Mann Ki Baat @100: मन की बात ने कभी भी राजनीतिक रंग नहीं लिया, बोले अमित शाह, डाक टिकट और सिक्का भी किया जारी

गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर बुधवार 26 अप्रैल को विज्ञान भवन में ‘मन की बात’ के 100 एपिसोड पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित  राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ का देशवासियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा करने के लिए दिनभर चलने वाले कार्यक्रम का समापन हुआ।

कार्यक्रम के दौरान श्रोताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि मन की बात एक अनूठा प्रयोग है जिसने हमारे लोकतंत्र की नींव को मजबूत किया है। इसके माध्यम से युवाओं और आकाशवाणी के बीच एक जुड़ाव भी स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि नागरिकों और सरकार के बीच संवाद लोकतंत्र के प्रमुख कार्यों में से एक है और लोकतंत्र की शक्ति इस संवाद की मजबूती और प्रभावशीलता से निर्धारित होती है। 99 एपिसोड वाले ‘मन की बात’ के संवाद ने देश के रचनात्मक कौशल और नैतिक ताने-बाने को एक मंच प्रदान किया है।

उन्होंने भारतीय शासन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख योगदान को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था से जातिवाद, भाई-भतीजावाद और तुष्टिकरण की राजनीति को समाप्त करने का काम किया है, जो सामान्य मताधिकार की अभिव्यक्ति को भ्रष्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि अब देश की राजनीति राजनीतिक क्षमता के प्रदर्शन वाली एक प्रणाली बन चुकी है, जहां प्रदर्शन करने वाले लोग ही जनता की सेवा करने के हकदार हैं।

गृह मंत्री ने आगे कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण योगदान, पद्म पुरस्कारों का लोकतंत्रीकरण करना है, जो लंबे समय से सिफारिशों वाली एक प्रणाली के बंधक बने हुए थे। अब कोई भी आम नागरिक जिसने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है और पुरस्कार प्राप्ति का हकदार है, वह इसे प्राप्त कर सकता है।

मन की बात ने समाज को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए, छोटी क्षमता और छोटे सामाजिक प्रयोग करने वाले लोगों को एक बड़ा मंच प्रदान किया है। श्री शाह ने कहा कि विश्व के अन्य प्रसिद्ध नेताओं की इस प्रकार की बातचीत ने राजनीतिक रूप लिया है लेकिन मन की बात ने कभी भी राजनीतिक रंग नहीं लिया है।

अमित शाह ने कहा कि मन की बात ने पूरे भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और लोगों के विभिन्न समूहों की समस्याओं वाले विभिन्न विषयों को कवर किया है, जिससे देश की अंतरात्मा पर बहुत प्रभावी असर पड़ा है। इसने स्वच्छ भारत, फिट इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत और सुगम्य भारत जैसे जन जागरूकता और सामाजिक परिवर्तन वाले कई कार्यक्रमों को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है।

मन की बात ने एक संचार उपकरण की तरह काम किया है और इसने देश के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में ईमानदारी से चर्चा की है, इसने लोगों को इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रमुख हितधारकों में तब्दील किया है और उन्हें जमीनी समाधान की ओर अग्रसर किया है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की जा रही संचार पद्धति चार स्तंभों पर निर्मित है और यह भावनात्मक है, यह आध्यात्मिक है, यह बौद्धिक है और यह शारीरिक क्रिया के लिए प्रोत्साहित करने वाला है। मंत्री ने कहा कि मन की बात एक परफेक्ट कम्युनिकेशन है जिसमें (पी-पीस, ई-एम्पावरमेंट, आर-रिफ्लेक्टिव, एफ-फेस्टिव, ई-इकोनॉमिक डेवलपमेंट, सी-केयरिंग, टी-थॉटफुल) से संबंधित हैं।

मंत्री ने कहा कि मन की बात ने खादी को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार करने में अपना योगदान दिया है। मन की बात के प्रभाव का आंकलन इस बात से किया जा सकता है कि प्रधानमंत्री द्वारा घरेलू स्तर पर खिलौने बनाने और खिलौना उद्योग का समर्थन करने के बाद से खिलौनों का आयात 2018-19 में 371 मिलियन डॉलर से 70 प्रतिशत कम होकर 2021-22 में 110 मिलियन डॉलर हो गया जबकि इसी अवधि में इसका निर्यात 202 मिलियन डॉलर से बढ़कर 326 मिलियन डॉलर हो गया।

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि मन की बात समाज की छिपी शक्तियों को विकसित करने का एक मंच है, यह लोगों के ईमानदार प्रयासों को स्वीकार करने वाला एक मंच है, यह देश की बहुआयामी प्रगति की दिशा में काम करने वाले राष्ट्र के लोगों को प्रेरित करने वाला एक तंत्र है।

अपने संबोधन में, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2014 में राजनीतिक बदलाव ने लोगों और सरकार को संरेखित किया, जो पहले एक टकराव का स्थल हुआ करता था। लोगों और सरकार में भरोसा रखने वाले लोगों के लिए काम करने वाली सरकार में एक प्रत्यक्ष परिवर्तन देखा गया।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सुशासन के लिए संवाद एक अनिवार्य तत्व है और मन की बात इसके लिए एक सटीक वितरण तंत्र बन चुका है। प्रधानमंत्री के मन की बात ने रेडियो को एक नए संचार तंत्र में परिवर्तित किया है। इस कार्यक्रम ने प्रसारण में रेडियो की शक्ति को बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री के शब्दों को सभी लोगों के लिए सुलभ बना दिया है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोगों को मन की बात प्रसारण के क्रमिक विस्तार के बारे में जानकारी प्रदान की, जिसका प्रसारण हिंदी में शुरू हुआ और इसका अंग्रेजी संस्करण 31 जनवरी, 2016 को और संस्कृत संस्करण 28 मई, 2017 से शुरू हुआ। मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में मन की बात 23 भाषाओं और 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित की जाती है।

तीनों गणमान्य मंत्रियों ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को चिह्नित करने के लिए ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।

इस अवसर पर पंकज चौधरी, वित्त राज्य मंत्री और अपूर्व चंद्रा, सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button