Kaagaz 2: ‘कागज’ से सच होगा सतीश कौशिक का आखिरी सपना

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

सतीश कौशिक (Satish Kaushik) को दुनिया से विदा हुए अब एक साल होने जा रहा है। पिछले बरस 9 मार्च को इस प्रतिभाशाली अभिनेता का दिल्ली में निधन हो गया था। इधर अब सतीश (Satish Kaushik) की पत्नी शशि कौशिक (Shashi Kaushik) अपने पति की अंतिम फिल्म को रिलीज करने के साथ, उनके अंतिम सपने को भी पूरा करने जा रही है। उनकी इस फिल्म का नाम है –‘कागज-2’ (Kaagaz 2)।

इस होम प्रॉडक्शन फिल्म में सतीश (Satish Kaushik) स्वयं तो बड़ी भूमिका में हैं ही। साथ ही अनुपम खेर (Anupam Kher), नीना गुप्ता (Neena Gupta), दर्शन कुमार (Darshan Kumar), स्मृति कालरा (Smriti Kalra), अनंग देसाई (Anand Desai) और किरण कुमार (Kiran Kumar) भी अन्य मुख्य भूमिकाओं में हैं।

फिल्म का निर्देशन वीके प्रकाश (VK Prakash) ने किया है। यह फिल्म जनवरी 2021 में आई उस ‘कागज’ (Kaagaz) का  सीकवेल है, जिसका निर्माण, निर्देशन सतीश कौशिक (Satish Kaushik) ने ही किया था। फिल्म का प्रसारण ज़ी-5 (Zee5) ओटीटी पर हुआ था।

शशि कौशिक (Shashi Kaushik) बताती हैं-‘’सतीश जी (Satish Kaushik) ने ‘कागज-2’ (Kaagaz 2) की शूटिंग तो पूरी कर ही ली थी। इसका कुछ संपादन भी कर चुके थे। लेकिन फिल्म की पोस्ट प्रॉडक्शन में समय लग गया। इस फिल्म की कहानी पिछली फिल्म ‘कागज’ (Kaagaz) से नहीं मिलती लेकिन यह फिल्म भी सत्य कथा पर आधारित है। सतीश जी (Satish Kaushik) ने इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत की। इस विषय को पर्दे पर उतारने के लिए उन्होंने दिन रात एक कर दिये थे। वह चाहते थे यह फिल्म थिएटर पर रिलीज हो। इसलिए हम अब इसे एक मार्च को थिएटर पर ही रिलीज कर रहे हैं।‘’

Kaagaz 2 की कहानी क्या है ?

सतीश कौशिक (Satish Kaushik) की इस अंतिम फिल्म कागज 2 (Kaagaz 2) का विषय बहुत ही अच्छा और प्रासंगिक है। इन दिनों जिस तरह किसान संघ अपना आंदोलन कर पंजाब-हरियाणा सीमा पर रास्ते रोककर सभी का नुकसान कर रहे हैं। यह फिल्म भी एक ऐसे दर्द को दिखाएगी, जिसमें आंदोलन का शिकार होकर एक परिवार बुरी तरह टूट जाता है।

कागज 2 (Kaagaz 2) फिल्म एक ऐसे पिता की कहानी है जिसकी बेटी आईएएस बनना चाहती है। लेकिन एक दुर्घटना के कारण जब उसे अस्पताल ले जाया रहा होता है तो रास्ते में आंदोलन के चलते वह समय रहते अस्पताल नहीं पहुँच पाती। उसका निधन हो जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि आप कुछ देर पहले आए होते तो हम इसकी जान बचा सकते थे।

कागज 2 (Kaagaz 2) फिल्म का स्लोगन है- ‘’अपने रास्ते बनाने के लिए दूसरों के रास्ते बंद मत करो।‘’ आए दिन प्रदर्शन और रैली करके आम जनों को परेशान करने वाले लोग काश इस फिल्म से सबक ले सकें। जो अपने अधिकारों के बहाने दूसरों के अधिकार छीन रहे हैं।

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