Happy Birthday Mumtaz: इस देश में मना रही हैं दिलकश अभिनेत्री मुमताज़ आज अपना बर्थडे, जानिए कौन कौन शामिल हो रहा है समारोह में

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

अपने समय की दिलकश अभिनेत्री मुमताज़ (Mumtaz) का नाम आते ही उनकी दो रास्ते, खिलौना, सच्चा झूठा, अपना देश, लोफ़र, तेरे मेरे सपने, झील के उस पार, रोटी और चोर मचाये शोर जैसी कितनी ही फिल्में याद हो आती हैं।

आज वही मुमताज़ (Mumtaz) 76 बरस की हो गयी हैं। अपने इस जन्म दिन को मुमताज़ (Mumtaz) मुंबई में ना मनाकर, हजारों मील दूर अफ्रीका के एक खूबसूरत देश में मना रही हैं।

बेहद लोकप्रिय अभिनेत्री मुमताज़ (Mumtaz) चाहे अब मुंबई में बहुत कम रहती हैं और विदेशों में ज्यादा। लेकिन उनसे अक्सर फोन- व्हाट्सएप पर मेरी बातचीत होती रहती है। मुमताज़ जिस साफ़गोई और खुले दिल से बात करती हैं, उनका वह अंदाज़ मोह लेता है।

मुमताज़ (Mumtaz) का 31 जुलाई को जन्म दिन हैं। मैंने उन्हें व्हाटसएप करके पूछा कि वह इस बार अपना जन्म दिन कहाँ मना रही हैं ? तो उन्होंने अपना ऑडियो मेसेज भेजकर बताया- मैं अपना जन्म दिन युगांडा (Uganda) में मना रही हूँ।

यह संयोग है कि मैं कल जब उनपर अपना यह लेख लिख रहा था। तभी मुमताज़ (Mumtaz) से युगांडा में दो बार फोन से बात हुई। असल में उनका जन्म दिन 31 जुलाई को है तो मेरा 29 जुलाई को। मैं तो उन्हें 31 को बधाई देता, लेकिन उससे पहले मुमताज़ (Mumtaz) ने मुझे बधाई देते हुए कहा- अजीब इत्तफाक है कि आपका और मेरा बर्थडे पास पास है, ए वेरी हैप्पी बर्थडे टू यू।‘’ ज़ाहिर है मुमताज़ (Mumtaz) की यही बातें उन्हें और बड़ा बनाती हैं।

बता दें मुमताज़ (Mumtaz) ने पिछले बरस भी अपना 75 वां जन्म दिन युगांडा में मनाया था। तब मैंने उनका वहीं से एक बड़ा इंटरव्यू किया था। आपको जानकार हैरानी होगी कि युगांडा की राजधानी कम्पाला के निकट ककीरा में, उनके पति मयूर माधवानी (Mayur Madhvani) के परिवार का 80 हज़ार एकड़ में फैला अपना ‘माधवानी नगर’ (Madhvani Nagar) है।

मुमताज़ (Mumtaz) हिन्दी सिनेमा की एक ऐसी हीरोइन रही हैं जिन्होंने अपने फिल्म करियर में कई ऐसे इतिहास रचे, जो आज भी सभी को हैरान करते हैं। मुंबई में 1947 को जन्मी मुमताज़ (Mumtaz) ने अपनी लग्न, मेहनत और प्रतिभा के बल पर अपनी ही नहीं सिनेमा की दुनिया भी बदल दी थी।

12 साल की उम्र में शुरू कर दिया था फिल्मों में काम  

मुमताज़ (Mumtaz) ने यूं 12 साल की उम्र में ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। बाद में कभी एक्स्ट्रा कलाकार और फिर छोटी सहायक भूमिकाओं में मुमताज़ (Mumtaz) ने करीब 25 फिल्में कीं। नायिका के रूप में मुमताज़ (Mumtaz) को पहला मौका दारा सिंह (Dara Singh) के साथ फिल्म ‘फौलाद’ में 1963 में मिला। यह फिल्म सफल हुई तो मुमताज़ (Mumtaz) की दारा सिंह (Dara Singh) के साथ ऐसी जोड़ी ज़मीं कि दोनों ने एक साथ 16 फिल्में करके एक रिकॉर्ड बना दिया। जिनमें टार्जन (Tarzan), सैमसन, किंग काँग (King Kong), डाकू मंगल सिंह, हरक्युलिस (Hercules) और रुस्तम ए हिन्द जैसी फिल्में शामिल हैं। इससे मुमताज़ (Mumtaz) को नायिका के रूप में काम तो बहुत मिल गया लेकिन वह स्टंट फिल्मों की हीरोइन बनकर टाइपकास्ट हो गईं। तब कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि यही मुमताज़ जल्द ही शिखर की अभिनेत्री बन जाएगी।

‘राम और श्याम’ और ‘दो रास्ते’ से चमकी ज़िंदगी

असल में सन 1967 में आई दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की डबल रोल वाली फिल्म ‘राम और श्याम’ (Ram Aur Shyam) ने मुमताज़ (Mumtaz) की ज़िंदगी बदल दी। जिसमें वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) इनके साथ थीं।

यहाँ यह भी दिलचस्प है कि ‘राम और श्याम’ से पहले मुमताज़ करीब 40 फिल्में कर चुकी थीं। जबकि नायिका के रूप में पहली शानदार सफलता उन्हें राज खोसला (Raj Khosla) की फिल्म ‘दो रास्ते’ (Do Raaste) से मिली। इस फिल्म में राजेश खन्ना -मुमताज़ (Rajesh Khanna-Mumtaz) पहली बार साथ आए और इस फिल्म ने सफलता-लोकप्रियता का ऐसा परचम लहराया कि यह जोड़ी उस दौर की सुपर हिट जोड़ी बन गयी। ‘दो रास्ते’ में मुमताज़ पर फिल्मांकित एक गीत था-‘बिंदिया चमकेगी’, इसी के साथ मुमताज़ भी ऐसी चमकीं कि उन्होंने पूरी फिल्म इंडस्ट्री का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।

