Rishi Kapoor Death Anniversary: ऋषि कपूर की वह इच्छा जो पूरी नहीं हो सकी, मरते दम तक रहा इस बात का मलाल

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक  

ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने अपनी ज़िंदगी में एक से एक शानदार फिल्म की। खूब लोकप्रियता और सफलता पाई। लेकिन उनकी एक दिली इच्छा अंत तक पूरी नहीं हो सकी। जिसका मलाल उन्हें मरते दम तक रहा।

ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) के फिल्म करियर को देखें तो अलग अलग रंगों की भूमिकाएँ करके इस अभिनेता ने सभी को हैरान कर दिया था। जबकि ऋषि (Rishi Kapoor) की हीरो के रूप में 1973 में आई पहली फिल्म ‘बॉबी’ से, उंनकी पहचान एक चॉकलेटी हीरो के रूप में बनी। तब ऋषि 21 साल के थे।

उनके पिता राज कपूर (Raj Kapoor) ने उन्हें लॉंच किया था। इसलिए कुछ लोगों का कहना था कि ऋषि (Rishi Kapoor) ज्यादा नहीं चलेगा। यह तो राज कपूर (Raj Kapoor) के बेटे होने के कारण उसे फिल्में मिल रही हैं। लेकिन ऋषि (Rishi Kapoor) ने करीब 50 बरसों तक बॉलीवुड पर अपने अभिनय की ऐसी चमक बिखेरी की जिसकी दमक हमेशा बरकरार रहेगी।

चॉकलेट के लालच में की थी पहली बार शूटिंग

हमारे यहाँ ऐसे कम ही अभिनेता हैं जिन्हें ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) जैसी विभिन्न फिल्में मिलीं। यूं ऋषि (Rishi Kapoor) ने पहली बार कैमरे का सामना 3 बरस की उम्र में ही कर लिया था। जब ‘श्री 420’ (Shree 420) फिल्म के गीत ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ में उनको भी रखा गया।

चिंटू यानि ऋषि (Rishi Kapoor) तब कैमरे का सामना करने के मूड में नहीं थे। लेकिन जब राज कपूर (Raj Kapoor) ने उन्हें चॉकलेट (Chocolate) दी तो वह तैयार हो गए। शायद इसी चॉकलेट का असर था कि वह बरसों चॉकलेटी हीरो (Chocolate Hero) बने रहे। हालांकि अपने अभिनय का कमाल पहली बार चिंटू ने तब दिखाया जब वह ‘मेरा नाम जोकर’ (Mera Naam Joker) में बाल कलाकार के रूप में आए।

नयी हीरोइन ऋषि के साथ करियर शुरू करने के लिए रहती थीं बेताब

‘बॉबी’ (Bobby) के बाद ऋषि (Rishi Kapoor) की शानदार छवि के कारण एक से एक हीरोइन उनके साथ काम करने के लिए मचलती थीं। नयी नायिकाएँ तो अपने करियर की शुरुआत ऋषि (Rishi Kapoor) के साथ करने के सपने देखती थीं। यही कारण है कि बॉलीवुड की 20 हीरोइंस ऐसी हैं जिन्होंने अपना करियर ऋषि (Rishi Kapoor) के साथ शुरू किया। जिनमें डिम्पल कपाड़िया, नीतू सिंह से लेकर शोमा आनंद, जया प्रदा और दिव्या भारती तक कई नाम हैं।

ऋषि (Rishi Kapoor) ने अपनी हम उम्र हीरोइन के साथ तो काम किया ही साथ ही उनकी आधी उम्र की अभिनेत्रियाँ भी उनकी हीरोइन बनीं। ‘दीवाना’ के समय ऋषि (Rishi Kapoor) 40 साल के थे और दिव्या भारती (Divya Bharati) 18 साल की। उर्मिला मतोंदकर, रवीना टंडन, पूजा भट्ट और तब्बू भी उनसे उम्र में काफी छोटी रहीं।

