की यात्रा के बाद पहुंचेगा चांद की सतह पर

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने शुक्रवार 14 जुलाई को श्री हरिकोटा से चन्‍द्रयान-3 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित‍ किया। इसे 642 टन के वजन वाले प्रक्षेपण यान-एल.वी.एम.3 से भेजा गया। दिन मे दो बजकर पैंतीस मिनट और सत्रह सैकंड पर इसे सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र से छोड़ा गया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह और इसरो के पूर्व अध्‍यक्ष, इसरो के नियंत्रण कक्ष में इस प्रक्षेपण के साक्षी बने। वैज्ञानिकों और उनके परिवारों के अलावा सैकड़ों पंजीकृत लोगों ने भी परिसर के बाहर इस प्रक्षेपण को देखा। इसके अंतिरिक्‍त देश दुनिया से 200 से अधिक पत्रकार भी इस ऐतिहासिक प्रक्षेपण को देखने के लिए इसरो के मीडिया केन्‍द्र में उपस्थित थे।

चन्‍द्रयान-3 मिशन में इसरो की लगभग 25 महिला इंजीनियर और वैज्ञानिक इसमे सीधे रूप से जुड़े थे। चन्‍द्रयान-3 के मिशन निदेशक मोहन कुमार और रॉकेट निदेशक बीजू सी थॉमस और अंतरिक्ष यान के निदेशक डॉक्‍टर पी.वीरामुथुवेल हैं।

चन्‍द्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर 23 अगस्‍त या 24 अगस्‍त को उतरने की आशा है। यह चांद की सतह पर उतरने का भारत का दूसरा प्रयास है। 2019 में चन्‍द्रयान-2 मिशन आखिरी चरण में चांद की सतह पर उतरने में विफल हो गया था। अगर भारत सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतरने में सफल रहता है तो यह उप‍लब्धि हासिल करने वाला यह दुनिया का चौथा देश होगा। इससे पहले अमरीका, तत्‍कालीन सोवियत संघ और चीन ने ये उपलब्धि हासिल की है।

इसरो के अध्‍यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि रॉकेट ने चन्‍द्रयान-3 को पृथ्‍वी की निर्धारित कक्षा में स्‍थापित कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि इसे चन्द्रमा की कक्षा में पहली अगस्‍त से स्‍थापित करने की योजना है।

मिशन निदेशक एस.मोहन कुमार ने कहा कि एलवीएम-3 रॉकेट इसरो के भारी उपग्रहों को ले जाने में एक बार फिर सबसे भरोसेमंद प्रक्षेपण यान साबित हुआ है। परियोजना निदेशक पी.वीरामुथुवेल ने कहा कि अंतरिक्ष यान के संचालन सबंधी सभी उपकरण सामान्‍य रूप से काम कर रहे है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेन्‍द्र सिंह ने इस  प्रक्षेपण को भारत के लिए गौरव का पल बताया है।

अंतरिक्ष में 40 दिन की यात्रा के बाद, चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता मिलते ही अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

Related Articles

Back to top button