Mukhtar Ansari Death: कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की मौत, कौन था यह अपराधी, क्या है इसका इतिहास, जिसके जाने पर पूरी पुलिस हुई हाई अलर्ट
![](http://www.punarvasonline.com/wp-content/uploads/2024/03/mukhtar-ansari.jpg)
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार
पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी की आज गुरुवार रात 8 बजकर 25 मिनट पर मौत हो गई है। बांदा जेल में बंद मुख्तार को आज शाम उल्टी और बेहोशी के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया था।
सुरक्षा कारणों को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट कर दिया गया। मुख्तार के पैतृक गांव गाजीपुर सहित बांदा, आजमगढ़, अलीगढ़, मऊ ही नहीं बनारस और लखनऊ सहित कुछ अन्य नगरों में तो सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गई है। गाजीपुर में मुख्तार के घर लोग पहुंचने लगे हैं।
अपराध की दुनिया का बड़ा नाम रहे मुख्तार की मौत के बाद कानूनी व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पुलिस हाई अलर्ट के साथ , सड़कों पर उतर आई है। लखनऊ में फ्लैग मार्च किया जा रहा है। कुछ जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। अन्य सुरक्षा बलों और अर्ध सैनिक बलों को भी सुरक्षा व्यवस्था में लगा दिया गया है।
कौन था मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी पर 65 मुकदमे दर्ज हुए। जिनमें पहला मुकदमा हत्या का 1988 में दर्ज हुआ। लेकिन कोई मुख्तार के खिलाफ बोलने या गवाही देने से डरता था। इसलिए मुख्तार अक्सर बच निकलता था। लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार आने से हालात बदले। अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगने लगा।
मुख्तार और उसके साथियों की भी करीब 600 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त कर ली गई या उस पर बुलडोजर चला दिया गया। गवाहों को गवाही देते समय और बाद में भी सुरक्षा दिलाई गई। जिसके चलते मुख्तार को पहली बार सजा सन 2022 में हुई। उसके बाद मुख्तार को विभिन्न अपराधों में लगातार सजा मिलती आ रही है । जिसमें उम्र कैद से लेकर 10 बरसों या विभिन्न अन्य सजायें शामिल हैं।
5 बार रहा विधायक
कभी उत्तर प्रदेश में अपराध का कुख्यात नाम बन चुका मुख्तार कुल 5 बार उत्तर प्रदेश में विधायक भी रहा। दो बार वह मायावती की पार्टी बीएसपी के टिकट पर और दो बार निर्दलीय के रूप में और एक बार वह कौमी एकता पार्टी के टिकट पर विधायक चुना गया।
अब वह 2005 से जेल में बंद था। लेकिन योगी सरकार आने से पहले जेल में उसे काफी सुविधाएं मिलती थीं। बताया जाता है कि वह जेल से ही अपना गैंग चलाता था। लेकिन योगी सरकार ने सख्ती बरतते हुए मुख्तार अंसारी को जेल में एक आम अपराधी, एक आम कैदी के रूप में रहने पर मजबूर कर दिया था। जिससे वह जेल से अपराध की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में असमर्थ स हो गया था।
सियासत हो गई है गर्म
हालांकि कुछ दिन पहले मुख्तार ने उसे जेल के खाने में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। उधर दो दिन पहले मुख्तार को स्वास्थ कारणों से बांदा अस्पताल में दिखाकर वापस जेल भेज दिया गया था। इन कारणों से वह पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में चल रहा था। इधर अब उसकी मौत से सियासत गर्म हो गई है।
यह भी पढ़ें- दिल्ली शराब घोटाला: केजरीवाल को नहीं मिली अदालत से राहत, अब 1 अप्रैल तक बढ़ी रिमांड