दिलचस्प यह भी है कि ऋषि (Rishi Kapoor) से उम्र में बड़ी नायिकाएँ भी उनके साथ काम करके बेहद खुश होती थीं। हेमामालिनी, राखी और शबाना कुछ ऐसे ही नाम हैं जो ऋषि (Rishi Kapoor) से उम्र में बड़ी हैं लेकिन इनके साथ आई ऋषि (Rishi Kapoor) की फिल्में भी दर्शकों ने पसंद कीं।

सबसे ज्यादा फिल्में नीतू सिंह के साथ

यूं ऋषि (Rishi Kapoor) ने करीब 50 नायिकाओं के साथ काम किया। जबकि सबसे ज्यादा 15 फिल्में नीतू सिंह (Neetu Singh) के साथ कीं। नीतू (Neetu Singh) के साथ पर्दे पर ही नहीं असल ज़िंदगी में भी पत्नी के रूप में उनकी जोड़ी खूब जमी। ऋषि (Rishi Kapoor) के करियर की कुल 150 फिल्मों में जहां रफूचक्कर, खेल खेल में, कभी कभी, प्रेम रोग, सागर, बोल राधा बोल और चाँदनी जैसी फिल्में हैं। वहाँ अग्निपथ, चिंटू जी,102 नॉट आउट और मुल्क जैसी फिल्में भी।

हालांकि दुख इस बात का है कि बेहद प्रतिभाशाली और कपूर खानदान के चमकते चिराग ऋषि (Rishi Kapoor) को प्रकृति ने 30 अप्रैल 2020 को हमसे छीन लिया। नहीं तो जिस तरह वह फिल्मों में अपने अभिनय की शानदार पारी खेल रहे थे, उससे वह अभी और भी कई अच्छी फिल्में फिल्म संसार को देते। उनकी अंतिम फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ उनके निधन के बाद मार्च 2022 में प्रदर्शित हुई थी। जिसमें ऋषि (Rishi Kapoor) के बचे हुए काम को अभिनेता परेश रावल (Paresh Rawal) ने निभाया था।

ऋषि (Rishi Kapoor) को अपने करियर में जहां सबसे पहले फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ (Mera Naam Joker) के लिए, सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ मिला। वहाँ बाद में फिल्म ‘बॉबी’,’दो दूनी चार’ और ‘कपूर एंड संस’ के फिल्मफेयर पुरस्कार के साथ फिल्मफेयर का लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड भी मिला।

पदमश्री न मिलने का रहा मलाल  

बहुत कुछ पाने के बाद भी ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) को एक बात का मलाल और अफसोस अंत तक रहा। उनके वह सपना, वह दिली इच्छा अंत तक पूरी नहीं हो सकी। मेरी उनसे कई मुलाकातें हुईं। फोन पर भी उनसे बात होती रहती थी। उनसे जब भी बात होती थी तो वह अपने करियर से संतुष्ट और खुश नज़र आते थे। अपने बेटे रणबीर (Ranbir Kapoor) का अभिनय भी उन्हें काफी पसंद आ रहा था। लेकिन अपनी बातचीत में ऋषि (Rishi Kapoor) ने मुझसे एक बात पर जरूर दुख जताया था। ऋषि (Rishi Kapoor) ने मुझसे कहा था-‘’उन्हें इस बात का मलाल है कि इतना काम करने के बाद भी भारत सरकार ने उन्हें कभी पदमश्री प्रदान नहीं किया। जबकि उनके बाद आए कई अभिनेता, अभिनेत्रियों को पदमश्री मिल चुका है।‘’

इस बात का मलाल मुझे भी है कि ऋषि (Rishi Kapoor) को पदमश्री नहीं मिला। उन्हें यह नागरिक सम्मान तो मिलना ही चाहिए था। हालांकि उनके परिवार में पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर और शशि कपूर को दादा साहब फाल्के जैसे शिखर सम्मान बी मिले। लेकिन इस कपूर परिवार के दो सदस्य ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) और शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) ऐसे रहे जिन्हें पदमश्री तक नहीं मिला।

यह भी पढ़ें- Akshay Kumar: खिलाड़ी कुमार का नया खेल-‘खेल खेल में’, जानिए कैसी है अक्षय की यह फिल्म और कब होगी रिलीज

Related Articles

Back to top button