सोम प्रदोष व्रत, इस विधि से करें पूजन तो पूर्ण होगी हर मनोकामना

प्रदोष व्रत की पूजा भगवान शिवजी को समर्पित होती है. मार्गशीर्ष मास (अगहन) में सोमवार 21 नवंबर 2022 के दिन प्रदोष व्रत का पर्व मनाया जाएगा. इसके बाद अगला प्रदोष व्रत 05 दिसंबर 2022 को पड़ेगा. 21 नवंबर को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बहुत खास माना जा रहा है. क्योंकि यह सोमवार के दिन पड़ रहा है. सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है.

सोमवार और प्रदोष व्रत दोनों भगवान शिवजी को समर्पित हैं. ऐसे में इस दिन किए गए पूजा-पाठ और व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होगा. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा में कुछ विशेष मंत्रों का जाप जरूर करें. इन मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

सोम प्रदोष व्रत की पूजा में करें इन मंत्रों का जाप
महा मृत्युंजय मंत्र- सोम प्रदोष व्रत में महा मृत्युंजय मंत्र को बहुत प्रभावी माना गया है. पूजा के दौरान इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

शिव गायत्री मंत्र- शिव गायत्री मंत्र भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रभावी मंत्र है. इस मंत्र जाप आप प्रदोष व्रत या फिर नियमित रूप से शिवजी की पूजा में कर सकते हैं.

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!

क्षमायाचना मंत्र- महादेव की पूजा के बाद भक्त को क्षमायाचना मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए. इससे पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियों का दोष नहीं लगता है. साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो।।

 

 

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