मुमताज़ की जोड़ी यूं तो दारा सिंह, धर्मेन्द्र (Dharmendra), देव आनंद (Dev Anand), फिरोज खान (Firoz Khan) और जीतेंद्र (Jeetendra) जैसे नायकों के साथ भी लोकप्रिय हुई। लेकिन राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा मशहूर हुई। खन्ना के साथ मुमताज़ ने 8 फिल्मों में काम किया। जिनमें दो रास्ते के अलावा बंधन, सच्चा झूठा, दुश्मन, अपना देश, रोटी, आपकी कसम और प्रेम कहानी फिल्में हैं।

मुमताज़ खुद एक समय में राजेश खन्ना को इतना पसंद करती थीं कि उन्होंने मुंबई में राजेश खन्ना के बंगले के साथ ही अपना बंगला भी ले लिया। हालांकि राजेश खन्ना ने डिम्पल से शादी कर ली और मुमताज़ भी मयूर से शादी करके लंदन चली गईं। लेकिन जब राजेश अपने अंतिम दिनों में कैंसर से जूझ रहे थे। तब मुमताज़ खास तौर से उनसे मिलने उनके ‘आशीर्वाद’ बंगले में गयी थीं। मुमताज़ को भी इससे कुछ बरस पहले कैंसर हो गया था। तब मुमताज़ ने राजेश को धीरज बँधाते हुए कहा था –“जैसे मैंने कैंसर से अपनी जंग जीत ली है, वैसे ही आप भी यह जंग जीत जाओगे”। मगर ऐसा हो नहीं सका।

शिखर पर रहकर फिल्मों से लिया संन्यास

इधर हम मुमताज़ के करियर का विश्लेषण करें तो मुमताज़ ने अपने फिल्म करियर में कुल लगभग 100 फिल्में कीं। जिनमें लगभग 60 फिल्में हिट या सुपर हिट रहीं। जहां ‘रूप तेरा मस्ताना’ में मुमताज़ ने डबल रोल भी किया। वहाँ ‘खिलौना’ फिल्म के लिए तो मुमताज़ को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।

मुमताज़ ने जब 1974 में मयूर माधवानी (Mayur Madhvani) से शादी करके फिल्मों को अलविदा कहा था तब उनका करियर पीक पर था। ‘चोर मचाये शोर’, ‘रोटी’ और ‘आपकी कसम’ जैसी उनकी तीन सुपर हिट फिल्में उसी साल रिलीज हुईं थीं।

जबकि ‘प्रेम कहानी’ (Prem Kahani) और ‘नागिन’ (Naagin) उनकी शादी के बाद 1975-1976 में प्रदर्शित हुईं। उधर बतौर नायिका मुमताज़ की आखिरी और यादगार फिल्म ‘आइना’ 1977 में प्रदर्शित हुई। शादी के 13 साल बाद मुमताज़ ने बस एक ही फिल्म की ‘आंधियां’  (Aandhiyan) । निर्माता पहलाज निहालानी (Pahlaj Nihalani) की 1990 में रिलीज इस फिल्म में शत्रुघन सिन्हा (Shatrughan Sinha) उनके साथ थे। लेकिन तब तक मुमताज़ का चेहरा मोहरा काफी बदल चुका था। फिर वह फिल्म चली भी नहीं। तब से अब तक मुमताज़ फिल्मों से पूरी तरह दूर हैं। लेकिन मुमताज़ का करियर इतना शानदार रहा है कि आज भी उनका जादू बरकरार है।

बेटियाँ और बहन भी पहुंचे समारोह में

जब मैंने मुमताज़ से पूछा कि आपने पिछली बार भी अपना जन्म दिन युगांडा में मनाया था और यह भी ! क्या युगांडा से आपको खास प्यार है ?

यह पूछने पर मुमताज़ ने बताया – युगांडा में मेरे पति का बड़ा बिजनेस है। इसलिए मैं साल भर में एक बार तो युगांडा आती ही हूँ। इस बार भी मेरे पति मयूर, मेरी दोनों बेटियाँ तान्या (Tanya Madhvani) और नताशा (Natasha Madhvani), बहन मल्लिका Malika Askari इन सबके बच्चे युगांडा पहुँच गए हैं। इनके अलावा मयूर और मेरे युगांडा के कुछ दोस्त बर्थडे पार्टी में शामिल हो रहे हैं।‘’

मुमताज़ (Mumtaz) आगे बताती हैं-‘’ मुझे युगांडा में जन्म दिन मनाना अच्छा लगता है। मैं जब आपसे बात कर रही हूँ, मेरे बच्चे यहाँ स्वीमिंग कर रहे हैं। मेरे आसपास मंडरा रहे हैं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। आपको सच बताऊँ मैं अपने जन्म दिन पर मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से किसी को नहीं बुलाती। यूं भी हजारों मील चलकर इतने सारे पॉंन्डस खर्च करके भला मेरा जन्मदिन मनाने कोई क्यों आयेगा। इसके बावजूद मेरे बर्थडे समारोह में करीब 25 लोग तो घर घर के ही हो जाते हैं। इसी से अच्छी रौनक लग जाती है। हम सभी यहाँ खूब एंजॉय कर रहे हैं।”

हमारी तरफ से भी मुमताज़ आपको जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।

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