संसद ने तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त किया

नई दिल्ली । संसद के दोनों सदनों ने मंगलवार को भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए प्राकृतिक आपदा से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त किया। लोकसभा और राज्यसभा में दिवंगत आत्माओं के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में रिक्टर पैमाने पर 7.8 की तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिसके बाद भूकंपों की एक श्रृंखला ने भारी तबाही मचाई, दोनों देशों में जानमाल का नुकसान हुआ और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। जैसा कि मीडिया में बताया गया, 4000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई और सैकड़ों लोग घायल हैं। बड़ी संख्या में लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश ने तुरंत अपनी ओर से उन देशों में अधिकारियों की सहायता के लिए एनडीआरएफ खोज और बचाव दल, विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य उपकरणों के रूप में मदद भेजी। आपदा की इस घड़ी में हम तुर्की और सीरिया की सरकारों और लोगों के साथ अपनी एकजुटता का विस्तार करते हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में बड़े भूकंप के झटकों से सैकड़ों इमारतें गिर गईं। बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई और अनेक लोग घायल हो गए। अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि हम आपदा के समय तुर्की और सीरिया के लोगों के प्रति सहयोग और सहायता के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। दुख की इस घड़ी में प्रत्येक भारतीय दोनों देशों के प्रभावित लोगों के साथ खड़ा है।

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