मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब अगले 5 साल तक गरीबों को मिलेगा मुफ्त राशन
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को पहली जनवरी 2024 से और पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना के अंतर्गत देश में 81 करोड़ से अधिक गरीबों को पांच किलोग्राम अनाज निशुल्क दिया जाता है। अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम अनाज निशुल्क प्रदान उपलब्ध कराया जाता है।
सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद नई दिल्ली में बताया कि इस ऐतिहासिक फैसले से यह योजना विश्व की सबसे बड़ी समाज कल्याण योजनाओं में शामिल हो जाएगी। इसका उद्देश्य और पांच वर्ष तक 11 लाख 80 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि निशुल्क अनाज उपलब्ध कराने से देश भर में एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी का एक समान कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा तथा विकल्प-आधारित यह प्लेटफॉर्म और मजबूत होगा।
पीएमजीकेएवाई के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न (चावल, गेहूं और मोटा अनाज/पोषक अनाज) खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ बनाएगा और जनसंख्या के निर्धन और निर्बल वर्गों की किसी भी वित्तीय कठिनाई में कमी लाएगा। यह एक समान लोगो के तहत 5 लाख से अधिक उचित मूल्य की दुकानों के नेटवर्क के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण में राष्ट्रव्यापी एकरूपता प्रदान करेगा।
मंत्रिमंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने की केन्द्रीय क्षेत्र की योजना को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि कृषि कार्यों के लिए 2023-24 से 2025-26 तक 15 हजार चयनित स्वयं सहायता समूहों को किराये पर ड्रोन उपलब्ध कराये जाएंगे। इस योजना को एक हजार दो सो इकसठ करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि 16वें वित्त आयोग के लिए संदर्भ-शर्तों को भी मंजूरी दे दी गई है। वित्त आयोग, संघ तथा राज्यों के बीच करों की शुद्ध आय के वितरण और राज्य में पंचायतों तथा नगरपालिकाओं के संसाधनों के पूरक के लिए समेकित कोष को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों के बारे में सुझाव देगा।
सूचना प्रसारण मंत्री ने यह भी बताया कि आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत गठित निधियों के संदर्भ में आपदा प्रबंधन पहल के वित्तपोषण पर वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा और उस पर उचित सिफारिशें कर सकता है। यह 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच वर्ष की अवधि को कवर करते हुए अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 तक उपलब्ध कराएगा।