Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फिर बढ़ने लगे हैं विश्व युद्ध के कयास, अब फ्रांस करेगा यूक्रेन की मदद

फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन की मदद के लिए यूरोपीय सेना भेजने की संभावनाओं पर खुले तौर पर चर्चा की है। इससे रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद सबसे बड़े जमीनी युद्ध का रूप लेने की आशंका बढ़ गई है।

हालांकि यूक्रेन में पश्चिमी लोकतांत्रिक देशों की सेना तैनात होने की संभावना अभी दूर की बात है लेकिन मैक्रों की टिप्पणियों पर रूस ने तुरंत प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा है कि ऐसा हुआ तो नाटो के साथ सीधे संघर्ष को टाला नहीं जा सकेगा। दूसरी तरफ नाटो के अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन में सेना तैनात करने की गठबंधन की कोई योजना नहीं है।

यूक्रेन के समर्थन में पेरिस में यूरोपीय राष्‍ट्राध्‍यक्षों और अन्‍य अधिकारियों के सम्‍मेलन के बाद फ्रांस के राष्‍ट्रपति ने घोषणा की है कि यूक्रेन में मध्‍यम और लम्‍बी दूरी की मिसाइलें भेजने के लिए नया गठबंधन बनाया जाएगा। फिलहाल यूक्रेन के लिए अमेरिकी सहायता पर विराम लग गया है इसलिए यूरोप पर यूक्रेन की सहायता करने का दबाव बढ़ गया है।

उधर यूक्रेन के सैनिकों के अनुसार उन्‍हें हथियारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है जिससे युद्ध में सैनिकों की जान जा रही है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की ने हाल ही में साक्षात्‍कार में कहा था कि यदि देश को अमेरिका से और सहायता नहीं मिली तो लाखों लोग मारे जाएंगे।

मैक्रों के बयान से फ्रांस और जर्मनी के बीच तनाव बढ़ गया है। इन दोनों देशों के संबंध मुख्‍य रूप से यूरोपीय राजनीतिक सहयोग पर आधारित हैं। मैक्रों ने कहा कि जर्मनी ने पहले यूक्रेन में केवल हेल्‍मेट और स्लीपिंग बैग ही भेजने की बात कही थी लेकिन अब वह मिसाइलों और टैकों की आपूर्ति के लिए प्रयासों पर बल दे रहा है।

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