Bharat Rang Mahotsav 2024: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय कर रहा है विश्व के सबसे बड़े नाट्य उत्सव का आयोजन, 21 दिन के ‘भारत रंग महोत्सव’ में क्या क्या होगा खास, बताया परेश रावल, पंकज त्रिपाठी और एनएसडी निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) देश का सबसे बड़ा नाट्य विद्यालय तो है ही। जिसने अब तक कई महान रंगकर्मी के साथ अनेक फिल्म कलाकार भी देश को दिए है। अब यही राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी NSD) अपना प्रतिष्ठित ‘भारत रंग महोत्सव’ (भारंगम) (Bharat Rang Mahotsav) आयोजित करने जा रहा है। जो विश्व का सबसे बड़ा नाट्योत्सव होगा। जिसका आयोजन एक से 21 फरवरी के दौरान देश के 15 शहरों में होगा।

देखा जाए तो ‘भारंगम’ (Bharat Rang Mahotsav) इस वर्ष बेहद खास होने जा रहा है। एक तो इस बरस इसका 25 वां आयोजन है। इसलिए एनएसडी (NSD) ने इस रजत जयंती रंग उत्सव को और भी व्यापक और भव्य रंग में आयोजित करने का फैसला लिया है।

‘भारत रंग महोत्सव’ (Bharat Rang Mahotsav) को लेकर, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) ने अपने नयी दिल्ली परिसर में 27 जनवरी को एक पत्रकार सम्मेलन का भी आयोजन किया। जिसमें  एनएसडी के अध्यक्ष  और सुप्रसिद्द दिग्गज अभिनेता परेश रावल और एनएसडी के पूर्व छात्र तथा इन दिनों तेजी से लोकप्रिय हो रहे अभिनेता पंकज त्रिपाठी वर्चुअल रूप से जुड़े। जबकि  एनएसडी (NSD) के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, रजिस्ट्रार प्रदीप के मोहंती, और डीन शांतनु के साथ अभिनेत्री और एनएसडी की पूर्व छात्रा वाणी त्रिपाठी दिल्ली में मंच पर मौजूद रहीं।

चितरंजन  त्रिपाठी (Chittaranjan Tripathy) बताते हैं-‘’इस बार भारंगम (Bharat Rang Mahotsav) के लिए देश-विदेश से कुल 822 नाट्य प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं थीं। निर्णायक मण्डल ने इनमें से लगभग 150 नाटकों  को समारोह में मंचन के लिए चुना है। इससे यह विश्व का सबसे बड़ा नाट्य उत्सव भी बनने जा रहा है। रंग उत्सव की थीम भी इस बार ‘वसुधेव कुटुंबकम-वंदे भारंगम’ (Vasudhaiva Kutumbakam Vande Bharangam) रखी गयी है।

महोत्सव के लिए बना विशेष गान

‘भरंगम’ के लिए गीतकार और रानावि के पूर्व छात्र स्वानन्द किरकिरे (Swanand Kirkire) ने एक विशेष गान- ‘जय जय भारंगम, वंदे भारंगम’ भी लिखा है। जिसके लिए संगीत और स्वर एनएसडी के छात्रों ने ही दिये हैं। साथ ही पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) को इस वर्ष भारंगम (Bharat Rang Mahotsav) का रंग दूत भी बनाया गया है।‘’

मुंबई में ‘हमारे राम’ से होगा  ‘भारंगम’ का आरंभ

परेश रावल (Paresh Rawal) की मौजूदगी में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) एक फरवरी को, मुंबई के एनसीपीए में इस रंग उत्सव का शुभारंभ करेंगे। जिसकी शुरुआत आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) के नाटक ‘हमारे राम’ (Hamare Ram) से होगी।

जबकि उत्सव का समापन दिल्ली के कमानी सभागार में , चितरंजन त्रिपाठी (Chittaranjan Tripathy) के नाटक ‘समुद्र मंथन’ (Samudra Manthan) के साथ होगा।

इन दो महानगरों के अतिरिक्त भुज, पुणे, जोधपुर, वाराणसी, पटना, भुवनेश्वर, बैंगलुरु, गेंगटॉक, विजयवाड़ा, श्रीनगर, अगरतला, रामनगर और डिब्रूगढ़ जैसे शहरों में भी नाटकों का मंचन होगा। जबकि देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न भाषाओं के नाटक तो उत्सव में शामिल हो ही रहे हैं। साथ ही रूस, इटली, नेपाल, बांग्लादेश से भी कुछ नाटक इस महोत्सव में भाग लेंगे।

कोलकाता में भी खुले एनएसडी की शाखा

उत्सव को लेकर परेश रावल (Paresh Rawal) कहते हैं-‘’नाटकों को रंग कर्मी तो देखेंगे ही रंग धर्मी भी देखें। दूसरा हमको नाटकों की सबसे अधिक प्रविष्टियाँ पश्चिम बंगाल से आई हैं। इसलिए मैं चाहूँगा कोलकाता में भी एनएसडी की शाखा खुलनी चाहिए।‘’

‘भरंगम’ में इस वर्ष से  एक ‘रंग हाट’ भी शुरू किया जा रहा है।  जिससे एशिया में वैश्विक थिएटर बाजार बनने के साथ नाटकों  का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा किया जा सके। इससे नाट्य प्रतिभाओं को भी विश्व मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर तो मिलेंगे ही। साथ ही रंगमंच आर्थिक रूप से भी समृद्द  होगा।

‘भारत रंग महोत्सव’ (Bharat Rang Mahotsav) में दर्शकों और निर्देशकों के बीच संवाद के लिए भी एक मंच बनाया गया है। जहां दर्शक निर्देशक या कलाकारों से मिलकर अपनी बात उनके समक्ष रख सकते हैं। यहाँ तक मास्टर क्लास में अभिनय और रंगमंच के कई गुणों को भी सीख सकते हैं। महोत्सव में एक आनंदमय वातावरण बन सके इसके लिए समारोह के दौरान विभिन्न व्यंजनों के फूड हाट के साथ, प्रदर्शनियों, सेमिनार तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी किया गया है।

 जहां जरूरत होगी वहां पहुंचेंगे पंकज त्रिपाठी

पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) को एनएसडी (NSD) ने भारत रंग महोत्सव (Bharat Rang Mahotsav) का रंग दूत तो बना दिया। लेकिन पत्रकार सम्मेलन में दिल्ली ना पहुंचकर वह मुंबई से ही ऑनलाइन जुड़े। इस पर मैंने उनसे पूछा कि क्या आप मुंबई में रहकर ही इसके रंग दूत रहेंगे या दिल्ली और अन्य शहरों में जाकर भी इस महोत्सव के लिए कुछ करेंगे ? इस पर पंकज बोले- जहां भी जरूरत होगी मैं वहां जाऊंगा। आजकल तो ऑन लाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से सभी जगह जुडने की सुविधा है। कुछ दिन पहले मैं दिल्ली आकर भी भारत रंग महोत्सव के लिए काम करके गया हूँ।

देखिए ‘भारत रंग महोत्सव’ का एंथम सॉन्ग

 

 

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