NSD Summer Theatre Festival: एनएसडी के समर थिएटर फेस्टिवल में दिल्ली से लद्दाख तक होंगे 9 नाटकों के 37 मंचन, ‘ताज महल का टेंडर’ भी बनेगा बड़ा आकर्षण, जानिए इस नाट्योत्सव के बारे में सब कुछ

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 

देश का प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय’ (National School of Drama) का रंगमंडल (NSD Repertory Company) 23 मई से अपना ‘ग्रीष्म कालीन नाट्य महोत्सव’ (NSD Summer Theatre Festival) शुरू करने जा रहा है। इस चर्चित नाट्योत्सव की एक खास बात यह भी है कि दिल्ली के साथ पहली बार लद्दाख में भी इसका आयोजन हो रहा है। इस आयोजन में 9 नाटकों की कुल 37 प्रस्तुति होंगी। दिल्ली में 23 मई से 15 जून तक के पूरे आयोजन में 9 नाटकों के 32 मंचन होंगे तो लद्दाख में 26 से 30 जून के दौरान कुल 5 प्रस्तुति होंगी।

कौन कौन से नाटक देखने को मिलेंगे

रंगमंच प्रेमियों के लिए इस समारोह में बड़े निर्देशकों के प्रसिद्द नाटकों को देखना निश्चय ही सुखद रहेगा। इन नाटकों में रामगोपाल बजाज के निर्देशन में ‘अंधायुग’ और ‘लैला मजनू’ जैसे दो नाटक हैं। वहाँ देवेंद्र राज अंकुर के निर्देशन में ‘बंद गली का आखिरी मकान’ और भारती शर्मा के निर्देशन में ‘खूब लड़ी मर्दानी’ हैं। साथ ही राजेश सिंह के निर्देशन में प्रसिद्द संगीतमय नाटक ‘बाबूजी’ का मंचन होगा। उधर अजय कुमार ‘माई री मैं कासे कहूँ’ का निर्देशन करेंगे। फिर विदुषी रीता गांगुली का ‘अभिज्ञानशाकुंतलम’ भी है। इनके साथ स्वर्गीय उषा गांगुली निर्देशित नाटक ‘बायेन’ भी समारोह में शामिल है।

नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ होगा समारोह का सबसे बड़ा आकर्षण

इस समारोह का एक बड़ा आकर्षण नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ भी रहेगा। इसी नाटक से समारोह का आरंभ होगा। ‘ताजमहल का टेंडर’ (Taj Mahal Ka Tender) का विशेष आकर्षण इसलिए भी है कि इस नाटक ने अपने 25 बरस पूरे कर लिए हैं। यूं तो इस नाटक को इप्टा सहित कुछ और भी नाट्य समूह करते आ रहे हैं। लेकिन इसका पहला मंचन करीब 25 साल पहले चितरंजन त्रिपाठी (Chittaranjan Tripathy) ने रंगमंडल से ही किया था। आज वही चितरंजन (Chittaranjan Tripathy) रानावि (NSD) के निदेशक (Director) भी हैं। इस नाट्य महोत्सव को लेकर निदेशक के साथ रंगमंडल के प्रमुख राजेश सिंह और रानावि के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार मोहंती ने बहुत सी बातें बतायीं।

सिर्फ 12 दिन में तैयार हुआ था  ‘ताजमहल का टेंडर’

चितरंजन (Chittaranjan Tripathy) बताते हैं-“मैं एनएसडी (NSD) से पास होकर रंगमंडल के साथ बतौर कलाकार काम कर रहा था। तभी अजय शुक्ला द्वारा लिखित ‘ताजमहल का टेंडर’ (Taj Mahal Ka Tender) निर्देशित करने का मौका मिला। तब सिर्फ 12 दिन में हमने इस नाटक को तैयार किया था। ऊपर वाले के आशीर्वाद से यह नाटक इतना सफल हुआ कि अब तक पसंद किया जा रहा है।”

एनएसडी (NSD) के निदेशक ने यह भी बताया “यह नाटक अफसरशाही, लालफीताशाही, बाबूगिरी आदि पर करारा व्यंग्य है। मेरे लिए यह दोहरी खुशी है कि इस नाटक ने 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। साथ ही पहली बार यह ग्रीष्म नाट्य समारोह लद्दाख में होने जा रहा है।‘’

उधर राजेश सिंह बताते हैं-‘’पिछली बार हम इस समारोह को ओड़ीसा लेकर गए थे। इस बार लद्दाख लेकर जा रहे हैं। रानावि और रंगमंडल का उद्देश्य यही है कि हमारा रंगमंच देश के कोने कोने तक पहुंचे,दुनिया भर में पहुंचे।‘’

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