20 करोड़ एकादशी व्रत के समान है अकेला जन्माष्टमी व्रत, जानिए आज का पंचांग और जन्माष्टमी व्रत और पंजीरी प्रसाद का महत्व

🌤️  दिनांक – 5 सितम्बर 2023

🌤️ दिन – मंगलवार

🌤️ विक्रम संवत – 2080

🌤️ शक संवत -1945

🌤️ अयन – दक्षिणायन

🌤️ ऋतु – शरद ॠतु

🌤️ मास – भाद्रपद

🌤️ पक्ष – कृष्ण

🌤️ तिथि – षष्ठी शाम 03:46 तक तत्पश्चात सप्तमी

🌤️ नक्षत्र – भरणी सुबह 09:00 तक तत्पश्चात कृत्तिका

🌤️ योग – व्याघात रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात हर्षण

🌤️ राहुकाल – दिल्ली समयानुसार शाम 03:29 से शाम 05:08 तक

🌞 सूर्योदय-06:00

🌤️ सूर्यास्त- 18:38

दिल्ली समयानुसार

👉 दिशाशूल- उत्तर दिशा में

🚩 व्रत पर्व विवरण – रांधण षष्ठी, मंगलागौरी पूजन, शिक्षक दिवस

🌷 जन्माष्टमी व्रत की महिमा 🌷

6 सितम्बर 2023 बुधवार को जन्माष्टमी (स्मार्त) 7 सितम्बर 2023 गुरुवार को जन्माष्टमी (भागवत)

भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को कहते हैं :“20 करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत हैं |”

धर्मराज सावित्री से कहते हैं : “ भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है वह 100 जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है |”

🌷 चार रात्रियाँ विशेष पुण्य प्रदान करनेवाली हैं

🙏 दिवाली की रात, महाशिवरात्रि की रात, होली की रात और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात।

इन विशेष रात्रियों का जप, तप , जागरण बहुत बहुत पुण्य प्रदायक है |

🙏 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा जाता है। इस रात में योगेश्वर श्रीकृष्ण का ध्यान,नाम अथवा मन्त्र जपते हुए जागने से संसार की मोह-माया से मुक्ति मिलती है। जन्माष्टमी का व्रत व्रतराज है। इस व्रत का पालन करना चाहिए।

🌷 जन्माष्टमी व्रत-उपवास की महिमा 🌷

🙏🏻 जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए, इससे बड़ा लाभ होता है

🙏🏻 ‘वायु पुराण’ सहित कई ग्रंथों में जन्माष्टमी के दिन की महिमा लिखी है। ‘जो जन्माष्टमी की रात्रि को उत्सव के पहले अन्न खाता है, भोजन कर लेता है वह नराधम है’ – ऐसा भी लिखा है, और जो उपवास करता है, जप-ध्यान करके उत्सव मना के फिर खाता है, वह अपने कुल की पीढ़ियाँ तार लेता है और वह मनुष्य परमात्मा को साकार रूप में अथवा निराकार तत्त्व में पाने में सक्षमता की तरफ बहुत आगे बढ़ जाता है ।

इसका मतलब यह नहीं कि व्रत की महिमा सुनकर मधुमेह वाले या कमजोर लोग भी पूरा व्रत रखें ।

💥 बालक, अति कमजोर तथा बूढ़े लोग अनुकूलता के अनुसार थोड़ा फल आदि खायें ।

🙏🏻 जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है ।

🙏🏻 उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्त्व है। जिसको क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का और अपने गुरु मंत्र का थोड़ा जप करने को भी मिल जाय, उसके त्रिताप नष्ट होने में देर नहीं लगती ।

🙏🏻 ‘भविष्य पुराण’ के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत संसार में सुख-शांति और प्राणीवर्ग को रोगरहित जीवन देनेवाला, अकाल मृत्यु को टालनेवाला, गर्भपात के कष्टों से बचानेवाला तथा दुर्भाग्य और कलह को दूर भगानेवाला होता है।

🙏🏻 जन्माष्टमी पर पंजीरी प्रसाद का महत्व

🔸जन्माष्टमी के दिन पंजीरी का प्रसाद बनाया जाता है जो, कफ शमन करता है। वात के प्रकोप, पित्त के संचय को कम करता है। यह पाचन के लिए, आंखों के लिए लाभदायक है। पंजीरी दिमागी तरावट, मस्तिष्क संबंधी समस्याओं में फायदेमंद है ।

घर पर भी ऐसे बना सकते हैं पंजीरी प्रसाद

सामग्री

धनियां पाउडर- 100 ग्राम

देशी घी – 3 से 4 टेबल स्पून

मखाने – 10-15 ग्राम

पिसी मिश्री – 100 ग्राम

काजू ,बादाम – 8 से 10 (बारीक कटे हुये)

चिरोंजी – एक चम्मच

विधि

🔸कढ़ाई में 2 टेबल स्पून घी डालें और बारीक पिसे धनियां पाउडर को अच्छी खुशबू आने तक भून लिजिये । बचे हुए घी में मखाने डाल कर भून लें।  मखाने भूनने के बाद मखाने को किसी भारी चीज से या हाथ से तोड़ कर बारीक या दरदरा कर लीजिये। काजू और बादाम को भी छोटे-छोटे टुकड़ो में काट लीजिये। अब भुने हुए धनियां पाउडर में मखाने, काजू , बादाम एवं पिसा हुआ मिश्री मिला कर पंजरी बना लीजिए ।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई

आप बेहद भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म 5 को हुआ है। जबकि 5 का अंक बुध ग्रह का प्रतिनिधि करता है। ऐसे व्यक्ति अधिकांशत: मितभाषी होते हैं। कवि, कलाकार, तथा अनेक विद्याओं के जानकार होते हैं।

आपमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना मुश्किल है। अर्थात अगर आप अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं तो आपको कोई भी बुरी संगत बिगाड़ नहीं सकती। अगर आप खराब आचरण के हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सुधार नहीं सकती। लेकिन सामान्यत: 5 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति सौम्य स्वभाव के ही होते हैं।

आपमें गजब की आकर्षण शक्ति होती है। आपमें लोगों को सहज अपना बना लेने का विशेष गुण होता है। अनजान व्यक्ति की मदद के लिए भी आप सदैव तैयार रहते हैं।

शुभ दिनांक : 1, 5, 7, 14, 23

शुभ अंक : 1, 2, 3, 5, 9, 32, 41, 50

शुभ वर्ष : 2030, 2032, 2034, 2050, 2059, 2052

ईष्टदेव : देवी महालक्ष्मी, गणेशजी, मां अम्बे।

शुभ रंग : हरा, गुलाबी जामुनी, क्रीम

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