आंध्र प्रदेश का तिरूपति बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, गज़ब तरीके से हो रहा है कचरे का प्रबंधन, मिली 5 स्टार रेटिंग

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरूपति सबसे बड़ा शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) है। तिरूपति नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 रैंकिंग में 1 लाख से अधिक आबादी वाले सबसे स्वच्छ शहरों में 8वां स्थान हासिल करने के बाद स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। इतना ही नहीं, इस शहर ने 5-स्टार कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) और वाटर प्लस रेटिंग हासिल की है, जिससे यह देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में स्थापित हो गया है।

तिरूपति एक ऐसा शहर है जो लगभग 115 टीपीडी गीला कचरा, 15 टीपीडी खाद्य अपशिष्ट, 61 टीपीडी सूखा और पुनर्चक्रण योग्य कचरा, 1 टीपीडी घरेलू खतरनाक कचरा, और 2 टीपीडी प्लास्टिक कचरा के अलावा प्रतिदिन 25 टन अतिरिक्त निर्माण और विध्वंस कचरा उत्पन्न करता है। ऐसे में इस शहर ने मजबूत कचरा प्रबंधन को प्राथमिकता दी है। वहां एकत्र किए गए सभी कचरे को संबंधित अपशिष्ट प्रसंस्करण और प्रबंधन सुविधाओं में वैज्ञानिक रूप से संसाधित किया जाता है।

तिरूपति नगर निगम टीम ने स्वच्छता सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए समर्पित लगभग 1000 स्वच्छता कर्मचारियों को नियोजित किया है। 100% डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का लक्ष्य हासिल करते हुए, शहर में प्लास्टिक और गैर-प्लास्टिक कचरे को अलग करने के लिए नीले, हरे और लाल डिब्बों से सुसज्जित घंटा गाड़ी या ऑटो टिपर सहित आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करके हर दरवाजे से कचरा उठाया जाता है।

इस शहर में वास्तविक समय में घर-घर कचरा संग्रहण ट्रैकिंग के लिए आरएफआईडी तकनीक के साथ एक ऑनलाइन अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (ओडब्ल्यूएमएस) काम करती है। निरंतर निगरानी और समर्पित स्वच्छता प्रयासों के साथ, इसने सभी दरवाजों से 100% सफल कचरा संग्रह दर सुनिश्चित की है। 238 चिन्हित स्थानांतरण जगहों के साथ इस शहर में द्वितीयक संग्रह के लिए 57 वाहन आवंटित किए गए हैं।

तिरूपति में विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रसंस्करण से केंद्रीकृत संयंत्रों पर बोझ कम हो जाता है, जिससे उनका कार्यभार और परिवहन लागत कम हो जाती है। बाजारों और उद्यानों में गीले कचरे के प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित किया गया है जहां बड़ी मात्रा में जैविक कचरा उत्पन्न होता है। वहां 6 विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाएं हैं जो 3 प्रमुख बाजारों और 3 उद्यानों में स्थित हैं।

इसके अलावा शहर में तीन अलग-अलग स्थानों पर 3 बायो चेस्ट मशीनें लगाई गई हैं। तिरूपति नगर निगम ने प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पादन करने वाले 27 और प्रतिदिन 50-100 किलोग्राम कचरा उत्पादन करने वाले 60 कचरा उत्पादकों की पहचान और उनका वर्गीकरण किया है।

तिरूपति में प्रतिदिन लगभग 60 टन सूखा कचरा और 1 टन घरेलू खतरनाक कचरा उत्पन्न होता है। थुकिवाकम में एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा के भीतर स्थित यह केंद्रीकृत सुविधा सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा के रूप में कार्य करती है। यहां, कचरे को व्यवस्थित रूप से पुनर्चक्रण योग्य और गैर-पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं में अलग किया जाता है। पुनर्चक्रण योग्य सामग्री प्रासंगिक पुनर्चक्रण संस्थाओं को बेची जाती है, जबकि अन्य को आरडीएफ के लिए निर्देशित किया जाता है या सीमेंट कारखानों के भट्टों में सह-प्रसंस्करण के लिए भेजा जाता है।

तिरूपति प्रतिदिन 2 टीपीडी प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है। इनके सही प्रसंस्करण के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं। प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन वर्तमान में थुकिवाकम में एक ट्रांजिट शेड में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में किया जाता है, जिसकी क्षमता प्रति दिन 5 टन कचरे का निस्तारण करने की है। यहां मुख्य रूप से निम्न-श्रेणी के प्लास्टिक कचरे पर काम होता है।

वर्तमान में पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक को पुनर्चक्रणकर्ताओं को बेचा जाता है, जबकि गैर-पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक को डालमिया सीमेंट्स में सह-प्रसंस्करण के लिए भेजा जाता है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण को बढ़ाने के लिए थुकिवाकम में एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा में एक स्थायी शेड का निर्माण किया जा रहा है। इ

स पहल का उद्देश्य शहर में उत्पन्न प्लास्टिक कचरे के प्रसंस्करण से लाभ को बढ़ावा देना है, जो प्रभावी प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में एक और महत्वपूर्ण कदम है। तिरुपति ने एक अनोखे तरीके से प्लास्टिक कचरे को रीसाइक्लिंग के लिए एक वॉशिंग प्लांट और एक एग्लोमरेटर मशीन (धाना मशीनरी) पेश की है। इस मशीनरी ने नगर निगम टीम को वर्ष के दौरान 263.29 टन प्लास्टिक दाने बेचने में सक्षम बनाया है।

 

थुकिवकम में बायो ग्रीन सिटी अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा में बायो-मीथेनेशन संयंत्र लगा है जो 50 टीपीडी जैविक कचरे को बायो-मीथेन गैस में बदल देता है। उच्च फाइबर वाले जैविक कचरे का उपयोग कृषि के लिए गुणवत्तापूर्ण खाद बनाने के लिए किया जाता है, जबकि इससे उत्पन्न बायो-गैस खाना पकाने, ऊर्जा और वाहन ईंधन के लिए होटलों और उद्योगों को बेची जाती है। संयंत्र से लगभग 1728 घन मीटर प्रतिदिन बायो-गैस प्रतिदिन उत्पन्न होता है। इस संयंत्र से प्रतिदिन 5 टन खाद भी प्राप्त होती है।

तिरूपति में प्रतिदिन 20-25 टन निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) कचरा पैदा होता है। इसके निस्तारण के लिए तिरूपति नगर निगम ने थुकिवाकम में 60 टन क्षमता के साथ सी एंड डी अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा स्थापित करने के लिए प्रो एनवायरो सॉल्यूशंस के साथ साझेदारी की है।

कचरे के प्रसंस्करण के बाद, संसाधित सामग्री का उपयोग कर्ब स्टोन, टाइल्स, रास्ते में बिछाने लायक  पेवर ब्लॉक इत्यादि के निर्माण के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है। नगर निगम इसका उपयोग फुटपाथ, सड़क के किनारे, पार्क आदि में विकासात्मक कार्यों के लिए करता है।

पहले से ही 2 लाख टन कचरे के बोझ से लदे तिरुपति में रामापुरम डंपसाइट को अब पूरी तरह से उपचारित कर लिया गया है, और अतिरिक्त 25.65 एकड़ भूमि फिर से हासिल कर ली गई है। प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन, नागरिक जागरूकता और समावेशी स्वच्छता की दृष्टि के प्रति तिरुपति की प्रतिबद्धता इस शहर को स्वच्छता पहल में एक अग्रणी शहर के रूप में स्थापित करती है।

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